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लंड चाहे किसी का भी हो चूत मेरी चोदो - Lund chahe kisi ka ho lekin chudai meri hogi
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मैंने जबाब दिया - अरे तुम बिलकुल चिंता न करो अम्मी, ये तो वख्त बताएगी की कौन किसकी गांड मारती है ? मैंने तो ठान लिया है की मैं सास के सामने नन्द की बुर चोदूँगी और नन्द के सामने सास की बुर चोदूँगी ? सास की बुर हो चाहे नन्द की चूत मैं सबको अपनी उंगलियों पर नचाऊँगी।
अम्मी ने कहा - मुझे मालूम हुआ है की तेरी नन्द बहुत चालू चीज है। शादी के बाद भी कई लड़को के चक्कर में घूमा करती है। वैसे यह कोई बुरी बात नहीं है पर इससे कहीं वो तुम्हे परेशान न करे ? इसलिए तुम सबसे पहले यह पता लगाओ बेटी की तेरी नन्द के सम्बन्ध अपनी अम्मी से कैसे हैं। क्या वो दोनों सहेली बन कर रहतीं हैं। या फिर दोनों की पटती नहीं है। अगर पटती है तो कितनी दूर तक पटती है ? दोनों आपस में कैसी कैसी बातें करतीं हैं ? हॉट और गन्दी गन्दी बातें करती है की नहीं ? गाली गलौज करतीं है की नहीं ? तेरी नन्द अपनी माँ चुदवाती है की नहीं ? क्या वो दोनों चोदा चोदी मिलकर करतीं है या फिर अलग अलग ? किस किस से चुदवाती है वो दोनों भोसड़ी वाली और किस किस का लण्ड पसंद करतीं है ? कैसे कहा किससे और कितनी बार चुदवाती हैं। वैसे तो देखने में बड़ी सीधी शादी लगतीं है जैसे की इन लोगों ने कभी लौड़ा कभी पकड़ा ही नहीं ? बड़ा सर झुका के बुर्का डाल के चलतीं है पर लौड़ा किसी का मिल जाएँ तो वही अपनी चूत में घुसेड़ लें। मुझे ऐसा ही मालूम हुआ है बेटी। इसके लिए तुम्हे कुछ दिन उनकी जासूसी करनी पड़ेगी, बेटी।
मैंने कहा हां अम्मीअब जाते ही शुरू कर दूँगी अपना काम ? बस दो दिन बाद मैं अपनी ससुराल चली गयी।
मेरा नाम है अदीबा मेरी अम्मी का नाम है अफरीन। मेरी सास हैं सबरीना और नन्द का नाम है नाज़ ?
मैं २५ साल की हूँ, अम्मी ४६ साल की, सास ४५ साल की और नन्द २४ साल की। नन्द की शादी हो चुकी है. उसकी ससुराल लोकल ही है। सास और नन्द दोनों खूबसूरत हैं. बड़ी आँखें मटका मटका के और गांड हिला हिला के बात करतीं हैं। मुझे ऐसा लगता है ये दोनों बहुत चालू चीज हैं। मैं इनके ऊपर कड़ी नज़र रख रही हूँ। एक दिन मैंने दोनों को बात करते हुए सुन लिया :-
सास - अरी सुन बेटी नाज़। अब इस घर में एक बहूआ गयी है यानी तेरी भाभी। अब तेरीआज़ादी पर पाबंदी लग जाएगी ? अब ज़रा सोंचा समझ कर इधर उधर निकला कर। अगर किसी ने देख लिया तो पोल खुल जाएगी।
नन्द - ऐसी कौन सी पोल है मेरे अंदर जो खुल जाएगी अम्मी ? भाभी आई है तो यह मेरे लिए फक्र की बात है। वो क्या मेरी जासूसी करेगी ? और करेगी भी तो मेरा क्या उखाड़ लेगी भोसड़ी वाली ? जब आज तक कोई नहीं कुछ उखाड़ पाया तो भाभी क्या उखाड़ लेगी।
सास - नहीं बेटी फिर भी थोड़ा ध्यान देकर चलना। बिना मतलब की बदनामी कोई अच्छी बात नहीं होती ? समाज मेंअपनी इज़्ज़त बनी रहनी चाहिए।
नन्द - काहे की बदनामी अम्मी ? और किस समाज की बात कर रही हो तुम ? समाज छोड़ो अम्मी मैं हर घर की बात कर रही हूँ ̣. इस समाज का हर घर रात को बिलकुल रंडी खाना बन जाता है। कौन किसको चोद रहा है ? कौन किससे चुदवा रही है इसका कुछ पता ही नहीं चलता ? अब मैं जवान हूँ, जवानी में जो होता है वो सब मैं करती हूँ और करुँगी ? मुझे किसी का डर नहीं है ?
सास - तो क्या तू खुले आम अपनी माँ चुदायेगी ? तुझे शर्म नहीं आयेगी ?
नन्द - जिनको माँ चुदाना होता है न अम्मी उनको शर्म वाकई नहीं आती ? जिस दिन शर्म आयेगी उस दिन वो अपनी माँ नहीं चुदवा पायेगी। माँ चुदाने के लिए बेशरम बेहाया होना ही पड़ता है।
सास - तू मेरी बात ही नहीं सुनती। बस अपनी ही कहे जा रही है। नाज़ मैं तुम्हे समझा रही हूँ तू जो कभी कभी खुले आम लण्ड पीती है न ? वो सब बंद कर दे ? अरे इधर उधर नज़रें बचा कर पिया कर लण्ड ?
नन्द - अच्छा जब तुम उस दिन इमाम अंकल का लण्ड पी रही थी तो क्या नज़रें बचा कर पी रही थी ? खिड़की दोनों खुली थीं। दरवाजा ओढ़का था अंदर से सिटकिनी नहीं लगी थी। तभी तो मैं घुस गयी थी।
सास - उस दिन की बात छोडो, उस दिन घर केवल मैं थी और तुम बाकी कोई नहीं थी। हां उस दिन की याद करो जब तुम ज़हीर का लौड़ा पी रही थी और ऊपर से तेरी खाला आकर तुझे घूरने लगी थी।
नन्द - खाला की बहन की बुर। वह तो बहुत बड़ी हरामजादी है। वो खुद ससुरी मेरे हाथ से लण्ड छीन कर पीने लगी थी। वह क्या कम हैं छिनार अम्मी ?
सास - तू मेरी बहन को गाली दे रही है। तेरी माँ का भोसड़ा नाज़ ? मैं तो तुझे आगाह कर रही हूँ । तू नहीं मानती तो जा अपनी माँ चुदा ?
नन्द - ठीक है जाती हूँ पर तू भी सुन ले ज्यादा टोका टाकी न किया कर। अब मैं बच्ची नहीं हूँ। मेरी शादी हो चुकी है। मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती।
फिर दोनों बड़ी जोर से हंसी और गले मिल गईं। मैं कुछ बातें तो अच्छी तरह समझ गयी। पहला यह की ये दोनों जब एक दूसरे के सामने लण्ड पीती है तो लण्ड पेलती भी होंगीं। चुदवाती भी होंगी दोनों एक दूसरे के सामने ? दूसरा यह की बेटी अपनी माँ चुदवाती होगी और माँ अपनी बेटी ? तीसरा यह की ये दोनों मुझे अपना कोई राज़ अभी बताना चाहती ? अभी इनकी चोदा चोदी मुझसे छिपा छिपा कर होती रहेगी। इसलिए अब मैं इन दोनों की जासूसी करुँगी इन पर नज़रें गड़ा कर रखूंगी और यह भी मालूम करूंगी की ये दोनों मेरे बारे में क्या सोचतीं हैं ? मैंने तो ठान लिया है की मैं एक न एक दिन सास की गांड मारूँगी जरूर ?
इसी बीच मेरी नन्द अपने ससुराल चली गयी। उसकी ससुराल लोकल ही है। अब घर में केवल हम दो सास बहू बचीं। शाम को मैं जब बाजार से वापस आई तो देखा की सास के पास एक आदमी बैठा है। मैंने उसे गौर से देखा तो अच्छा लगा। मैं उसे पहचानती नहीं थी। तभी सास बोली अरी बहू देख है तेरे ससुर का दोस्त नंदू। ये दो दिन के लिए आया है। इसका कोई काम है। जा चाय नास्ता बना ला इसके लिए। मैं अंदर गयी और चाय नास्ता बनाने लगी। थोड़ी देर में मैं नास्ता लेकर कमरे में पहुंची तो देखा की सास उसके बगल बैठी हुई बातें कर रही हैं। मैं भी सामने बैठ गयी। सास बोली नंदू ये मेरी बहू बहुत अच्छी है। अच्छे घर से आई है। मैं इसे बहुत चाहती हूँ। मेरा कहना मानती है और सारा काम मुझसे कह कर ही करती है। मैं तो कहती हूँ की खुदा करे सबको इसी तरह की बहू दे।
मैं तो सास के मुंह से फूल झड़ते हुए देख कर खुश भी थी और हैरान भी। मैं थोड़ी देर के लिए सोंचने लगी की कहीं ये सास का नाटक तो नहीं ? क्योंकि अम्मी ने बताया था की तेरी सास बड़ी ज़ालिम है ? रात को १२.३० बजे उसके कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई पड़ने लगी। मैं चुपचाप अंदर झांक कर देखने लगी। मेरा शक सही निकला। सास नंदू से कह रही थी यार तू इस बार बहुत दिनों के बाद आया है। मैं तेरे लण्ड के लिए तरस जाती हूँ। जल्दी जल्दी आया करो और मेरी बुर चोद कर ही जाया करो। अब लाओ खोलो अपना लण्ड ? मैं पहले इसे अपने मुंह में लूंगी। उसने नंदू की लुंगी खोल दी और उसका नंगा लण्ड पकड़ लिया। लण्ड साला खड़ा हो गया। मैंने मन में कहा हाय दईया लौड़ा तो बड़ा मस्त है। लेकिन वह कटा लण्ड नहीं था। सास बोली यार मुझे ग़ैर -मुस्लिम लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं। मैं कटे लण्ड से ज्यादा समूचे लण्ड से प्यार करती हूँ। अभी परसों मुझे माइकल चोद कर गया । उसका समूचा लौड़ा मुझे बहुत पसंद आया और मेरी बेटी को भी। उसने मेरे सामने मेरी बेटी की भी बुर ली।
अब तो यह पक्का हो गया की मेरी सास नन्द दोनों एक ही लण्ड से चुदवा लेतीं हैं। तब तक नंदू बिलकुल नंगा हो चुका था और नंगी हो चुकी थीं मेरी सास ? जब मैंने सास का नंगा जिस्म देखा तो हैरत में पड़ गयी इस उम्र में इतना कसा बदन ? क्या मस्त चूचियाँ, क्या मस्त गांड और मस्तानी चूत ? मरद साला पागल तो हो ही जाएगा। उधर नंदू के लण्ड ने मेरी चूत में आग भर दी। मैं अपनी चूत सहलाने लगी। उधर सास ने लौड़ा मुंह में लिया और चूसने लगी। सास बोली अरे यार नंदू। मेरी बहू बिचारी लण्ड के लिए तरस रही होगी। उसका मियां दुबई गया है। मेरा मन है की मैं यही लौड़ा उसके मुंह में घुसेड़ दूँ। उसकी चूत में पेल दूँ यही लण्ड ? लेकिन फिर सोंचती हूँ की कहीं वह बुरा न मान जाये ? उसे यह न लगे की मेरी सास बुर चोदी बड़ी गन्दी औरत है, बड़ी बदचलन है, एक नंबर की छिनार है ? यही सोंच कर मैं चुप हो जाती हूँ। यह सुनकर तो मेरा मन हुआ की मैं अभी कूद पडूँ लण्ड पर लेकिन मैं भी रुक गयी. तब तक नंदू ने पेल दिया लण्ड सास की बुर में ? सास भी उचक उचक कर चुदवाने लगी। मैं समझ गयी की मेरी सास तो चुदक्कड़ है और मैं इसकी गांड तो जरूर चोदूँगी। लेकिन अभी तक मुझे कोई ज़ालिम पना दिखाई नहीं पड़ा। सास ने फिर पीछे से चुदवाया लण्ड पर बैठ कर चुदवाया। दाहिनी तरफ से चुदवाया और बाईं तरफ से भी। उससे यह भी मालूम हुआ की सास पराये मरद का लण्ड बहुत पसंद करती हैं।
दूसरे दिन मेरी नन्द आ गयी। मैं पीछे के कमरे में थी। आते ही वह बोली अरे अम्मी इस बार तो मैं अपनी सास का भोसड़ा चोद कर आ रही हूँ। बड़ी गज़ब की है मेरी सास की बुर अम्मी ? बड़े बड़े लण्ड गप्प से खा जाती है उसकी बुर। मैंने अपनी नन्द की भी बुर भी चोदी। दरअसल एक दिन मेरे शौहर का एक दोस्त आ गया। मैंने उसे रोक लिया वह रात भर रुका और प्रेम से रात भर मेरी बुर ली उसने ? उधर सवेरे सवेरे जब मैं उठी तो देखा की उसका लण्ड खड़ा है। मुझे जोश आ गया। मैंने लण्ड पकड़ लिया और हिलाने लगी। वह जग गया. इतने में मुझे नन्द दिखाई पड़ी। मैंने उसे बुलाया और लण्ड पकड़ा दिया। फिर धीरे से पेल दिया लण्ड नन्द की बुर में ? वह भी मस्ती में आ गयी और चुदवाने लगी। तब तक मेरा खाला ससुर आ गया। हां हां मेरी नन्द का खालू। नन्द बोली अरे भोसड़ी के खालू तू सही वख्त पर आया है। ला पकड़ा दे मुझे अपना लण्ड ? उसने हाथ बढाकर अपने खालू का लण्ड पकड़ा फिर मुझे पकड़ा दिया। तब मुझे मालूम हुआ की नन्द अपने खालू से चुदवाती है। तब तक कमरे में मेरी सास आ गयी। बस मैंने वही लण्ड सास की बुर में घुसेड़ दिया। बस मैं एक तरफ नन्द की बुर चोदने लगी और दूसरी तरफ सास की बुर ?
मैंने नन्द की बातें सुन लीं। मेरे मन में आया की अब मुझे जाना चाहिए। इसलिए मैं अपने फोन पर अपनी दोस्त से बातें करने लगी। मोबाइल का स्पीकर ऑन कर दिया।
मैंने कहा हाय साजिया बोलो क्या हो रहा है --- अरे यार मैं अभी अपनी ससुराल से आ रही हूँ ---- तो तूने अपनी ससुराल में क्या किया --- अरे यार इसबार तो मज़ा ही आ गया , मैंने अपनी नन्द की बुर चोदी और सास का भी भोसड़ा चोदा --- क्या कहा ? झूंठ बोल रही है तू ? तुझमे इतनी हिम्मत कहाँ से आ गयी --- अरे जब कोई मेरी बुर चोदेगा तो मैं उसकी बुर क्यों नहीं चोदूँगी --- अच्छा तो किसी ने तेरी ले ली तो तूने उसकी ले ली ---- हां यार मेरी नन्द ससुरी मेरी चूत में लण्ड पेलने आई थी तो मैंने वही लण्ड उसकी चूत में पेल दिया --- शाबाश --- पर तूने अपनी नन्द की बुर नहीं लीअभी तक ---- ले लूंगी यार अभी जल्दी क्या है ---- और सास का भोसड़ा ---- वह भी चोदूँगी, मैं किसी को छोडूंगी नहीं --- अच्छा, इस बार चोद कर आना दोनों की बुर।
मैंने फोन बंद किया तो मेरी नन्द और सास दोनों ने तालियां बजाईं। उन्होंने मेरी बातें सुन ली थी। नन्द बोली अरे भाभी लो अभी चोदो मेरी बुर ? मैं तो इसी दिन का इंतज़ार कर रही थी।और अपनी सास का भोसड़ा भी चोदो भाभी। ऐसा कह कर नन्द मेरे गले लग गयी। माहौल बड़ा सेक्सी हो गया।
शाम को मैं कमरे में बैठी थी मेरे साथ थी मेरी नन्द नाज़। तब किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैं उठी और दरवाजा खोला। मैंने देखा की मेरे सामने दो लड़के खड़े हैं। मैंने उन्हें अंदर बैठा लिया और अपनी नन्द से मिलवाया। मैंने कहा ये हैअली और ये है जावेद। मेरे कॉलेज के दोस्त हैं।आज मैंने इन्हे किसी खास काम के लिए बुलाया है। नन्द बोली अरे भाभी ऐसा कौन सा खास काम है। मैंने कहा आज मुझे अपनी नन्द की बुर चुदवानी है। वह मेरी बात सुनकर हंस पड़ी। उसके साथ हम सब भी हंस पड़े। इतने में मेरी सास आ गयी। वह पूंछने लगी की बहू ये दोनों कौन हैं ? मैंने बताया ये दोनों मेरे कॉलेज के दोस्त हैं। वह बोली बहू ये लोग तुमसे मिलने आये हैं या फिर कोई ख़ास काम है। मैंने कहा ये दोनों मेरी सास की गांड चोदने आएं हैं। यह सुनते ही एक बार फिर कमरे में ठहाका लगा। सास बोली हाय अल्ला आज पहली ही बार तू अपनी सास की गांड मारेगी ? मैंने कहा नहीं मैं आगे भी मारती रहूंगीं तेरी गांड, सासू जी ?
मेरी नन्द ने कहा भाभी अब तुम सच सच बताओ की तुम मजाक कर रही हो की ये बात सही है। मैंने कहा ठीक बताती हूँ। तू तब तक ड्रिंक्स बना कर ले आ। हम लोग कॉलेज में दिनों खूब ड्रिंक्स करते थे। आज भी करुँगी। वह दारू का इंतज़ाम करने चली गया। जब वह पूरा सामन लेकर कमरे में आई तो उसने देखा की मैं उन दोनों के लण्ड पकड़ कर हिला रही हूँ। वह बोली वाओ भाभी तुम तो सच कह रही थी। वह मजाक नहीं था। तुम सच में मेरी बुर चोदोगी भाभी ? मैंने कहा भोसड़ी की नाज़ ले लण्ड पकड़ पहले पैग मैं बनाती हूँ। मैंने दोनों लण्ड उसे पकड़ा दिया और सबको एक एक पैग शराब एक ही बार में पिला दिया। नाज़ ससुरी मजे से दोनों लण्ड चाटने लगी और तब तक मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया। उसके नंगी होते ही लण्ड और टन टनाने लगे। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंका ?
सास भी आ गयी। वह बोली अरी नाज़ ये तू क्या कर रही है ? उसने जबाब दिया वही कर रही हूँ जो तू देखचोदते हो। है। लण्ड पी रही हूँ ? सास ने कहा तो फिर मैं भी पियूंगी। नन्द ने कहा पहले दारू पियो अम्मी फिर लण्ड पियो। सास ने भी एक पैग शराब एक ही सांस में पी लिया फिर उसने नाज़ के हाथ से जावेद का लण्ड लेकर पीने लगी। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी।
अब मुझे कोई लाज़ शर्म तो थी नहीं। मैंने सास को भी पूरी तरह नंगी कर दिया। उसका भोसड़ा उसकी चूोंचियां उसकी गांड सब खोल दिया। अब किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। मैं सास नन्द दोनों की चूत सहलाने लगाई। बस थोड़ी देर में मैंने अली का लण्ड नन्द की चूत पर सटाया और उसके चूतड़ दबा दिया। लण्ड सट्ट से चूत में घुस गया। मैंने कहा यार अली ये मेरी नन्द की बुर है इसे अच्छी तरह चोदो जैसे तुम मेरी बुर चोदते हो। वह तो तूफ़ान मेल की तारह जुट गया। तब तक मैंने जावेद का लौड़ा सास के भोसड़ा पे टिका दिया। मैंने कहा यार जावेद तुम मेरी सास की गांड चोदो जैसे तुम उस दिन मेरी खाला की गांड चोद रहे थे। वह भी मस्ती से चोदने लगा गांड। मैंने यह महसूस किया मेरी सास अपनी गांड भी उसी तरह चुदवाती है जैसे वह अपनी बुर चुदवाती है। तब तक मेरी अम्मी का फोन आ गया।
वह बोली :- अरी अदीबा बहुत दिनों से तेरा फोन नहीं आया। तू क्या कर रही है वहां ?
मैंने कहा :- अम्मी, मैं अपनी सास की गांड चोद रही हूँ।
अम्मी बोली :- तू ससुरी बड़ी हरामज़ादी हो गयी है।
मैंने कहा :- और अपनी नन्द की बुर चोद रही हूँ। तुम उधर क्या कर रही हो, अम्मी ?
अम्मी बोली :- मैं इधर तेरे ससुर का लण्ड चोद रही हूँ, बेटी...
चोदी बिटिया जो तुम्हारी नन्द है। ऐसे में तू कैसे उनके साथ रह पायेगी ? वो दोनों भोसड़ी वाली हमेशा तेरी गांड मारा करेंगीं। तू कब तक उन दोनों से गांड मराती रहेगी अपनी, बेटी ? मैं तो इस बात को लेकर बहुत परेशान हूँ।
मैंने जबाब दिया - अरे तुम बिलकुल चिंता न करो अम्मी, ये तो वख्त बताएगी की कौन किसकी गांड मारती है ? मैंने तो ठान लिया है की मैं सास के सामने नन्द की बुर चोदूँगी और नन्द के सामने सास की बुर चोदूँगी ? सास की बुर हो चाहे नन्द की चूत मैं सबको अपनी उंगलियों पर नचाऊँगी।
अम्मी ने कहा - मुझे मालूम हुआ है की तेरी नन्द बहुत चालू चीज है। शादी के बाद भी कई लड़को के चक्कर में घूमा करती है। वैसे यह कोई बुरी बात नहीं है पर इससे कहीं वो तुम्हे परेशान न करे ? इसलिए तुम सबसे पहले यह पता लगाओ बेटी की तेरी नन्द के सम्बन्ध अपनी अम्मी से कैसे हैं। क्या वो दोनों सहेली बन कर रहतीं हैं। या फिर दोनों की पटती नहीं है। अगर पटती है तो कितनी दूर तक पटती है ? दोनों आपस में कैसी कैसी बातें करतीं हैं ? हॉट और गन्दी गन्दी बातें करती है की नहीं ? गाली गलौज करतीं है की नहीं ? तेरी नन्द अपनी माँ चुदवाती है की नहीं ? क्या वो दोनों चोदा चोदी मिलकर करतीं है या फिर अलग अलग ? किस किस से चुदवाती है वो दोनों भोसड़ी वाली और किस किस का लण्ड पसंद करतीं है ? कैसे कहा किससे और कितनी बार चुदवाती हैं। वैसे तो देखने में बड़ी सीधी शादी लगतीं है जैसे की इन लोगों ने कभी लौड़ा कभी पकड़ा ही नहीं ? बड़ा सर झुका के बुर्का डाल के चलतीं है पर लौड़ा किसी का मिल जाएँ तो वही अपनी चूत में घुसेड़ लें। मुझे ऐसा ही मालूम हुआ है बेटी। इसके लिए तुम्हे कुछ दिन उनकी जासूसी करनी पड़ेगी, बेटी।
मैंने कहा हां अम्मीअब जाते ही शुरू कर दूँगी अपना काम ? बस दो दिन बाद मैं अपनी ससुराल चली गयी।
मेरा नाम है अदीबा मेरी अम्मी का नाम है अफरीन। मेरी सास हैं सबरीना और नन्द का नाम है नाज़ ?
मैं २५ साल की हूँ, अम्मी ४६ साल की, सास ४५ साल की और नन्द २४ साल की। नन्द की शादी हो चुकी है. उसकी ससुराल लोकल ही है। सास और नन्द दोनों खूबसूरत हैं. बड़ी आँखें मटका मटका के और गांड हिला हिला के बात करतीं हैं। मुझे ऐसा लगता है ये दोनों बहुत चालू चीज हैं। मैं इनके ऊपर कड़ी नज़र रख रही हूँ। एक दिन मैंने दोनों को बात करते हुए सुन लिया :-
सास - अरी सुन बेटी नाज़। अब इस घर में एक बहूआ गयी है यानी तेरी भाभी। अब तेरीआज़ादी पर पाबंदी लग जाएगी ? अब ज़रा सोंचा समझ कर इधर उधर निकला कर। अगर किसी ने देख लिया तो पोल खुल जाएगी।
नन्द - ऐसी कौन सी पोल है मेरे अंदर जो खुल जाएगी अम्मी ? भाभी आई है तो यह मेरे लिए फक्र की बात है। वो क्या मेरी जासूसी करेगी ? और करेगी भी तो मेरा क्या उखाड़ लेगी भोसड़ी वाली ? जब आज तक कोई नहीं कुछ उखाड़ पाया तो भाभी क्या उखाड़ लेगी।
सास - नहीं बेटी फिर भी थोड़ा ध्यान देकर चलना। बिना मतलब की बदनामी कोई अच्छी बात नहीं होती ? समाज मेंअपनी इज़्ज़त बनी रहनी चाहिए।
नन्द - काहे की बदनामी अम्मी ? और किस समाज की बात कर रही हो तुम ? समाज छोड़ो अम्मी मैं हर घर की बात कर रही हूँ ̣. इस समाज का हर घर रात को बिलकुल रंडी खाना बन जाता है। कौन किसको चोद रहा है ? कौन किससे चुदवा रही है इसका कुछ पता ही नहीं चलता ? अब मैं जवान हूँ, जवानी में जो होता है वो सब मैं करती हूँ और करुँगी ? मुझे किसी का डर नहीं है ?
सास - तो क्या तू खुले आम अपनी माँ चुदायेगी ? तुझे शर्म नहीं आयेगी ?
नन्द - जिनको माँ चुदाना होता है न अम्मी उनको शर्म वाकई नहीं आती ? जिस दिन शर्म आयेगी उस दिन वो अपनी माँ नहीं चुदवा पायेगी। माँ चुदाने के लिए बेशरम बेहाया होना ही पड़ता है।
सास - तू मेरी बात ही नहीं सुनती। बस अपनी ही कहे जा रही है। नाज़ मैं तुम्हे समझा रही हूँ तू जो कभी कभी खुले आम लण्ड पीती है न ? वो सब बंद कर दे ? अरे इधर उधर नज़रें बचा कर पिया कर लण्ड ?
नन्द - अच्छा जब तुम उस दिन इमाम अंकल का लण्ड पी रही थी तो क्या नज़रें बचा कर पी रही थी ? खिड़की दोनों खुली थीं। दरवाजा ओढ़का था अंदर से सिटकिनी नहीं लगी थी। तभी तो मैं घुस गयी थी।
सास - उस दिन की बात छोडो, उस दिन घर केवल मैं थी और तुम बाकी कोई नहीं थी। हां उस दिन की याद करो जब तुम ज़हीर का लौड़ा पी रही थी और ऊपर से तेरी खाला आकर तुझे घूरने लगी थी।
नन्द - खाला की बहन की बुर। वह तो बहुत बड़ी हरामजादी है। वो खुद ससुरी मेरे हाथ से लण्ड छीन कर पीने लगी थी। वह क्या कम हैं छिनार अम्मी ?
सास - तू मेरी बहन को गाली दे रही है। तेरी माँ का भोसड़ा नाज़ ? मैं तो तुझे आगाह कर रही हूँ । तू नहीं मानती तो जा अपनी माँ चुदा ?
नन्द - ठीक है जाती हूँ पर तू भी सुन ले ज्यादा टोका टाकी न किया कर। अब मैं बच्ची नहीं हूँ। मेरी शादी हो चुकी है। मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती।
फिर दोनों बड़ी जोर से हंसी और गले मिल गईं। मैं कुछ बातें तो अच्छी तरह समझ गयी। पहला यह की ये दोनों जब एक दूसरे के सामने लण्ड पीती है तो लण्ड पेलती भी होंगीं। चुदवाती भी होंगी दोनों एक दूसरे के सामने ? दूसरा यह की बेटी अपनी माँ चुदवाती होगी और माँ अपनी बेटी ? तीसरा यह की ये दोनों मुझे अपना कोई राज़ अभी बताना चाहती ? अभी इनकी चोदा चोदी मुझसे छिपा छिपा कर होती रहेगी। इसलिए अब मैं इन दोनों की जासूसी करुँगी इन पर नज़रें गड़ा कर रखूंगी और यह भी मालूम करूंगी की ये दोनों मेरे बारे में क्या सोचतीं हैं ? मैंने तो ठान लिया है की मैं एक न एक दिन सास की गांड मारूँगी जरूर ?
इसी बीच मेरी नन्द अपने ससुराल चली गयी। उसकी ससुराल लोकल ही है। अब घर में केवल हम दो सास बहू बचीं। शाम को मैं जब बाजार से वापस आई तो देखा की सास के पास एक आदमी बैठा है। मैंने उसे गौर से देखा तो अच्छा लगा। मैं उसे पहचानती नहीं थी। तभी सास बोली अरी बहू देख है तेरे ससुर का दोस्त नंदू। ये दो दिन के लिए आया है। इसका कोई काम है। जा चाय नास्ता बना ला इसके लिए। मैं अंदर गयी और चाय नास्ता बनाने लगी। थोड़ी देर में मैं नास्ता लेकर कमरे में पहुंची तो देखा की सास उसके बगल बैठी हुई बातें कर रही हैं। मैं भी सामने बैठ गयी। सास बोली नंदू ये मेरी बहू बहुत अच्छी है। अच्छे घर से आई है। मैं इसे बहुत चाहती हूँ। मेरा कहना मानती है और सारा काम मुझसे कह कर ही करती है। मैं तो कहती हूँ की खुदा करे सबको इसी तरह की बहू दे।
मैं तो सास के मुंह से फूल झड़ते हुए देख कर खुश भी थी और हैरान भी। मैं थोड़ी देर के लिए सोंचने लगी की कहीं ये सास का नाटक तो नहीं ? क्योंकि अम्मी ने बताया था की तेरी सास बड़ी ज़ालिम है ? रात को १२.३० बजे उसके कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई पड़ने लगी। मैं चुपचाप अंदर झांक कर देखने लगी। मेरा शक सही निकला। सास नंदू से कह रही थी यार तू इस बार बहुत दिनों के बाद आया है। मैं तेरे लण्ड के लिए तरस जाती हूँ। जल्दी जल्दी आया करो और मेरी बुर चोद कर ही जाया करो। अब लाओ खोलो अपना लण्ड ? मैं पहले इसे अपने मुंह में लूंगी। उसने नंदू की लुंगी खोल दी और उसका नंगा लण्ड पकड़ लिया। लण्ड साला खड़ा हो गया। मैंने मन में कहा हाय दईया लौड़ा तो बड़ा मस्त है। लेकिन वह कटा लण्ड नहीं था। सास बोली यार मुझे ग़ैर -मुस्लिम लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं। मैं कटे लण्ड से ज्यादा समूचे लण्ड से प्यार करती हूँ। अभी परसों मुझे माइकल चोद कर गया । उसका समूचा लौड़ा मुझे बहुत पसंद आया और मेरी बेटी को भी। उसने मेरे सामने मेरी बेटी की भी बुर ली।
अब तो यह पक्का हो गया की मेरी सास नन्द दोनों एक ही लण्ड से चुदवा लेतीं हैं। तब तक नंदू बिलकुल नंगा हो चुका था और नंगी हो चुकी थीं मेरी सास ? जब मैंने सास का नंगा जिस्म देखा तो हैरत में पड़ गयी इस उम्र में इतना कसा बदन ? क्या मस्त चूचियाँ, क्या मस्त गांड और मस्तानी चूत ? मरद साला पागल तो हो ही जाएगा। उधर नंदू के लण्ड ने मेरी चूत में आग भर दी। मैं अपनी चूत सहलाने लगी। उधर सास ने लौड़ा मुंह में लिया और चूसने लगी। सास बोली अरे यार नंदू। मेरी बहू बिचारी लण्ड के लिए तरस रही होगी। उसका मियां दुबई गया है। मेरा मन है की मैं यही लौड़ा उसके मुंह में घुसेड़ दूँ। उसकी चूत में पेल दूँ यही लण्ड ? लेकिन फिर सोंचती हूँ की कहीं वह बुरा न मान जाये ? उसे यह न लगे की मेरी सास बुर चोदी बड़ी गन्दी औरत है, बड़ी बदचलन है, एक नंबर की छिनार है ? यही सोंच कर मैं चुप हो जाती हूँ। यह सुनकर तो मेरा मन हुआ की मैं अभी कूद पडूँ लण्ड पर लेकिन मैं भी रुक गयी. तब तक नंदू ने पेल दिया लण्ड सास की बुर में ? सास भी उचक उचक कर चुदवाने लगी। मैं समझ गयी की मेरी सास तो चुदक्कड़ है और मैं इसकी गांड तो जरूर चोदूँगी। लेकिन अभी तक मुझे कोई ज़ालिम पना दिखाई नहीं पड़ा। सास ने फिर पीछे से चुदवाया लण्ड पर बैठ कर चुदवाया। दाहिनी तरफ से चुदवाया और बाईं तरफ से भी। उससे यह भी मालूम हुआ की सास पराये मरद का लण्ड बहुत पसंद करती हैं।
दूसरे दिन मेरी नन्द आ गयी। मैं पीछे के कमरे में थी। आते ही वह बोली अरे अम्मी इस बार तो मैं अपनी सास का भोसड़ा चोद कर आ रही हूँ। बड़ी गज़ब की है मेरी सास की बुर अम्मी ? बड़े बड़े लण्ड गप्प से खा जाती है उसकी बुर। मैंने अपनी नन्द की भी बुर भी चोदी। दरअसल एक दिन मेरे शौहर का एक दोस्त आ गया। मैंने उसे रोक लिया वह रात भर रुका और प्रेम से रात भर मेरी बुर ली उसने ? उधर सवेरे सवेरे जब मैं उठी तो देखा की उसका लण्ड खड़ा है। मुझे जोश आ गया। मैंने लण्ड पकड़ लिया और हिलाने लगी। वह जग गया. इतने में मुझे नन्द दिखाई पड़ी। मैंने उसे बुलाया और लण्ड पकड़ा दिया। फिर धीरे से पेल दिया लण्ड नन्द की बुर में ? वह भी मस्ती में आ गयी और चुदवाने लगी। तब तक मेरा खाला ससुर आ गया। हां हां मेरी नन्द का खालू। नन्द बोली अरे भोसड़ी के खालू तू सही वख्त पर आया है। ला पकड़ा दे मुझे अपना लण्ड ? उसने हाथ बढाकर अपने खालू का लण्ड पकड़ा फिर मुझे पकड़ा दिया। तब मुझे मालूम हुआ की नन्द अपने खालू से चुदवाती है। तब तक कमरे में मेरी सास आ गयी। बस मैंने वही लण्ड सास की बुर में घुसेड़ दिया। बस मैं एक तरफ नन्द की बुर चोदने लगी और दूसरी तरफ सास की बुर ?
मैंने नन्द की बातें सुन लीं। मेरे मन में आया की अब मुझे जाना चाहिए। इसलिए मैं अपने फोन पर अपनी दोस्त से बातें करने लगी। मोबाइल का स्पीकर ऑन कर दिया।
मैंने कहा हाय साजिया बोलो क्या हो रहा है --- अरे यार मैं अभी अपनी ससुराल से आ रही हूँ ---- तो तूने अपनी ससुराल में क्या किया --- अरे यार इसबार तो मज़ा ही आ गया , मैंने अपनी नन्द की बुर चोदी और सास का भी भोसड़ा चोदा --- क्या कहा ? झूंठ बोल रही है तू ? तुझमे इतनी हिम्मत कहाँ से आ गयी --- अरे जब कोई मेरी बुर चोदेगा तो मैं उसकी बुर क्यों नहीं चोदूँगी --- अच्छा तो किसी ने तेरी ले ली तो तूने उसकी ले ली ---- हां यार मेरी नन्द ससुरी मेरी चूत में लण्ड पेलने आई थी तो मैंने वही लण्ड उसकी चूत में पेल दिया --- शाबाश --- पर तूने अपनी नन्द की बुर नहीं लीअभी तक ---- ले लूंगी यार अभी जल्दी क्या है ---- और सास का भोसड़ा ---- वह भी चोदूँगी, मैं किसी को छोडूंगी नहीं --- अच्छा, इस बार चोद कर आना दोनों की बुर।
मैंने फोन बंद किया तो मेरी नन्द और सास दोनों ने तालियां बजाईं। उन्होंने मेरी बातें सुन ली थी। नन्द बोली अरे भाभी लो अभी चोदो मेरी बुर ? मैं तो इसी दिन का इंतज़ार कर रही थी।और अपनी सास का भोसड़ा भी चोदो भाभी। ऐसा कह कर नन्द मेरे गले लग गयी। माहौल बड़ा सेक्सी हो गया।
शाम को मैं कमरे में बैठी थी मेरे साथ थी मेरी नन्द नाज़। तब किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैं उठी और दरवाजा खोला। मैंने देखा की मेरे सामने दो लड़के खड़े हैं। मैंने उन्हें अंदर बैठा लिया और अपनी नन्द से मिलवाया। मैंने कहा ये हैअली और ये है जावेद। मेरे कॉलेज के दोस्त हैं।आज मैंने इन्हे किसी खास काम के लिए बुलाया है। नन्द बोली अरे भाभी ऐसा कौन सा खास काम है। मैंने कहा आज मुझे अपनी नन्द की बुर चुदवानी है। वह मेरी बात सुनकर हंस पड़ी। उसके साथ हम सब भी हंस पड़े। इतने में मेरी सास आ गयी। वह पूंछने लगी की बहू ये दोनों कौन हैं ? मैंने बताया ये दोनों मेरे कॉलेज के दोस्त हैं। वह बोली बहू ये लोग तुमसे मिलने आये हैं या फिर कोई ख़ास काम है। मैंने कहा ये दोनों मेरी सास की गांड चोदने आएं हैं। यह सुनते ही एक बार फिर कमरे में ठहाका लगा। सास बोली हाय अल्ला आज पहली ही बार तू अपनी सास की गांड मारेगी ? मैंने कहा नहीं मैं आगे भी मारती रहूंगीं तेरी गांड, सासू जी ?
मेरी नन्द ने कहा भाभी अब तुम सच सच बताओ की तुम मजाक कर रही हो की ये बात सही है। मैंने कहा ठीक बताती हूँ। तू तब तक ड्रिंक्स बना कर ले आ। हम लोग कॉलेज में दिनों खूब ड्रिंक्स करते थे। आज भी करुँगी। वह दारू का इंतज़ाम करने चली गया। जब वह पूरा सामन लेकर कमरे में आई तो उसने देखा की मैं उन दोनों के लण्ड पकड़ कर हिला रही हूँ। वह बोली वाओ भाभी तुम तो सच कह रही थी। वह मजाक नहीं था। तुम सच में मेरी बुर चोदोगी भाभी ? मैंने कहा भोसड़ी की नाज़ ले लण्ड पकड़ पहले पैग मैं बनाती हूँ। मैंने दोनों लण्ड उसे पकड़ा दिया और सबको एक एक पैग शराब एक ही बार में पिला दिया। नाज़ ससुरी मजे से दोनों लण्ड चाटने लगी और तब तक मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया। उसके नंगी होते ही लण्ड और टन टनाने लगे। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार फेंका ?
सास भी आ गयी। वह बोली अरी नाज़ ये तू क्या कर रही है ? उसने जबाब दिया वही कर रही हूँ जो तू देखचोदते हो। है। लण्ड पी रही हूँ ? सास ने कहा तो फिर मैं भी पियूंगी। नन्द ने कहा पहले दारू पियो अम्मी फिर लण्ड पियो। सास ने भी एक पैग शराब एक ही सांस में पी लिया फिर उसने नाज़ के हाथ से जावेद का लण्ड लेकर पीने लगी। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी।
अब मुझे कोई लाज़ शर्म तो थी नहीं। मैंने सास को भी पूरी तरह नंगी कर दिया। उसका भोसड़ा उसकी चूोंचियां उसकी गांड सब खोल दिया। अब किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। मैं सास नन्द दोनों की चूत सहलाने लगाई। बस थोड़ी देर में मैंने अली का लण्ड नन्द की चूत पर सटाया और उसके चूतड़ दबा दिया। लण्ड सट्ट से चूत में घुस गया। मैंने कहा यार अली ये मेरी नन्द की बुर है इसे अच्छी तरह चोदो जैसे तुम मेरी बुर चोदते हो। वह तो तूफ़ान मेल की तारह जुट गया। तब तक मैंने जावेद का लौड़ा सास के भोसड़ा पे टिका दिया। मैंने कहा यार जावेद तुम मेरी सास की गांड चोदो जैसे तुम उस दिन मेरी खाला की गांड चोद रहे थे। वह भी मस्ती से चोदने लगा गांड। मैंने यह महसूस किया मेरी सास अपनी गांड भी उसी तरह चुदवाती है जैसे वह अपनी बुर चुदवाती है। तब तक मेरी अम्मी का फोन आ गया।
वह बोली :- अरी अदीबा बहुत दिनों से तेरा फोन नहीं आया। तू क्या कर रही है वहां ?
मैंने कहा :- अम्मी, मैं अपनी सास की गांड चोद रही हूँ।
अम्मी बोली :- तू ससुरी बड़ी हरामज़ादी हो गयी है।
मैंने कहा :- और अपनी नन्द की बुर चोद रही हूँ। तुम उधर क्या कर रही हो, अम्मी ?
अम्मी बोली :- मैं इधर तेरे ससुर का लण्ड चोद रही हूँ, बेटी...
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