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कपड़े उतार कर नंगे हो जाओ मैं तुम्हारा लन्ड देखूंगी - Nange hokar apne land dikhao fir mujhe chodna
कपड़े उतार कर नंगे हो जाओ मैं तुम्हारा लन्ड देखूंगी - Nange hokar apne land dikhao fir mujhe chodna , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मेरा नाम रूफी है। मेरी शादी होने वाली है। मैं किसी की बीवी बनने वाली हूँ। एक दिन मेरी अम्मी ने मुझे कुछ सीख देने के लिए अपने कमरे में बुलाया और कहा - देखो बेटी एक बात तो तय हैं की बीवियों की निगाह हमेशा ग़ैर मरदों के लन्ड पर ही रहती है। कोई भी बीवी चाहे जितनी सीधी सादी, भोली भाली हो, लेकिन उसके दिमाग में ग़ैर मर्दों के लन्ड ही नाचा करतें हैं। जब भी मौक़ा मिलता है तो वह फ़ौरन ग़ैर मरद का लन्ड पकड़ लेती है। बीवियां और ग़ैर मरदों के लन्ड का चोली दामन का साथ है बेटी। यह शत प्रतिशत खूबसूरत बीवियों के साथ होता है। खूबसूरत बीवियां गैर मर्दों से जरूर चुदवाती हैं। वे चाहे अपने मरद को बता कर चुदवाती हों या फिर छुप छुप कर चुदवाती हों पर चुदवाती जरूर हैं। उनका मन एक लन्ड से कभी नहीं भरता ? यहाँ अपने ही कुनबे में देख लो सब की सब भोसड़ी वाली बड़ी खूबसूरत हैं और इसीलिए ग़ैर मर्दों के लन्ड के पीछे पीछे भागा करतीं हैं। चाहे वो तेरी खाला हो, तेरी फूफी हो, चाहे तेरी दीदी या फिर मामी हो, तेरी दीदी की नन्द हो, उसकी सास हो, जेठानी हो देवरानी हो सब की सब मादर चोद ग़ैर मरद के लन्ड पकड़तीं हैं और मस्ती से चुदवाती हैं।
यह बात उस समय की है जब मैं २२ साल की थी। मैं पूरी जवान हो चुकी थी मैं. बड़ी बड़ी चूँचियों की और बड़े बड़े चूतड़ों की मालकिन बन चुकी थी मैं। मेरी चूत अच्छी तरह पक चुकी थी। मेरी घनी घनी झांटें चूत की खूबसूरती बढ़ा रहीं थीं। मगर मैं उन्हें क़तर देती हूँ और चूत के आस पास की जगह बिलकुल साफ रखती हूँ। मुझे छोटी छोटी झांटें पसंद है वह भी चूत के ठीक ऊपर वाले हिस्से में ? मैं लन्ड की बड़ी शौक़ीन हूँ। मुझे लन्ड पकड़ने की आदत पड़ चुकी है। मैं लकड़ों को सिनेमा हाल ले जाती हूँ और वहां अँधेरे में लन्ड पकड़ती हूँ। वहां के अलावा कभी बाथ रूम में, कभी टॉयलेट में, कभी किसी के घर में, कभी अपने घर में हम उम्र के लड़कों के लन्ड छुप छुप कर पकड़ती हूँ। मैं चुदवाया भी है पर ज्यादा नहीं। अम्मी को कुछ महसूस हुआ की मैं लन्ड पकड़ने में रूचि रखती हूँ
तब अम्मी एक दिन मुझसे खुल कर बोली - बेटी रूफी, देखो जवानी में लन्ड पकड़ना कोई बुरी बात नहीं है। मैं तो इस बात से खुश हूँ की तुम लन्ड पकड़ने लगी हो। लड़कियों को लन्ड पकड़ने का शौक हो ही जाता है, बेटी। तेरी अम्मी भी इस शौक से बची नही है, बेटी। वह भी ग़ैर मर्दों के लन्ड की शौक़ीन है। मैं तुमसे आज खुल कर रही हूँ बेटी की मैं भी गैरों से चुदवाती हूँ। मुझे भी उनके लन्ड बहुत अच्छे लगते हैं। अब तुम मुझे बताओ कौन है ऐसी बुर चोदी जो ग़ैर मरद के लन्ड नहीं पकड़ती ? ग़ैर मर्दों से नहीं चुदवाती ? इसमें बीवियों की कोई गलती नहीं है। ये तो सब कुदरती होता है बेटी। किसी भी लड़की का मन एक लन्ड नहीं भरता बेटी ? इसलिए आज से तुम भी लन्ड खूब पकड़ो, लन्ड चाटो चूसो और लन्ड पेलो अपनी चूत में। अपनी बुर चुदवाओ और उसकी मस्ती से अपनी माँ चुदवाओ, बेटी। ये चूत जब तक ठीक से चुदती नहीं है तब तक ये चुपचाप बैठती नहीं है ?
अम्मी ने तो मुझे पूरी फ़िलासफ़ी समझ दी। मैं भी मन ही मन बड़ी खुश हुई की चलो अब बिना किसी रोक टोक के मुझे भी लन्ड पकड़ने का मौक़ा मिलेगा और चुदवाने का भी मौक़ा निलेगा। अम्मी के चेहरे पर चमक थी। वह यह जान गयी की मैंने अपनी बेटी को अच्छी तरह से समझा दिया है और वह समझ भी गयी है। अब आज से उसके ब्यवहार में यही सब झलकने लगेगा।
अम्मी ने फिर कहा देखो बेटी लड़की को जवानी में बहुत बोल्ड होना चाहिए। बोल्ड बनने के लिए बोलना आना बहुत जरुरी है। सबके आमने खुल कर बोलने की हिम्मत होनी चाहिए। इसलिए आज से तुम खुल कर बोला करो। यह हिम्मत गालियां देने से बहुत आ जाती है, बेटी। अगर तुम बिना हिचक, बिना रुके गालियां देना सीख जाओ तो फिर तुम दुनिया का मुकाबला हर तरह से कर सकती हो। अम्मी की सीख मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। क्योंकि मैं तो बहन चोद कॉलेज में खूब गालियां बकती हूँ। सब लोगों की माँ बहन चोदा करती हूँ। अम्मी ने कहा जैस मैं कहती हूँ बेटी रूफी, तेरी माँ की चूत, तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद। आज से मैं तेरी साथ लन्ड पकड़ने वाली तेरी दोस्त हूँ। अब तू भी खुल कर बातें कर और ज़िन्दगी का मज़ा लूट ? समझीं मेरी बेटी रूफी ?
मैंने कहा हां मैं समझ गयी अम्मी और तेरी बिटिया की बुर भी समझ गयी। अम्मी हंसने लगीं।
मैं २२ साल की थी और अम्मी ४४ साल की। अम्मी तो जवान थीं ही और मैं भी जवान हो गयी थी। इसलिए अम्मी ने मुझसे खुल कर बात की और अपने दिल की बात कह दी। यहाँ तक की अपने राज़ भी खोल कर रख दिया मेरे सामने. मुझे मालूम हो गया की मेरी अम्मी ग़ैर मर्दों के लन्ड पकड़ती हैं और उनसे चुदवाती हैं। जब उसने मुझसे माँ चुदाने की बात कही तो मैं समझ गयी की अम्मी मेरे बॉय फ्रेंड्स के लन्ड पकड़ना चाहती हैं। उसे शायद मालूम हो गया की मैं अपने बॉय फ्रेंड्स के लन्ड पकड़ती हूँ ? अब मैं छुपाना भी नहीं चाहती थी। मैंने मन बना लिया की मैं किसी दिन माँ चुदवा ही लूंगी।
दूसरे दिन अम्मी रात को १२ बजे मेरे पास आयीं। मैं उस समय लैपटॉप पर पोर्न फिल्म देख रही थी। अम्मी पीछे से बोली अरी बुर चोदी रूफी तू इसमें ब्लू फिल्म क्यों देख रही है। आ चल मेरे साथ मैं तुम्हे लाइव ब्लू फिल्म दिखाती हूँ। वह मुझे एक कमरे के पास ले गयीं और मैं उसके साथ खिड़की से अंदर झांकने लगी। मैंने देखा की मेरी चची जान एकदम नंगी नंगी किसी का लन्ड चूस रहीं हैं। चची की बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां देख कर मेरी चूत में आग लग गयी। लन्ड जब उसने मुंह से निकाला तो लन्ड देख कर मेरी आग और भड़क गयी। इतना बड़ा लन्ड मैं पहली बार देख रही थी। चची जान ने फिर लन्ड अपनी चूत में पेल लिया और बिंदास चुदवाने लगीं। मैं तो उसे चुदवाते देख कर मस्त हो गयी। जब मैंने उसका मुंह देखा तो अम्मी से कहा अरे ये तो चची जान का जीजू है। अम्मी ने कहा हां वह अपने जीजू से चुदवा रही है। मैंने पहले भी कई बार इसे चुदवाते हुए देखा है।
इतने में चची जान ने कहा हाय जीजू सुना है तेरे दोस्त का लन्ड भी बड़ा मोटा है। वह बोला हां मोटा तो है। तब चची ने कहा एक दिन उसे भी ले आओ न और पेल दो उसका भी लन्ड मेरी चूत में। उसने कहा हां बिलकुल ? मैं कल ही उस भेज दूंगा कल वह तुम्हे चोदेगा और मैं उसके घर में उसकी बीवी चोदूंगा। यह सुनकर मैं जान गयी की मेरी चची जान मादर चोद कितनी बड़ी चुदक्कड़ है। फिर अम्मी ने मुझे उसी कमरे की दूसरी खिड़की के पास ले गयीं। मैंने वहां से देखा की मेरा चचा भोसड़ी का मेरी चची की बहन चोद रहा है। तब मैं समझ गयी की ये दोनों साले एक दूसरे बीवी चोद रहें हैं। बीवियां भी एक दूसरे के मियां से चुदवा रहीं हैं। अब धीरे धीरे घर में सबकी असलियत खुलने लगी है। चचा का भी लन्ड साला बड़ा हक्कानी था। अम्मी ने कहा बेटी रूफी मैं भी इससे चुदवाती हूँ। अम्मी की यह बात सुनकर मेरी चूत और धधक उठी। मेरा मन हुआ की मैं अंदर जाकर चचा का लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ लूँ।
दो दिन बाद जब मैं दोपहर में घर आयी तो अम्मी ने मुझे आवाज़ देकर अपने पास बुलाया। मैं जब कमरे में गयी तो देखा की अम्मी एक आदमी के पैजामा के अंदर हाथ डाले हुए उसका लन्ड सहला रही हैं। आदमी के बदन पर सिर्फ पैजामा था और उसका नाड़ा पूरा खुला हुआ था। अम्मी ने कहा बेटी रूफी ये है मेरी सहेली का शौहर आसिफ। उसने लन्ड बाहर निकाला और मुझे दिखाती हुई बोली बेटी लो तुम लन्ड पकड़ो मैं अभी आत्ती हूँ। मैं न नहीं कह सकीय और हाथ बढ़ाकर लन्ड पकड़ लिया। लन्ड साला उन दोनों लन्ड से भी बड़ा था। मेरी तो लार टपकने लगी और मैं अंदर से बेहद चुदासी हो गयी। अम्मी जब वापस आयीं तो मैं मस्ती से लन्ड चूस रही थी। अम्मी बोली लन्ड कैसा लकग बेटी ? मैंने कहा बहुत बढ़िया अम्मी। इतना बड़ा लन्ड तो उन सालो का भी नहीं था। फिर अम्मी ने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया। अंकल का पैजामा खोल कर फेंक दिया और खुद भी नंगी हो गयीं। मैं तो बस दूसरी दुनियां में खो गयी। मेरा मन लन्ड में लगा हुआ था। तब अम्मी ने कहा बेटी रूफी अब तुम इसे अपनी माँ की चूत में पेल दो और चुदवा लो अपनी का माँ का भोसड़ा। मौक़ा बड़ा अच्छा है। मैंने भी लन्ड पकड़ के घुसेड़ दिया अम्मी की चूत में।
अम्मी बोली हाय दईया रूफी तू तो बहुत बेशरम हो गयी है। अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही है तू ? तुझे शर्म नहीं आती ? मैंने कहा शर्म की माँ की चूत ? अभी तो मैं अम्मी का भोसड़ा ही चुदवा रही हूँ। अब चुदवाऊँगी अम्मी की बिटिया की बुर। अम्मी मेरी बात सुन कर गद गद हो गयीं। थोड़ी देर बाद उसने लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मेरे मुंह से निकला उई माँ फट गयी मेरी चूत ? इस साले ने पूरा पेल दिया लन्ड ? ये तो मेरी चूत फाड़ डालेगा अम्मी ? अम्मी ने कहा रूफी तेरी माँ का भोसड़ा अब तू मस्ती से चुदवा तब आयगा ज़न्नत का मज़ा। मैं भी एक रंडी की तरह चुदवाने लगी और लेने लगी मज़ा ही मज़ा। बस उसी दिन से मेरा माँ चुदाने का सिलसिला शुरू हो गया। मैंने अपने २/३ दोस्तों से अपनी माँ चुदवाई और आज भी चुदवाती हूँ। अम्मी भी मेरी चूत चुदवाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं ?
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी। मैं उस समय २५ साल की थी। मैं ससुराल चली गयी। ससुराल में ३ महीने रह कर मैं वापस अपने माईके आ गयी। एक दिन मैं अपने कमरे में थी। अचानक मेरी पड़ोस की सितारा आंटी आ गयी और वह अम्मी से बतलाने लगीं।
आंटी बोली - अरी शबाना, आ गयी न तेरी बेटी रूफी ससुराल से ?
अम्मी ने जबाब दिया - हां आ गयी अभी कल ही तो आयी है।
कितने मर्दों से ठोंकवा कर आयी तेरी बेटी शबाना ?
मुझे तो नहीं मालूम यार। अब जब मेरी बेटी बताएगी तभी तो मालूम होगा। फिर मैं तुम्हे बताऊंगी।
देखो मेरी बेटी की शादी तेरी बेटी के साथ ही हुई थी। वह जैसे ही ससुराल से आयी वैसे ही उसने बताया की अम्मी मैं अपने शौहर के अलावा चार चार मर्दों से ठोंकवा कर आ रही हूँ। बड़ा मज़ा आया मुझे। पहले तो एक एक करके दोनों देवरों से ठोंकवाया और फिर एक दिन अपने नंदोई का लन्ड पकड़ लिया। मेरे लन्ड पकड़ते ही वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा और फिर उसने खूब गचागच चोदा मुझे। एक दिन मेरे देवर अपने एक दोस्त का लन्ड मेरी चूत में पेल दिया। मुझे चारों लन्ड बड़े पसंद आये अम्मी। हां इस काम में मेरी नन्द ने बड़ी मदद की। वहां तो रात में सब कुछ चलता है अम्मी। पता नहीं कौन किससे चुदवा लेती है और कौन किसे चोद कर चला जाता है । मेरी नन्द ने सबकी पोल खोल दी मेरे आगे बोली अरे भाभी किसी दिन अपने ससुर का लन्ड पकड़ कर देखना तब आएगा तुझे मज़ा ? मैं अभी तक उसका लन्ड पकड़ नहीं पायी लेकिन मेरे दिमाग में उसका लन्ड घूम रहा है। अबकी बार जाऊंगी तो उसकी का लन्ड घुसेडूंगी अपनी चूत में ?
तेरी बेटी तो बहन चोद बड़ी सायानी निकली।
तब तक मैं कमरे से बाहर आ गयी। मैंने कहा आंटी जी ये नन्द बड़े काम की चीज होती है। मेरी नन्द तो मेरी मुरीद हो गयी है और मैं उसकी। सुहागरात के बाद मेरी नन्द ने दूसरे ही दिन अपने देवर का लन्ड मेरी चूत में पेल दिया। और वह भी देवर के दोस्त से मेरे सामने ही चुदवाने लगी। बड़ी बेशर्म है मेरी नन्द और उसकी चूत ? दो दिन बाद उसने अपने ससुर का लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बोली भाभी मेरा ससुर भोसड़ी का नयी नयी बीवियां चोदने का बड़ा शौक़ीन है। इसका लन्ड इतना मोटा तगड़ा है की कोई भी बीवी इसे मना भी नहीं करती और मजे से चुदवा लेती है। मैंने तो इससे अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाया है, भाभी ? यहाँ चोदने चुदाने की बड़ी आज़ादी है ? सब लोग सबकी बीवियां चोदते हैं। बीवियां भी भोसड़ी वाली बड़ी हरामजादी है। वो खुद अपना हाथ बढ़ाकर गैर मर्दों के लन्ड पकड़ लेतीं हैं। यहाँ तुम्हे लन्ड की लन्ड मिलेगें भाभी। कोई चिंता की बात नहीं ? तुम भी मज़ा करोगी और तेरी चूत भी।
अम्मी ने कहा हाय अल्ला, देखा सितारा मेरी बेटी तेरी बेटी से कम नहीं है। यह भी कई ग़ैर मर्दों से ठोंकवा कर आयी है।
तेरी बेटी की माँ की चूत, शबाना। किसी दिन मेरी भी चूत में ठोंकवा दे अपनी बेटी के मियां का लन्ड ?
अम्मी ने कहा ठीक है ठोंकवा दूँगी। पर तुम भी मेरी चूत में ठोंकवाना अपनी बेटी के मियां का लन्ड ?
फिर हम सब खिलखिलाकर हंसने लगीं। उसके जाने के बाद अम्मी बोली ये सितारा भी बड़ी मजाकिया और हंसमुख औरत है। इससे बातें करने में बड़ा अच्छा लगता है। जो भी बोलती है सच बोलती है। अपनी बेटी को जवानी का मज़ा लेना इसी ने सिखाया और आज वह सबके लन्ड का मज़ा लूट रही है। जवानी बुर चोदी होती ही ऐसी है बेटी। जवानी में जब तक ३/४ लन्ड गपा गप्प चूत में न घुसें तब तक मज़ा नहीं आता।
एक दिन जब अम्मी घर थी और मैं बाहर से आयी तो मेरा दोस्त फ़राज़ मेरे साथ था। मैंने उसका परिचय अम्मी से करवाया तो अम्मी भी खुश हुई और वह भी। अम्मी ने कुछ नास्ता रखा और फिर हम लोग नास्ता करने लगे। बातें शुरू हो गयीं तो हंसी मजाक तक पहुँच गयीं। तब तक अंदर से एक अधेड़ उम्र का आदमी कमरे में आ गया। अम्मी ने कहा रूफी इससे मिलो ये है मेरा दोस्त हासिम। मैंने उसे आदाब कहा और वह मुझे मस्त और बड़ा हैंडसम लगा। वह भी महफ़िल में शामिल हो गया। बात चीत गहराने लगी और नॉन वेज चुटकुले होने लगे। मुझे लगा की हासिम अंकल अम्मी के काफी नजदीक हैं और अम्मी को लगा की फ़राज़ मेरे बहुत नजदीक है। हकीकत भी ऐसी ही थी।
आज मैं अपनी माँ चुदाने के मूड में फ़राज़ को लेकर आयी थी।
इसलिए मेरे मुंह से निकला - भोसड़ी की शबाना सुन, आज मैं रूफी की माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी ?
अम्मी ने भी उसी लहज़े में प्यार से कहा - बुर चोदी रूफी सुन, आज मैं शबाना की बिटिया की बुर चुदवाऊँगी। मैंने अम्मी का हाथ पकड़ कर फ़राज़ के लन्ड पर रख दिया। उधर अम्मी ने मेरा हाथ पकड़ कर हासिम के लन्ड पर रख दिया। मैं उसका लन्ड टटोलने लगी और फिर मस्ती से उसका पैजामा खोल कर लन्ड सहलाने लगी। अंकल का लन्ड मुझे थोड़ा अच्छा लगा तो मैंने उसे जल्दी से पैजामे के बाहर निकाल लिया मैं लन्ड और लन्ड का टोपा बड़े गौर से देखने लगी। बस मेरा मन हुआ इसे चाट कर देखूँ। मैंने जबान निकाली और लौड़ा चाट लिया। अम्मी भी मेरे दोस्त का लौड़ा चाटने लगी और बोली हाय दईया ये तो बड़ा स्वादिस्ट है रूफी। तेरा दोस्त तो तेरी माँ चोदने के लिए तैयार है रूफी। मैंने कहा हां यार तेरे दोस्त का लन्ड भी तेरी बेटी की बुर लेने के लिए तैयार हो गया है। अम्मी बोली अरे भोसड़ी की रूफी पहले उसे बुर तो दिखा ? मैंने कहा हाय मेरी हरामजादी शबाना तू भी अपना भोसड़ा दिखा मेरे दोस्त के लन्ड को ? बस फिर हम दोनों कपड़े खोल कर नंगी हो गयीं।और तब तक वो दोनों भी नंगे हो गए।
मैं हासिम का लन्ड चूसने लगी और अम्मी फ़राज़ का लन्ड। थोड़ी देर के बाद फ़राज़ ने लन्ड अम्मी की चूत में घुसेड़ दिया। लन्ड पूरा घुस गया। वह भी भकाभक चोदने लगा। उस देख कर अंकल ने लन्ड मेरी चूत में घुसाया और गचागच चोदने लगा। हम दोनों आमने सामने चुदवाने लगी। अम्मी के मुंह की तरफ मेरी गांड थी और मेरे मुंह की तरफ उसकी गांड। हम दोनों एक दूसरे की चूत घुसता लन्ड बड़ी मस्ती से देख रहीं थीं। मैं फ़राज़ के पेल्हड़ सहलाने लगी और अम्मी हासिम के पेल्हड़। मस्ती दोनों को थी और उन दोनों को अभी जो हमें चोद रहे हे। मैं बीच बीच में फ़राज़ का लन्ड भोसड़ा से निकाल कर चाट लेती थी और अम्मी भी हासिम का लन्ड मेरी चूत से निकाल कर चाट लेती थी. यह पहला मौक़ा था जब की मैं शादी के बाद अम्मी के साथ चोदा चोदी कर रही थी।
अम्मी फिर बोली ;- रूफी तुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में मज़ा आ रहा है न ?
मैंने जबाब दिया :- अरे अम्मी बहुत मज़ा आ रहा है। अभी तो मैं अपने देवरों के लन्ड तेरे भोसड़ा में पेलूंगी। उसके बाद अपने ससुर का लौड़ा भी घुसेडूंगी तेरे भोसड़ा में। अब तुम बताओ तुझे अपनी बिटिया की बुर चुदवाने में कैसा लग रहा है ?
अम्मी बोली - हाय दईया मैं तो दुआ करती हूँ की अल्ला करे ऐसी बेटी सबको दे और सबकी बेटी को ऐसी बुर दे जैसी तेरी है। सबकी बेटी अपनी माँ इसी तरह चुदवाये जैसे तू चुदवा रही है।
पहली चुदाई ख़तम होने के बाद हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब गन्दी गन्दी बातें भी की. रात के १२ बज चुके थे। तभी किसी ने घंटी बज दी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने मेरी नन्द रज़िया खड़ी थी। वह बोली हाय भाभी ? मैंने कहा वाओ, तुम इतनी रात में वह भी अकेली। वह बोली नहीं भाभी मैं अकेली नहीं हूँ। मेरे साथ मेरे मियां का दोस्त रफीक है। वह आ राह अहि मेरे पीछे। वास्तव में ट्रैन ४ घंटे लेट हो गयी इसलिए देर हो गयी। मैंने कहा अरे कोई बात नहीं अंदर आओ। मैंने उसे बैठाया और उसके मुंह बोले देवर को भी। उसने सामन रखा। मैंने कहा तुम बैठो मैं अभी आयी। तब तक वह मेरे पीछे पीछे ही चली आयी। मैंने अपनी शाल फेंक दीं। अंदर तो मैं एकदम नंगी ही थी। उसने मुझे नंगी देखा तो बोली हाय रूफी भाभी मुझे भी शामिल कर लो न ? मैं भी नंगी हो जाती हूँ। मैंने कहा नहीं तुम अभी थकी हो थोड़ा आराम कर लो। थोड़ा खा पी लो। फिर आना मेरे साथ। वह बोली मैं थकी नहीं हूँ भाभी। खाने में मैं भी लन्ड खाऊँगी भाभी और कुछ नहीं ? मैंने कहा असलम का लन्ड खा कर आयी हो की नहीं। वह बोली उसका लन्ड खाने का मौक़ा ही नहीं मिला। भब ही तुम उसका लन्ड खा लो मैं तो वह लन्ड खाऊँगी जो लन्ड तुम खा रही हो। फिर मैं उसे अंदर ले गयी जहाँ मेरी अम्मी नंगी नंगी दोनों का लन्ड सहला रही थी। वह बोली हाय रब्बा मज़ा आ गया भाभी ? मैंने कहा तुम उसे भी बुला लो। वह बोली भाभी सच यह है की मैंने अभी तक उसका लन्ड नहीं देखा। अब वह रात में यहीं रहेगा तो साला हमारी चूत चोदेगा नहीं तो कहाँ जाएगा भोसड़ी का? मैं अभी उसे लेकर आती हूँ।
रज़िया ने असलम से कहा - यार तुम अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगे हो जाओ। मैं तुम्हारा लन्ड देखूंगी।
वह बोला अरे भाभी आप यह क्या कह रही हैं मैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ?
मैं कह रही हूँ न नंगे हो जाओ ? तुम्हे मेरी बुर लेना है यहाँ सबके सामने।
भाभी क्या हो गया तुम्हे ? मैं कैसे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,. ?
तुम्हे मेरी ही नहीं मेरी भाभी की बुर भी लेना है। मैं तेरा लौड़ा देखना चाहती हूँ की कितना बड़ा है ? अब उतारो जल्दी से कपड़े भोसड़ी के असलम मियां ?
भाभी तुम बहुत जास्ती कर रही हो ?
रज़िया ने उसके लन्ड पर हाथ लगाया तो देखा की वह खड़ा है।
रज़िया बोली :- तेरी माँ की चूत साले असलम। तेरा लन्ड हां कह रहा है। वह बुर चोदने को तैयार है और तू मनौना करवा रहा है। अब तू तुम मेरी बुर चोदोगे, मेरी भाभी की बुर चोदोगे और फिर चोदोगे मेरी भाभी की माँ का भोसड़ा ?
थोड़ी देर में मेरी नन्द रज़िया मेरे कमरे में अपने मियां के दोस्त असलम का लन्ड पकड़े हुए नंगी नंगी दाखिल हो गयी। मैंने उसके हाथ से असलम का लन्ड ले लियाऔर उसे हासिम का लन्ड पकड़ा दिया। फिर हम तीनो ने रात भर लन्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
मेरा नाम रूफी है। मेरी शादी होने वाली है। मैं किसी की बीवी बनने वाली हूँ। एक दिन मेरी अम्मी ने मुझे कुछ सीख देने के लिए अपने कमरे में बुलाया और कहा - देखो बेटी एक बात तो तय हैं की बीवियों की निगाह हमेशा ग़ैर मरदों के लन्ड पर ही रहती है। कोई भी बीवी चाहे जितनी सीधी सादी, भोली भाली हो, लेकिन उसके दिमाग में ग़ैर मर्दों के लन्ड ही नाचा करतें हैं। जब भी मौक़ा मिलता है तो वह फ़ौरन ग़ैर मरद का लन्ड पकड़ लेती है। बीवियां और ग़ैर मरदों के लन्ड का चोली दामन का साथ है बेटी। यह शत प्रतिशत खूबसूरत बीवियों के साथ होता है। खूबसूरत बीवियां गैर मर्दों से जरूर चुदवाती हैं। वे चाहे अपने मरद को बता कर चुदवाती हों या फिर छुप छुप कर चुदवाती हों पर चुदवाती जरूर हैं। उनका मन एक लन्ड से कभी नहीं भरता ? यहाँ अपने ही कुनबे में देख लो सब की सब भोसड़ी वाली बड़ी खूबसूरत हैं और इसीलिए ग़ैर मर्दों के लन्ड के पीछे पीछे भागा करतीं हैं। चाहे वो तेरी खाला हो, तेरी फूफी हो, चाहे तेरी दीदी या फिर मामी हो, तेरी दीदी की नन्द हो, उसकी सास हो, जेठानी हो देवरानी हो सब की सब मादर चोद ग़ैर मरद के लन्ड पकड़तीं हैं और मस्ती से चुदवाती हैं।
यह बात उस समय की है जब मैं २२ साल की थी। मैं पूरी जवान हो चुकी थी मैं. बड़ी बड़ी चूँचियों की और बड़े बड़े चूतड़ों की मालकिन बन चुकी थी मैं। मेरी चूत अच्छी तरह पक चुकी थी। मेरी घनी घनी झांटें चूत की खूबसूरती बढ़ा रहीं थीं। मगर मैं उन्हें क़तर देती हूँ और चूत के आस पास की जगह बिलकुल साफ रखती हूँ। मुझे छोटी छोटी झांटें पसंद है वह भी चूत के ठीक ऊपर वाले हिस्से में ? मैं लन्ड की बड़ी शौक़ीन हूँ। मुझे लन्ड पकड़ने की आदत पड़ चुकी है। मैं लकड़ों को सिनेमा हाल ले जाती हूँ और वहां अँधेरे में लन्ड पकड़ती हूँ। वहां के अलावा कभी बाथ रूम में, कभी टॉयलेट में, कभी किसी के घर में, कभी अपने घर में हम उम्र के लड़कों के लन्ड छुप छुप कर पकड़ती हूँ। मैं चुदवाया भी है पर ज्यादा नहीं। अम्मी को कुछ महसूस हुआ की मैं लन्ड पकड़ने में रूचि रखती हूँ
तब अम्मी एक दिन मुझसे खुल कर बोली - बेटी रूफी, देखो जवानी में लन्ड पकड़ना कोई बुरी बात नहीं है। मैं तो इस बात से खुश हूँ की तुम लन्ड पकड़ने लगी हो। लड़कियों को लन्ड पकड़ने का शौक हो ही जाता है, बेटी। तेरी अम्मी भी इस शौक से बची नही है, बेटी। वह भी ग़ैर मर्दों के लन्ड की शौक़ीन है। मैं तुमसे आज खुल कर रही हूँ बेटी की मैं भी गैरों से चुदवाती हूँ। मुझे भी उनके लन्ड बहुत अच्छे लगते हैं। अब तुम मुझे बताओ कौन है ऐसी बुर चोदी जो ग़ैर मरद के लन्ड नहीं पकड़ती ? ग़ैर मर्दों से नहीं चुदवाती ? इसमें बीवियों की कोई गलती नहीं है। ये तो सब कुदरती होता है बेटी। किसी भी लड़की का मन एक लन्ड नहीं भरता बेटी ? इसलिए आज से तुम भी लन्ड खूब पकड़ो, लन्ड चाटो चूसो और लन्ड पेलो अपनी चूत में। अपनी बुर चुदवाओ और उसकी मस्ती से अपनी माँ चुदवाओ, बेटी। ये चूत जब तक ठीक से चुदती नहीं है तब तक ये चुपचाप बैठती नहीं है ?
अम्मी ने तो मुझे पूरी फ़िलासफ़ी समझ दी। मैं भी मन ही मन बड़ी खुश हुई की चलो अब बिना किसी रोक टोक के मुझे भी लन्ड पकड़ने का मौक़ा मिलेगा और चुदवाने का भी मौक़ा निलेगा। अम्मी के चेहरे पर चमक थी। वह यह जान गयी की मैंने अपनी बेटी को अच्छी तरह से समझा दिया है और वह समझ भी गयी है। अब आज से उसके ब्यवहार में यही सब झलकने लगेगा।
अम्मी ने फिर कहा देखो बेटी लड़की को जवानी में बहुत बोल्ड होना चाहिए। बोल्ड बनने के लिए बोलना आना बहुत जरुरी है। सबके आमने खुल कर बोलने की हिम्मत होनी चाहिए। इसलिए आज से तुम खुल कर बोला करो। यह हिम्मत गालियां देने से बहुत आ जाती है, बेटी। अगर तुम बिना हिचक, बिना रुके गालियां देना सीख जाओ तो फिर तुम दुनिया का मुकाबला हर तरह से कर सकती हो। अम्मी की सीख मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। क्योंकि मैं तो बहन चोद कॉलेज में खूब गालियां बकती हूँ। सब लोगों की माँ बहन चोदा करती हूँ। अम्मी ने कहा जैस मैं कहती हूँ बेटी रूफी, तेरी माँ की चूत, तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद। आज से मैं तेरी साथ लन्ड पकड़ने वाली तेरी दोस्त हूँ। अब तू भी खुल कर बातें कर और ज़िन्दगी का मज़ा लूट ? समझीं मेरी बेटी रूफी ?
मैंने कहा हां मैं समझ गयी अम्मी और तेरी बिटिया की बुर भी समझ गयी। अम्मी हंसने लगीं।
मैं २२ साल की थी और अम्मी ४४ साल की। अम्मी तो जवान थीं ही और मैं भी जवान हो गयी थी। इसलिए अम्मी ने मुझसे खुल कर बात की और अपने दिल की बात कह दी। यहाँ तक की अपने राज़ भी खोल कर रख दिया मेरे सामने. मुझे मालूम हो गया की मेरी अम्मी ग़ैर मर्दों के लन्ड पकड़ती हैं और उनसे चुदवाती हैं। जब उसने मुझसे माँ चुदाने की बात कही तो मैं समझ गयी की अम्मी मेरे बॉय फ्रेंड्स के लन्ड पकड़ना चाहती हैं। उसे शायद मालूम हो गया की मैं अपने बॉय फ्रेंड्स के लन्ड पकड़ती हूँ ? अब मैं छुपाना भी नहीं चाहती थी। मैंने मन बना लिया की मैं किसी दिन माँ चुदवा ही लूंगी।
दूसरे दिन अम्मी रात को १२ बजे मेरे पास आयीं। मैं उस समय लैपटॉप पर पोर्न फिल्म देख रही थी। अम्मी पीछे से बोली अरी बुर चोदी रूफी तू इसमें ब्लू फिल्म क्यों देख रही है। आ चल मेरे साथ मैं तुम्हे लाइव ब्लू फिल्म दिखाती हूँ। वह मुझे एक कमरे के पास ले गयीं और मैं उसके साथ खिड़की से अंदर झांकने लगी। मैंने देखा की मेरी चची जान एकदम नंगी नंगी किसी का लन्ड चूस रहीं हैं। चची की बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां देख कर मेरी चूत में आग लग गयी। लन्ड जब उसने मुंह से निकाला तो लन्ड देख कर मेरी आग और भड़क गयी। इतना बड़ा लन्ड मैं पहली बार देख रही थी। चची जान ने फिर लन्ड अपनी चूत में पेल लिया और बिंदास चुदवाने लगीं। मैं तो उसे चुदवाते देख कर मस्त हो गयी। जब मैंने उसका मुंह देखा तो अम्मी से कहा अरे ये तो चची जान का जीजू है। अम्मी ने कहा हां वह अपने जीजू से चुदवा रही है। मैंने पहले भी कई बार इसे चुदवाते हुए देखा है।
इतने में चची जान ने कहा हाय जीजू सुना है तेरे दोस्त का लन्ड भी बड़ा मोटा है। वह बोला हां मोटा तो है। तब चची ने कहा एक दिन उसे भी ले आओ न और पेल दो उसका भी लन्ड मेरी चूत में। उसने कहा हां बिलकुल ? मैं कल ही उस भेज दूंगा कल वह तुम्हे चोदेगा और मैं उसके घर में उसकी बीवी चोदूंगा। यह सुनकर मैं जान गयी की मेरी चची जान मादर चोद कितनी बड़ी चुदक्कड़ है। फिर अम्मी ने मुझे उसी कमरे की दूसरी खिड़की के पास ले गयीं। मैंने वहां से देखा की मेरा चचा भोसड़ी का मेरी चची की बहन चोद रहा है। तब मैं समझ गयी की ये दोनों साले एक दूसरे बीवी चोद रहें हैं। बीवियां भी एक दूसरे के मियां से चुदवा रहीं हैं। अब धीरे धीरे घर में सबकी असलियत खुलने लगी है। चचा का भी लन्ड साला बड़ा हक्कानी था। अम्मी ने कहा बेटी रूफी मैं भी इससे चुदवाती हूँ। अम्मी की यह बात सुनकर मेरी चूत और धधक उठी। मेरा मन हुआ की मैं अंदर जाकर चचा का लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ लूँ।
दो दिन बाद जब मैं दोपहर में घर आयी तो अम्मी ने मुझे आवाज़ देकर अपने पास बुलाया। मैं जब कमरे में गयी तो देखा की अम्मी एक आदमी के पैजामा के अंदर हाथ डाले हुए उसका लन्ड सहला रही हैं। आदमी के बदन पर सिर्फ पैजामा था और उसका नाड़ा पूरा खुला हुआ था। अम्मी ने कहा बेटी रूफी ये है मेरी सहेली का शौहर आसिफ। उसने लन्ड बाहर निकाला और मुझे दिखाती हुई बोली बेटी लो तुम लन्ड पकड़ो मैं अभी आत्ती हूँ। मैं न नहीं कह सकीय और हाथ बढ़ाकर लन्ड पकड़ लिया। लन्ड साला उन दोनों लन्ड से भी बड़ा था। मेरी तो लार टपकने लगी और मैं अंदर से बेहद चुदासी हो गयी। अम्मी जब वापस आयीं तो मैं मस्ती से लन्ड चूस रही थी। अम्मी बोली लन्ड कैसा लकग बेटी ? मैंने कहा बहुत बढ़िया अम्मी। इतना बड़ा लन्ड तो उन सालो का भी नहीं था। फिर अम्मी ने मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया। अंकल का पैजामा खोल कर फेंक दिया और खुद भी नंगी हो गयीं। मैं तो बस दूसरी दुनियां में खो गयी। मेरा मन लन्ड में लगा हुआ था। तब अम्मी ने कहा बेटी रूफी अब तुम इसे अपनी माँ की चूत में पेल दो और चुदवा लो अपनी का माँ का भोसड़ा। मौक़ा बड़ा अच्छा है। मैंने भी लन्ड पकड़ के घुसेड़ दिया अम्मी की चूत में।
अम्मी बोली हाय दईया रूफी तू तो बहुत बेशरम हो गयी है। अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही है तू ? तुझे शर्म नहीं आती ? मैंने कहा शर्म की माँ की चूत ? अभी तो मैं अम्मी का भोसड़ा ही चुदवा रही हूँ। अब चुदवाऊँगी अम्मी की बिटिया की बुर। अम्मी मेरी बात सुन कर गद गद हो गयीं। थोड़ी देर बाद उसने लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मेरे मुंह से निकला उई माँ फट गयी मेरी चूत ? इस साले ने पूरा पेल दिया लन्ड ? ये तो मेरी चूत फाड़ डालेगा अम्मी ? अम्मी ने कहा रूफी तेरी माँ का भोसड़ा अब तू मस्ती से चुदवा तब आयगा ज़न्नत का मज़ा। मैं भी एक रंडी की तरह चुदवाने लगी और लेने लगी मज़ा ही मज़ा। बस उसी दिन से मेरा माँ चुदाने का सिलसिला शुरू हो गया। मैंने अपने २/३ दोस्तों से अपनी माँ चुदवाई और आज भी चुदवाती हूँ। अम्मी भी मेरी चूत चुदवाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं ?
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी। मैं उस समय २५ साल की थी। मैं ससुराल चली गयी। ससुराल में ३ महीने रह कर मैं वापस अपने माईके आ गयी। एक दिन मैं अपने कमरे में थी। अचानक मेरी पड़ोस की सितारा आंटी आ गयी और वह अम्मी से बतलाने लगीं।
आंटी बोली - अरी शबाना, आ गयी न तेरी बेटी रूफी ससुराल से ?
अम्मी ने जबाब दिया - हां आ गयी अभी कल ही तो आयी है।
कितने मर्दों से ठोंकवा कर आयी तेरी बेटी शबाना ?
मुझे तो नहीं मालूम यार। अब जब मेरी बेटी बताएगी तभी तो मालूम होगा। फिर मैं तुम्हे बताऊंगी।
देखो मेरी बेटी की शादी तेरी बेटी के साथ ही हुई थी। वह जैसे ही ससुराल से आयी वैसे ही उसने बताया की अम्मी मैं अपने शौहर के अलावा चार चार मर्दों से ठोंकवा कर आ रही हूँ। बड़ा मज़ा आया मुझे। पहले तो एक एक करके दोनों देवरों से ठोंकवाया और फिर एक दिन अपने नंदोई का लन्ड पकड़ लिया। मेरे लन्ड पकड़ते ही वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा और फिर उसने खूब गचागच चोदा मुझे। एक दिन मेरे देवर अपने एक दोस्त का लन्ड मेरी चूत में पेल दिया। मुझे चारों लन्ड बड़े पसंद आये अम्मी। हां इस काम में मेरी नन्द ने बड़ी मदद की। वहां तो रात में सब कुछ चलता है अम्मी। पता नहीं कौन किससे चुदवा लेती है और कौन किसे चोद कर चला जाता है । मेरी नन्द ने सबकी पोल खोल दी मेरे आगे बोली अरे भाभी किसी दिन अपने ससुर का लन्ड पकड़ कर देखना तब आएगा तुझे मज़ा ? मैं अभी तक उसका लन्ड पकड़ नहीं पायी लेकिन मेरे दिमाग में उसका लन्ड घूम रहा है। अबकी बार जाऊंगी तो उसकी का लन्ड घुसेडूंगी अपनी चूत में ?
तेरी बेटी तो बहन चोद बड़ी सायानी निकली।
तब तक मैं कमरे से बाहर आ गयी। मैंने कहा आंटी जी ये नन्द बड़े काम की चीज होती है। मेरी नन्द तो मेरी मुरीद हो गयी है और मैं उसकी। सुहागरात के बाद मेरी नन्द ने दूसरे ही दिन अपने देवर का लन्ड मेरी चूत में पेल दिया। और वह भी देवर के दोस्त से मेरे सामने ही चुदवाने लगी। बड़ी बेशर्म है मेरी नन्द और उसकी चूत ? दो दिन बाद उसने अपने ससुर का लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बोली भाभी मेरा ससुर भोसड़ी का नयी नयी बीवियां चोदने का बड़ा शौक़ीन है। इसका लन्ड इतना मोटा तगड़ा है की कोई भी बीवी इसे मना भी नहीं करती और मजे से चुदवा लेती है। मैंने तो इससे अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाया है, भाभी ? यहाँ चोदने चुदाने की बड़ी आज़ादी है ? सब लोग सबकी बीवियां चोदते हैं। बीवियां भी भोसड़ी वाली बड़ी हरामजादी है। वो खुद अपना हाथ बढ़ाकर गैर मर्दों के लन्ड पकड़ लेतीं हैं। यहाँ तुम्हे लन्ड की लन्ड मिलेगें भाभी। कोई चिंता की बात नहीं ? तुम भी मज़ा करोगी और तेरी चूत भी।
अम्मी ने कहा हाय अल्ला, देखा सितारा मेरी बेटी तेरी बेटी से कम नहीं है। यह भी कई ग़ैर मर्दों से ठोंकवा कर आयी है।
तेरी बेटी की माँ की चूत, शबाना। किसी दिन मेरी भी चूत में ठोंकवा दे अपनी बेटी के मियां का लन्ड ?
अम्मी ने कहा ठीक है ठोंकवा दूँगी। पर तुम भी मेरी चूत में ठोंकवाना अपनी बेटी के मियां का लन्ड ?
फिर हम सब खिलखिलाकर हंसने लगीं। उसके जाने के बाद अम्मी बोली ये सितारा भी बड़ी मजाकिया और हंसमुख औरत है। इससे बातें करने में बड़ा अच्छा लगता है। जो भी बोलती है सच बोलती है। अपनी बेटी को जवानी का मज़ा लेना इसी ने सिखाया और आज वह सबके लन्ड का मज़ा लूट रही है। जवानी बुर चोदी होती ही ऐसी है बेटी। जवानी में जब तक ३/४ लन्ड गपा गप्प चूत में न घुसें तब तक मज़ा नहीं आता।
एक दिन जब अम्मी घर थी और मैं बाहर से आयी तो मेरा दोस्त फ़राज़ मेरे साथ था। मैंने उसका परिचय अम्मी से करवाया तो अम्मी भी खुश हुई और वह भी। अम्मी ने कुछ नास्ता रखा और फिर हम लोग नास्ता करने लगे। बातें शुरू हो गयीं तो हंसी मजाक तक पहुँच गयीं। तब तक अंदर से एक अधेड़ उम्र का आदमी कमरे में आ गया। अम्मी ने कहा रूफी इससे मिलो ये है मेरा दोस्त हासिम। मैंने उसे आदाब कहा और वह मुझे मस्त और बड़ा हैंडसम लगा। वह भी महफ़िल में शामिल हो गया। बात चीत गहराने लगी और नॉन वेज चुटकुले होने लगे। मुझे लगा की हासिम अंकल अम्मी के काफी नजदीक हैं और अम्मी को लगा की फ़राज़ मेरे बहुत नजदीक है। हकीकत भी ऐसी ही थी।
आज मैं अपनी माँ चुदाने के मूड में फ़राज़ को लेकर आयी थी।
इसलिए मेरे मुंह से निकला - भोसड़ी की शबाना सुन, आज मैं रूफी की माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी ?
अम्मी ने भी उसी लहज़े में प्यार से कहा - बुर चोदी रूफी सुन, आज मैं शबाना की बिटिया की बुर चुदवाऊँगी। मैंने अम्मी का हाथ पकड़ कर फ़राज़ के लन्ड पर रख दिया। उधर अम्मी ने मेरा हाथ पकड़ कर हासिम के लन्ड पर रख दिया। मैं उसका लन्ड टटोलने लगी और फिर मस्ती से उसका पैजामा खोल कर लन्ड सहलाने लगी। अंकल का लन्ड मुझे थोड़ा अच्छा लगा तो मैंने उसे जल्दी से पैजामे के बाहर निकाल लिया मैं लन्ड और लन्ड का टोपा बड़े गौर से देखने लगी। बस मेरा मन हुआ इसे चाट कर देखूँ। मैंने जबान निकाली और लौड़ा चाट लिया। अम्मी भी मेरे दोस्त का लौड़ा चाटने लगी और बोली हाय दईया ये तो बड़ा स्वादिस्ट है रूफी। तेरा दोस्त तो तेरी माँ चोदने के लिए तैयार है रूफी। मैंने कहा हां यार तेरे दोस्त का लन्ड भी तेरी बेटी की बुर लेने के लिए तैयार हो गया है। अम्मी बोली अरे भोसड़ी की रूफी पहले उसे बुर तो दिखा ? मैंने कहा हाय मेरी हरामजादी शबाना तू भी अपना भोसड़ा दिखा मेरे दोस्त के लन्ड को ? बस फिर हम दोनों कपड़े खोल कर नंगी हो गयीं।और तब तक वो दोनों भी नंगे हो गए।
मैं हासिम का लन्ड चूसने लगी और अम्मी फ़राज़ का लन्ड। थोड़ी देर के बाद फ़राज़ ने लन्ड अम्मी की चूत में घुसेड़ दिया। लन्ड पूरा घुस गया। वह भी भकाभक चोदने लगा। उस देख कर अंकल ने लन्ड मेरी चूत में घुसाया और गचागच चोदने लगा। हम दोनों आमने सामने चुदवाने लगी। अम्मी के मुंह की तरफ मेरी गांड थी और मेरे मुंह की तरफ उसकी गांड। हम दोनों एक दूसरे की चूत घुसता लन्ड बड़ी मस्ती से देख रहीं थीं। मैं फ़राज़ के पेल्हड़ सहलाने लगी और अम्मी हासिम के पेल्हड़। मस्ती दोनों को थी और उन दोनों को अभी जो हमें चोद रहे हे। मैं बीच बीच में फ़राज़ का लन्ड भोसड़ा से निकाल कर चाट लेती थी और अम्मी भी हासिम का लन्ड मेरी चूत से निकाल कर चाट लेती थी. यह पहला मौक़ा था जब की मैं शादी के बाद अम्मी के साथ चोदा चोदी कर रही थी।
अम्मी फिर बोली ;- रूफी तुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में मज़ा आ रहा है न ?
मैंने जबाब दिया :- अरे अम्मी बहुत मज़ा आ रहा है। अभी तो मैं अपने देवरों के लन्ड तेरे भोसड़ा में पेलूंगी। उसके बाद अपने ससुर का लौड़ा भी घुसेडूंगी तेरे भोसड़ा में। अब तुम बताओ तुझे अपनी बिटिया की बुर चुदवाने में कैसा लग रहा है ?
अम्मी बोली - हाय दईया मैं तो दुआ करती हूँ की अल्ला करे ऐसी बेटी सबको दे और सबकी बेटी को ऐसी बुर दे जैसी तेरी है। सबकी बेटी अपनी माँ इसी तरह चुदवाये जैसे तू चुदवा रही है।
पहली चुदाई ख़तम होने के बाद हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब गन्दी गन्दी बातें भी की. रात के १२ बज चुके थे। तभी किसी ने घंटी बज दी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने मेरी नन्द रज़िया खड़ी थी। वह बोली हाय भाभी ? मैंने कहा वाओ, तुम इतनी रात में वह भी अकेली। वह बोली नहीं भाभी मैं अकेली नहीं हूँ। मेरे साथ मेरे मियां का दोस्त रफीक है। वह आ राह अहि मेरे पीछे। वास्तव में ट्रैन ४ घंटे लेट हो गयी इसलिए देर हो गयी। मैंने कहा अरे कोई बात नहीं अंदर आओ। मैंने उसे बैठाया और उसके मुंह बोले देवर को भी। उसने सामन रखा। मैंने कहा तुम बैठो मैं अभी आयी। तब तक वह मेरे पीछे पीछे ही चली आयी। मैंने अपनी शाल फेंक दीं। अंदर तो मैं एकदम नंगी ही थी। उसने मुझे नंगी देखा तो बोली हाय रूफी भाभी मुझे भी शामिल कर लो न ? मैं भी नंगी हो जाती हूँ। मैंने कहा नहीं तुम अभी थकी हो थोड़ा आराम कर लो। थोड़ा खा पी लो। फिर आना मेरे साथ। वह बोली मैं थकी नहीं हूँ भाभी। खाने में मैं भी लन्ड खाऊँगी भाभी और कुछ नहीं ? मैंने कहा असलम का लन्ड खा कर आयी हो की नहीं। वह बोली उसका लन्ड खाने का मौक़ा ही नहीं मिला। भब ही तुम उसका लन्ड खा लो मैं तो वह लन्ड खाऊँगी जो लन्ड तुम खा रही हो। फिर मैं उसे अंदर ले गयी जहाँ मेरी अम्मी नंगी नंगी दोनों का लन्ड सहला रही थी। वह बोली हाय रब्बा मज़ा आ गया भाभी ? मैंने कहा तुम उसे भी बुला लो। वह बोली भाभी सच यह है की मैंने अभी तक उसका लन्ड नहीं देखा। अब वह रात में यहीं रहेगा तो साला हमारी चूत चोदेगा नहीं तो कहाँ जाएगा भोसड़ी का? मैं अभी उसे लेकर आती हूँ।
रज़िया ने असलम से कहा - यार तुम अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगे हो जाओ। मैं तुम्हारा लन्ड देखूंगी।
वह बोला अरे भाभी आप यह क्या कह रही हैं मैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ?
मैं कह रही हूँ न नंगे हो जाओ ? तुम्हे मेरी बुर लेना है यहाँ सबके सामने।
भाभी क्या हो गया तुम्हे ? मैं कैसे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,. ?
तुम्हे मेरी ही नहीं मेरी भाभी की बुर भी लेना है। मैं तेरा लौड़ा देखना चाहती हूँ की कितना बड़ा है ? अब उतारो जल्दी से कपड़े भोसड़ी के असलम मियां ?
भाभी तुम बहुत जास्ती कर रही हो ?
रज़िया ने उसके लन्ड पर हाथ लगाया तो देखा की वह खड़ा है।
रज़िया बोली :- तेरी माँ की चूत साले असलम। तेरा लन्ड हां कह रहा है। वह बुर चोदने को तैयार है और तू मनौना करवा रहा है। अब तू तुम मेरी बुर चोदोगे, मेरी भाभी की बुर चोदोगे और फिर चोदोगे मेरी भाभी की माँ का भोसड़ा ?
थोड़ी देर में मेरी नन्द रज़िया मेरे कमरे में अपने मियां के दोस्त असलम का लन्ड पकड़े हुए नंगी नंगी दाखिल हो गयी। मैंने उसके हाथ से असलम का लन्ड ले लियाऔर उसे हासिम का लन्ड पकड़ा दिया। फिर हम तीनो ने रात भर लन्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
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