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बीवियां सबके लंड पे बैठती हैं - Biwiyan sabke land par baithti hai
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एक दिन मैं अपनी दोस्त समीरा बेगम के घर अचानक चली गयी। वह मुझजे देख कर बड़ी खुश हुई और मुझे बड़ी इज़्ज़त से बैठाया और चाय नास्ता कराने लगी। वह बोली हाय अल्ला, मैं तो बड़ी नसीबवाली हूँ की आज मेरे घर मेरी कोई कॉलेज की दोस्त आयी है। यार तुझे देख कर तो कॉलेज के दिन याद आ गए। हम लोग कितनी मस्ती करती थीं। कैसे कैसे हम दोनों मिलकर लड़कों को चिढ़ाया करती थी। मैंने कहा चिढ़ाया ही नहीं बल्कि लड़कों की गांड मारा करती थी। उनकी माँ बहन चोदा करती थी। शिकायत करती थी तो लड़कों की माँ चुद जाती थी। पर एक बात है की पढ़ने में मै भी तेज थी और तू भी। वह बोली यार आज मैं बहुत खुश हूँ आज तो व्हिस्की बनती है। ऐसा कह कर वह शराब की बोतल उठा लायी और फर हम दोनों शराब का मज़ा लेने लगीं। वह भी उस समय घर में अकेली थी और मैं भी फुर्सत से आयी थी।
वह बोली यार रागिनी अब तो मेरी शादी हो गयी है। मैं यहाँ अपनी ससुराल में हूँ।
मैंने कहा यार शादी तो मेरी भी हो गयी है। मैं भी यहाँ इसी शहर में अपने हसबैंड के साथ रहती हूँ। पर यार अब वह आज़ादी नहीं रही जो शादी के पहले थी।
हां यार बात तो सही है। पर शादी तो होनी ही थी। वैसे मुझे यहाँ कोई परेशानी नहीं है। मैं पहले भी मस्त थी और आज भी मस्त हूँ।
हां मैं जानती हूँ की तू भोसड़ी की कितनी मस्त है। लड़कों के लण्ड पकड़ने में तो तू ही सबसे आगे थी। याद है न जब हम दोनों ने मिलकर साहिर को सिनेमा दिखाने ले गई थी। बुर्का मुझे भी पहनापहना दिया था तूने । फिर ३ घंटे हम दोनों उसका लण्ड पकड़ पकड़ कर हिलातीं रहीं, चाटती रही और झुक झुक कर चुसतीं रही उसका लण्ड ? हां यार उस दिन वाकई बड़ा मज़ा आया था।
वैसे मैं तो घर में कई मर्दों के लण्ड पकड़ चुकी थी। पर मुझे उसका लण्ड पसंद आया था।
हां हां मुझे वह दिन भी याद है जब तूने मुझे बुलाकर अपने मामू जान का लौड़ा पकड़ा दिया था। मुझे उसके लण्ड का सुपाड़ा बड़ा अच्छा लगा था। और फिर एक दिन तूने मुझे अपनी जीजू का लौड़ा भी पकड़ाया था। उसका लण्ड तो तूने मेरी चूत मे भी पेल दिया था।
अरे यार देखो हम मुसलमानो में यही तो एक फायदा है की यहाँ चुदाई पर कोई खास रोक नहीं होती। रात में तो पता ही नहीं चलता की कौन किसको चोद रहा है और कौन किससे चुदवा रही है।
मुझे यह सुख कहाँ नसीब है यार ? मेरी शादी का एक साल हो गया है। मैं तबसे पराये मरद के लण्ड के लिए तरस रही हूँ। अब तो मुझे उन लड़कों के लण्ड याद आतें है जिनके लण्ड से मैं खली करती थी। मैं तो किसी पराये मरद के लण्ड पर बैठने को तरस रही हूँ।
हाय दईया तेरी यह हालत है रागिनी ? यहाँ तो हमारे घर में बीवियां बुर चोदी ग़ैर मर्दों के लण्ड पर ही बैठी रहतीं हैं। रात को मैंने कई बार देखा है। मेरी सास अपने देवर के लण्ड पर बैठती है, मेरी नन्द अपने मामू के लण्ड पर बैठती है, कभी जीजू के लण्ड पर, तो कभी अपने खालू के लण्ड पर बैठती हूँ। मैं भी अपने नंदोई के लण्ड पर बैठती हूँ, देवरों के लण्ड पर बैठती हूँ, जेठ के लण्ड पर बैठती हूँ और ससुर के लण्ड पर भी बैठ जाती हूँ। मेरी जेठानी अपने देवर के लण्ड पर बैठती हैं और देवरानी अपने जेठ के लण्ड पर ? यहाँ सब चलता है यार है। मरद भी भोसड़ी के परायी बीवियां को अपने लण्ड पर बैठा कर बड़ा फक्र महससू करतें हैं।
ओ माय गॉड ? तो फिर किसी दिन तुम मुझे अपने मियां के लण्ड पर बैठा दो न प्लीज।
हां हां बिलकुल बैठा दूँगी। मैं तो कहती हूँ की तुम आज अभी मेरे सामने मेरे मियां के लण्ड पर बैठ जाओ ? पूरा मज़ा ले लो मेरे मियां के लण्ड का ?
इतना कह कर वह मुझे अंदर कमरे में ले गयी। फिर बाहर गयी और एक मस्त जवान लड़के के साथ अंदर आ गयी। मैं उस लड़के को देख कर खुश हो गयी। वह गोरा चिट्टा, क्लीन सेव और तगड़ा तंदुरुस्त था। सबसे अच्छी बात यह थी की उसकी दाढ़ी नहीं थी। मुझे मुंह पर बाल किसी के अच्छे नहीं लगते। मर्दों की छाती के बाल जरूर मैं पसंद करती हूँ। पर झाटों के बाल बिलकुल नहीं। मैं अपने मरद की झांटें बहुत छोटी छोटी रखती हूँ। छोटी झांटों से उसकी जवानी का पता चलता है। बड़ी बड़ी झाटों से मैं नफरत करती हूँ। मैं अपनी झांटें हफ्ते में दो दिन जरूर साफ़ करती हूँ। तब समीरा बोली रागिनी लो इससे मिलो ये है मेरा शौहर हबीब ? मैंने इसे तुम्हारे बारे में सब बता दिया है। वह मेरे बगल में बैठ गया। फिर समीरा ने उसके पैजामे का नाड़ा खोला और मेरा हाथ पकड़ कर उसके पैजामे के अंदर घुसेड़ कर कहा रागिनी लो अब पकड़ो मेरे मियां का लण्ड ? मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया और मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगीं। मैं लण्ड पकड़ कर अंदर ही अंदर सहलाने लगी। मुझे एहसास हुआ की लण्ड मोटा भी है और दमदार भी।
समीरा घूम कर मेरे पीछे आयी और मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरे जब बड़े बड़े बूब्स जब उसके सामने खुल गये तो उसके लण्ड में एक बड़ी जोर का करंट लगा और लण्ड बहन चोद टन टना कर सख्त हो गाय। मैं समझ गयी की यह सब मेरे बूब्स का कमाल है। उसके बाद समीरा ने मेरा पेटकोट उतार कर फेंक दिया टॉप मेरी मस्तानी चूत उसके सामने नंगी हो गयी। हबीब का हाथ मेरी चूत पर चला गया। उसके बाद समीरा भी भोसड़ी वाली एकदम नंगी हो गयी। फिर हम दोनों ने मिलकर हबीब को पूरा नंगा कर दिया। उसका नंगा बादब देख कर मैं तो मस्त हो गयी। तब तक लण्ड अपने पूरे जोश में आ चुका था। मुझे नंगा आदमी बड़ा अच्छा लगता है बशर्ते की उसका लण्ड खड़ा हो ? हबीब का चिकना लौड़ा देख कर मैं उसे घुमा घुमा कर चूमने लगी। मुझे लण्ड का सुपाड़ा बहुत ही खूबसूरत लग रहा था।
मैं शादी के बाद पराये मरद का पहला लण्ड पाकर ख़ुशी से झूम उठी। मैं समीरा के मियां का लण्ड चूसने लगी, समीरा मेरी चूत चाटने लगी और हबीब अपनी बीवी की चूँचियाँ मसलने लगा। हम तीनो मस्ती से चूर थीं। मेरी चूत बहन चोद बहुत गरम हो चुकी थीऔर गीली भी। तब समीरा ने लण्ड पकड़ कर मेरी चूत में घुसेड़ दिया और वह मजे से लण्ड घुसेड़ कर मुझे चोदने लगा। समीरा लण्ड के पेल्हड़ सहलाने लगी और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स।
समीरा बोली :- रागिनी कैसा लग रहा है तुम्हे मेरे मियां का लण्ड ?
मैंने कहा :- यार बड़ा लाजबाब लौड़ा है तेरे मियां का ? मैं तो इसकी गुलाम हो गयी।
इतने में कमरे में एक जवान लड़का आ गया और बोला अरे समीरा भाभी किसकी बुर चुदवा रही हो तुम अपने मियां से ? समीरा बोली अरे यार सफी यह मेरी सहेली है रागिनी। बिचारी बड़ी चुदासी थी इसकी बुर इसीलिए मैंने अपने मियां का लौड़ा इसमें पेल दिया। वह बोला तो भाभी मेरा भी लौड़ा इसकी बुर में पेल दो न ? समीरा बोली तेरी माँ की चूत साले तेरी बहन की बुर ? अभी अभी तू मेरी खाला जान का भोसड़ा चोद कर आया है और अभी अभी तुझे किसी की बुर चाहिए। वह बोला अरे भाभी तुझे और तेरी सहेली को नंगी देख कर मेरा लौड़ा साला फिर से खड़ा हो गया। अब तो मैं चोद कर ही जाऊंगा ? समीरा बोली अच्छा तो ठीक है ले पहले मेरी बुर चोद ले फिर मेरी सहेली की बुर चोदना। दोनों आमने सामने चुदवाने लगीं। मुझे सफी का लण्ड भी बड़ा मस्त और सॉलिड लगा। मैंने जब हबीब लण्ड बुर से निकाल कर मुंह में लिया तो समीरा ने सफी का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
मैं दोनों लण्ड का मज़ा एक साथ लूटने लगी। दो दो पराये मर्दों के लण्ड ने मेरे अंदर एक अज़ाब तरज्ह का जोश भर दिया। मुझे चुदवाने इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया। मैं मन ही मन समीरा का शुक्रिया अदा करने लगी। समीरा ने मुझे बताय की सफी उसका नंदोई है और उसकी नन्द भी बहन छोड़बहुत बड़ी बुर चोदी है। वह तो ग़ैर से चुदवाने में बड़ी बेजोड़ है।
जाते समय समीरा बोली रागिनी एक बात सुन लो अगर तुम्हे ज़िन्दगी भर पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा लेना है तो इस खेल में अपने पति को भी शामिल करो। उससे अपने सामने किसी की बीवी की बुर चुदवाओ। उसके अंदर परायी बीवियां चोदने का आदत डालो। और ऐसी आदत डालो की उसे परायी बीवियां चोदने का चस्का लग जाए। मैंने कहा यार जैसे तूने मुझे अपने मियां से चुदवाया है वैसे ही मैं अपने मियां से तेरी बुर चुदवाऊंगी ? मैं आज रात को ही अपने पति से बात करूंगी और तुझे कल बताऊंगी।
समीरा मुझसे ज्यादा खूबसूरत है, उसकी चूँचियाँ भी मेरी चूँचियों से बड़ी हैं और वह बोलती भी बड़ी अच्छी तरह है। देखने में बड़ी सेक्सी और हॉट लगती है। मेरा पति उसे देख कर जरूर लार टपकाने लगेगा। रात को जब मैं अपने पति का लण्ड पकड़ कर हिला रही थी तो मेरे मन में समीरा की बातें चल रही थी। मैं लण्ड से और प्यार करने लगी। फिर मैंने आहिस्ते से कहा सुनो जी तुम मेरी सहेली समीरा को जानते हो ? वह बोला हां जानता हूँ। उससे एक ही बार मिला हूँ पर मुझे याद है। मैंने पूंछा ऐसा क्या है उसमे जो तुम्हे यद् है। उसने बताय हां वह एक अच्छी औरत लगी मुझे। खूबसूरत भी है और अदब से बात भी करती है। मैंने कहा जानते हो वह क्या कह रही थी ? वह कह रही थी की रागिनी मैं तेरे पति को नंगा देखना चाहती हूँ। मैंने जैसे ही यह बात कही वैसे ही उसका लण्ड साला उछल पड़ा। मुझे जबाब मिल गया। वह बोला अच्छा ऐसी बात है क्या ? बड़ी मजाकियां है तेरी समीरा ?
मैंने कहा वह मजाक में नहीं कह रही थी सच में कह रही थी। वह बोला तो फिर कर दो मुझे नंगा उसके आगे ? पर एक बात है फिर उसे भी नंगी होना पड़ेगा मेरे आगे ? मैंने उसका लण्ड चूम कर कहा हाय दईया बड़े चालक हो तुम और तुम्हारा यह लण्ड ? तुम उसकी चूँचियाँ, उसकी चूत और उसकी गांड देखना चाहते हो ? पर कोई बात नहीं मैं किसी दिन दिखा दूँगी ? उस दिन मेरे पति से सच में मुझे खूब अच्छी तरह चोदा। दूसरे दिन मैंने दोपहर में समीरा को बुला लिया। थोड़ी गर्मी के दिन थे। वह आयी। उसने जींस और टॉप पहना था। उसके बड़े बड़े चूतड़ बड़े सेक्सी लग रहे थे। उसके बड़े बड़े बूब्स उछल रहे थे क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मेरा पति उस पर लटटू हो गया। तब तक मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर दिया था। हम तीनो शराब का मज़ा लेने लगीं। समीरा बोली यार रागिनी तेरा हसबैंड तो बड़ा स्मार्ट और हॉट है। तू तो बहन चोद बड़ी लकी है यार ? इसे देख कर तो कोई भी लड़की अपना दिल दे बैठेगी ?
मैंने कहा यार समीरा तुम दिल के वजाय 'वो' दे दो जो इसे चाहिए ?
बस इसी बात पर हम सब हंसने लगे। ऐसा बोल कर मैंने समीरा का हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रख दिया और कहा अब क्या तुम खुद ही पकड़ कर देख लो समीरा। फिर मैंने अपने मियां को आँख मारी तो उसने हाथ बढ़ाकर उसकी चूँचियाँ पकड़ लीं। खेल शुरू हो गया। मैंने धीरे से समीरा का टॉप उतार कर फेंक दिया। उसकी नंगी चूँचियाँ देख कर मेरा मियां पागल हो गया। वह तो दोनों हाथों से चूँचियाँ ही दबाने लगा। तब तक समीरा भी उसे नंगा कर चुकी थी। उसका लण्ड पूरी तरह टन्ना उठा था। वह प्यार से लण्ड हिलाने लगी और मैं उसे नंगी करने लगी। उसके बाद मैं भी नंगी हो गयी। तब तक मेरा पति एकदम नंगा हो गया था। समीरा मेरे पति का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। मैं समीरा की चूत चाटने लगी और वह भी एक हाथ से मेरी चूँचियाँ सहलाने लगी। मस्ती हर तरफ छाने लगी।
जब मेरे पति ने अपना लण्ड समीरा की चूत में पेला तब मुझे चैन की सांस आयी। मैंने मन में कहा अब मेरा काम हो गया। मेरा भी मियां मेरे सामने चोदने लगा परायी बीवियों की बुर ?
बीवियां सबके लण्ड पर बैठती हैं
इस तरह समीरा मेरे पति से चुदवाकर चली गयी। रात को जब मैं बिस्तर पर नंगी नंगी लेटी हुई अपने पति का लण्ड हिला रही थी तो वह बोला रागिनी तेरी दोस्त समीरा चुदवाने में बड़ी मस्त है। मैं सोंचता हूँ की उसकी और भी दोस्त होगीं जो इसी तरह चुदवाती होंगीं ? तुम बात करो न उससे रागिनी। अब तो मुझे उसकी बुर की तरह और बुर चाहिए। वाकई बड़ा मज़ा आया मुझे उसे चोद कर। मैं ये सब सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुई। फिर मैंने पूंछा अच्छा यह बताओ अगर तुम्हारी बीवी को भी कोई उसी तरह चोदे जैसे तुमने समीरा को चोदा तो तुम्हे कैसा लगेगा ? वह हंस कर बोला तो क्या मैं अपनी बीवी खुशी ख़ुशी चुदवा लूंगा। जब मैं किसी की बीवी चोदूंगा तो वह भी मेरी बीवी चोदना चाहेगा ? मैं तो तैयार हूँ। अब तुम बताओ क्या तुम उससे चुदवा लोगी रागिनी ? मैं मस्ती में बोली की मैं तो आपको खुश करने के लिए किसी से बुर चुदवाना क्या, अपनी गांड भी मरवा लूंगी ? मैं तैयार हूँ।
दूसरे दिन समीरा का फोन ा गया। वह बोली रागिनी एक मेरी खाला की बेटी है रिदा। वह शादी शुदा है। उसका मियां है नियाज़। चुदवाने में बड़ी बेजोड़ है। वह मुझसे ज्यादा खूबसूरत है और उसकी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी हैं। लण्ड खूब चूसती है और अपनी चूँचियाँ भी चुदवाती है। उसके मियां का लौड़ा बड़ा जबरदस्त है। तुम्हे मज़ा आ जायेगा। मैं इन दोनों को तेरे पास भेज रही हूँ। आज रात को तुम अपने पति के आगे नियाज़ से चुदवाओ और तेरा पति रिदा को चोदे। फिर कल मुझे बताना। बस थोड़ी देर में रिदा और नियाज़ दोनों आ गए। मैं उन लोगों से बात कर ही रही थी की मेरा पति रोहित आ गया। मैंने उन दोनों को रोहित से मिलवाया। रोहित तो बड़ी देर तक रिदा को देखता ही रहा। उसने कहा यार रागिनी आज मेरा दोस्त अंकित अपनी बीवी अंजलि के साथ आ रहा है। मैंने उसे डिनर पर बुलाया है।
अंजलि ने नियाज़ा को देखा तो बोली अरे भोसड़ी के तुम यहाँ ? नियाज़ तू यहां कर कर रहा है ? नियाज़ बोला यार अंजलि तुम यहाँ कर रही हो ? उन दोनों की बातों से हम लोग हैरान हो गये। तब मालूम हुआ वो दोनो कभी एक ही कॉलेज में और एक ही क्लास में पढ़ते थे।
मैंने अंजलि के कान में कहा :- यार अंजलि, तुमने कभी नियाज़ को नंगा देखा ?
वह बोली :- नहीं यार, पहले तो कभी नहीं देखा पर आज जरूर इसे नंगा देखूंगी।
मैंने फिर उसके कान में कहा :- तुमने कभी मरे पति रोहित को नंगा देखा ?
वह मेरे कान में बोली :- नहीं यार, उसे भी कभी नंगा नहीं देखा लेकिन आज उसे नंगा देखने हीआई हूँ।
उसकी इस बात ने मुझे रोमंचित कर दिया।
एक बस हम तीनो कपल बैठ कर ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगे। थोड़ी देर में मैं अंदर किचेन में कुछ नास्ता लेने गयी तो रोहित भी मेरे पीछे पीछे आ गया। वह बोला यार रागिनी आज मैं तेरी रिदा की बुर लेना चाहता हूँ और अंजलि को भी चोदना चाहता हूँ। तुम कुछ करो न प्लीज। इन्हे चुदाई के लिया मना लो। ये दोनों अगर मेरी बीवी चोदना चाहे तो चोद लें। मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है। मैंने मुस्कराकर कहा हां हां मैं देखती हूँ। कुछ करती हूँ। मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी। मैंने कहा तुम चिंता न करो। आज तुम इन दोनों को चोदोगे और आज तुम्हारे सामने तुम्हारी बीवी भी चुदेगी। फिर हम दोनों बाहर आ गए उन सबके पास। थोड़ा नशा चढ़ा तो बाते और खुली खुली होने लगीं, हंसी मजाक खुल कर होने लगी और फिर अश्लील भी होने लगीं। मैं थोड़ा और बेशर्म हो गयी।
मैंने पूंछा - अंजलि तुम बताओ तुमने कॉलेज में कितने लोगों के लण्ड पकड़े ?
अंजलि - ३ लड़कों के लण्ड पकड़े पर चुदवाया किसी से भी नहीं ?
क्यों क्या तुम्हारी गांड फटती थी।
नहीं ऐसी बात नहीं पर प्रेग्नेंट होने का डर था। पर तुम बताओ रागिनी तूने क्या किया ?
मैंने तो बस सबको गालियां सुनाई और दो लड़कों के लण्ड मुठ्ठ मार कर पिया।
रिदा - तो फिर रागिनी आज तुम मेरे मियां का लण्ड पियो ?
मैंने कहा - हां पी लूंगी पर तुम भी मेरे मियां का लण्ड पियो।
अंजलि - तो हम लोग एक दूसरे के मियां का लण्ड क्यों न पिये ? हम सब राज़ी है तो फिर संकोच क्यों ? क्यों न खुल कर मज़ा लें और एन्जॉय करें ?
नियाज़ - यार मैं सच कहूँ ? मैं तो तुम लोगों से अपनी बीवी चुदवाने के लिए तैयार हूँ।
अंकित - तो फिर तुम लोग भी मेरी बीवी चोद लो।
रोहित - तुम भी चोदो मेरी बीवी, अंकित ?
अब तो मामला बिलकुल साफ़ हो चुका था। मैंने नियाज़ के लण्ड पर हाथ रख दिया। रिदा अंकित का लण्ड दबाने लगी और अंजलि मेरे मियां के लण्ड पर अपना हाथ रगड़ने लगी। मैं तो बेशर्मी से नियाज़ की पैंट खोलने लगी। उसकी शर्ट उतार दी और बनियाइन भी। पैंट जब पैंट उतरी तो वह चड्ढी में आ गया। मैंने उस समय भी देर नहीं लगाई। उसे अपने आमने खड़ा किया और मैं घुटनो के बल बैठ कर इसकी चड्ढी नीचे घसीट दी । चड्ढी गिरते ही उसका लण्ड टन्न से मेरे गाल पर लगा। जैसे किसी ने थप्पड मारा हो। मैं मुस्करा पड़ी और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी. ऐसा ही कुछ रिदा ने भी किया और उसने अंकित का लण्ड चूम चूम कर प्यार करने लगी। अंजलि ने मेरे पति का लण्ड खोला और उसका सुपाड़ा ही चाटने लगी। उसके बाद उसने उसे बिलकुल नंगा कर दिया। अब हमारे सामने तीनो मरद बहन चोद नंगे हो चुके थे। मजे की बात यह थी की किसी भी लण्ड की झांटें नहीं थीं। सब के सब चिकने लण्ड ?
फिर मैं उठी और नियाज़ के सामने अपने कपड़े उतारने लगी। आखिर में जब उसने मेरी चोंचियाँ देखीं। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत देखी और मेरे बड़े बड़े मस्त चूतड़ देखे तो उसके मुंह में पानी आ गया। अंकित तो उधर रिदा को नंगी देख कर पागल सा हो गया। मेरा पति अंजलि को नंगी देख कर मस्त हो गया। उसकी चूँचियाँ वाकई बड़ी सेक्सी और सुडौल थी. देखते ही देखते हम ६ लोग एकदम नंगे हो गये पूरे कमरे में। मरद भोसड़ी के सबकी नंगी बीवियां देखने लगे और बीवियां बुर चोदी पराये मरदों को नंगा देखने लगीं । मैं मन में सोंचने लगी की जब पराये मर्दों को नंगा देखने में इतना मज़ा आ रहा है तो इनसे चुदवाने में कितना मज़ा आएगा ? और इनका लण्ड पीने में कितना मज़ा आएगा ?
मरद भोसड़ी के कुछ जल्दी ही ताव में आ गए। मेरा मियां रोहित ने लण्ड अंकित की बीवी अंजलि की चूत में घुसेड़ दिया। उसकी तमन्ना पूरी हुई तो वह मस्ती से अंकित की बीवी चोदने लगा। अंकित यह देख कर रिदा के ऊपर चढ़ बैठा और वह भी मजे से नियाज़ की बीवी चोदने लगा। नियाज़ रोहित की बीवी चोदने लगा। मतलब की नियाज़ ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और उछल उछल कर मेरी बुर चोदने लगा। आज मैं पहली बार एक मुस्लिम लण्ड से चुदवा रही थी। मुझे सच में मज़ा आने लगा।
ये तीनो भोसड़ी के अपनी बीवी चुदवा भी रहे थे और दूसरे की बीवी चोद भी रहे थे। इस तरह की सामूहिक चुदाई का मज़ा ही कुछ और होता है। अपनी बीवी को किसी और से चुदवाते हुए देखो और दूसरे की बीवी चोदो ? यही तो है असली मज़ा ? किसी पराये मरद से चुदवाओ और अपने मरद को किसी की बीवी चोदते हुए देखो यही तो असली मज़ा ?
दूसरी पारी मे नियाज़ की बीवी रोहित के लण्ड पर बैठ गयी। अंकित की बीवी नियाज़ के लण्ड पर बैठ गयी और और रोहित की बीवी अंकित लण्ड पर बैठ गयी। इस तरह बीवियों ने पराये मरद के लण्ड पर बैठना शुरू कर दिया।
रिदा बोली :- हाय रागिनी यह खेल तो हमारे घर में खूब होता है। मेरी अम्मी मेरे मियां के लण्ड बैठ जाती हैं. मैं नन्दोई के लण्ड पर बैठ जाती हूँ, दीदी खालू के लण्ड पर बैठ जाती हैं, खाला जीजू के लण्ड पर बैठ जातीं हैं. फूफी चाचू के लण्ड पर बैठ जाती हैं। चची जान फूफा के लण्ड पर बैठ जाती हैं। मैं ससुर के लण्ड पर बैठ जाती हूँ, मेरी नन्द मेरे भाई जान के लण्ड पर बैठ जाती है और मेरी सास मेरे अब्बू के लण्ड पर ? एक दूसरे के मरद के लण्ड पर बैठने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने कहा :- यार रिदा अब आज से मैं एक ग्रुप बनाने जा रही हूँ। जहाँ बीवियां सबके लण्ड पर बैठेगीं।
एक साल के अंदर ही मैंने एक "wife swapping group" बना लिया और आज मेरे ग्रुप में १५ कपल्स हैं। हर शनिवार को मैं "wife swapping" की पार्टी रखती हूँ जहाँ सब की सब बीवियां सबके लण्ड पर बैठ बैठ कर चुदवाती हैं। एक बार नहीं कई बार चुदवाती हैं।
एक दिन मैं अपनी दोस्त समीरा बेगम के घर अचानक चली गयी। वह मुझजे देख कर बड़ी खुश हुई और मुझे बड़ी इज़्ज़त से बैठाया और चाय नास्ता कराने लगी। वह बोली हाय अल्ला, मैं तो बड़ी नसीबवाली हूँ की आज मेरे घर मेरी कोई कॉलेज की दोस्त आयी है। यार तुझे देख कर तो कॉलेज के दिन याद आ गए। हम लोग कितनी मस्ती करती थीं। कैसे कैसे हम दोनों मिलकर लड़कों को चिढ़ाया करती थी। मैंने कहा चिढ़ाया ही नहीं बल्कि लड़कों की गांड मारा करती थी। उनकी माँ बहन चोदा करती थी। शिकायत करती थी तो लड़कों की माँ चुद जाती थी। पर एक बात है की पढ़ने में मै भी तेज थी और तू भी। वह बोली यार आज मैं बहुत खुश हूँ आज तो व्हिस्की बनती है। ऐसा कह कर वह शराब की बोतल उठा लायी और फर हम दोनों शराब का मज़ा लेने लगीं। वह भी उस समय घर में अकेली थी और मैं भी फुर्सत से आयी थी।
वह बोली यार रागिनी अब तो मेरी शादी हो गयी है। मैं यहाँ अपनी ससुराल में हूँ।
मैंने कहा यार शादी तो मेरी भी हो गयी है। मैं भी यहाँ इसी शहर में अपने हसबैंड के साथ रहती हूँ। पर यार अब वह आज़ादी नहीं रही जो शादी के पहले थी।
हां यार बात तो सही है। पर शादी तो होनी ही थी। वैसे मुझे यहाँ कोई परेशानी नहीं है। मैं पहले भी मस्त थी और आज भी मस्त हूँ।
हां मैं जानती हूँ की तू भोसड़ी की कितनी मस्त है। लड़कों के लण्ड पकड़ने में तो तू ही सबसे आगे थी। याद है न जब हम दोनों ने मिलकर साहिर को सिनेमा दिखाने ले गई थी। बुर्का मुझे भी पहनापहना दिया था तूने । फिर ३ घंटे हम दोनों उसका लण्ड पकड़ पकड़ कर हिलातीं रहीं, चाटती रही और झुक झुक कर चुसतीं रही उसका लण्ड ? हां यार उस दिन वाकई बड़ा मज़ा आया था।
वैसे मैं तो घर में कई मर्दों के लण्ड पकड़ चुकी थी। पर मुझे उसका लण्ड पसंद आया था।
हां हां मुझे वह दिन भी याद है जब तूने मुझे बुलाकर अपने मामू जान का लौड़ा पकड़ा दिया था। मुझे उसके लण्ड का सुपाड़ा बड़ा अच्छा लगा था। और फिर एक दिन तूने मुझे अपनी जीजू का लौड़ा भी पकड़ाया था। उसका लण्ड तो तूने मेरी चूत मे भी पेल दिया था।
अरे यार देखो हम मुसलमानो में यही तो एक फायदा है की यहाँ चुदाई पर कोई खास रोक नहीं होती। रात में तो पता ही नहीं चलता की कौन किसको चोद रहा है और कौन किससे चुदवा रही है।
मुझे यह सुख कहाँ नसीब है यार ? मेरी शादी का एक साल हो गया है। मैं तबसे पराये मरद के लण्ड के लिए तरस रही हूँ। अब तो मुझे उन लड़कों के लण्ड याद आतें है जिनके लण्ड से मैं खली करती थी। मैं तो किसी पराये मरद के लण्ड पर बैठने को तरस रही हूँ।
हाय दईया तेरी यह हालत है रागिनी ? यहाँ तो हमारे घर में बीवियां बुर चोदी ग़ैर मर्दों के लण्ड पर ही बैठी रहतीं हैं। रात को मैंने कई बार देखा है। मेरी सास अपने देवर के लण्ड पर बैठती है, मेरी नन्द अपने मामू के लण्ड पर बैठती है, कभी जीजू के लण्ड पर, तो कभी अपने खालू के लण्ड पर बैठती हूँ। मैं भी अपने नंदोई के लण्ड पर बैठती हूँ, देवरों के लण्ड पर बैठती हूँ, जेठ के लण्ड पर बैठती हूँ और ससुर के लण्ड पर भी बैठ जाती हूँ। मेरी जेठानी अपने देवर के लण्ड पर बैठती हैं और देवरानी अपने जेठ के लण्ड पर ? यहाँ सब चलता है यार है। मरद भी भोसड़ी के परायी बीवियां को अपने लण्ड पर बैठा कर बड़ा फक्र महससू करतें हैं।
ओ माय गॉड ? तो फिर किसी दिन तुम मुझे अपने मियां के लण्ड पर बैठा दो न प्लीज।
हां हां बिलकुल बैठा दूँगी। मैं तो कहती हूँ की तुम आज अभी मेरे सामने मेरे मियां के लण्ड पर बैठ जाओ ? पूरा मज़ा ले लो मेरे मियां के लण्ड का ?
इतना कह कर वह मुझे अंदर कमरे में ले गयी। फिर बाहर गयी और एक मस्त जवान लड़के के साथ अंदर आ गयी। मैं उस लड़के को देख कर खुश हो गयी। वह गोरा चिट्टा, क्लीन सेव और तगड़ा तंदुरुस्त था। सबसे अच्छी बात यह थी की उसकी दाढ़ी नहीं थी। मुझे मुंह पर बाल किसी के अच्छे नहीं लगते। मर्दों की छाती के बाल जरूर मैं पसंद करती हूँ। पर झाटों के बाल बिलकुल नहीं। मैं अपने मरद की झांटें बहुत छोटी छोटी रखती हूँ। छोटी झांटों से उसकी जवानी का पता चलता है। बड़ी बड़ी झाटों से मैं नफरत करती हूँ। मैं अपनी झांटें हफ्ते में दो दिन जरूर साफ़ करती हूँ। तब समीरा बोली रागिनी लो इससे मिलो ये है मेरा शौहर हबीब ? मैंने इसे तुम्हारे बारे में सब बता दिया है। वह मेरे बगल में बैठ गया। फिर समीरा ने उसके पैजामे का नाड़ा खोला और मेरा हाथ पकड़ कर उसके पैजामे के अंदर घुसेड़ कर कहा रागिनी लो अब पकड़ो मेरे मियां का लण्ड ? मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया और मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगीं। मैं लण्ड पकड़ कर अंदर ही अंदर सहलाने लगी। मुझे एहसास हुआ की लण्ड मोटा भी है और दमदार भी।
समीरा घूम कर मेरे पीछे आयी और मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरे जब बड़े बड़े बूब्स जब उसके सामने खुल गये तो उसके लण्ड में एक बड़ी जोर का करंट लगा और लण्ड बहन चोद टन टना कर सख्त हो गाय। मैं समझ गयी की यह सब मेरे बूब्स का कमाल है। उसके बाद समीरा ने मेरा पेटकोट उतार कर फेंक दिया टॉप मेरी मस्तानी चूत उसके सामने नंगी हो गयी। हबीब का हाथ मेरी चूत पर चला गया। उसके बाद समीरा भी भोसड़ी वाली एकदम नंगी हो गयी। फिर हम दोनों ने मिलकर हबीब को पूरा नंगा कर दिया। उसका नंगा बादब देख कर मैं तो मस्त हो गयी। तब तक लण्ड अपने पूरे जोश में आ चुका था। मुझे नंगा आदमी बड़ा अच्छा लगता है बशर्ते की उसका लण्ड खड़ा हो ? हबीब का चिकना लौड़ा देख कर मैं उसे घुमा घुमा कर चूमने लगी। मुझे लण्ड का सुपाड़ा बहुत ही खूबसूरत लग रहा था।
मैं शादी के बाद पराये मरद का पहला लण्ड पाकर ख़ुशी से झूम उठी। मैं समीरा के मियां का लण्ड चूसने लगी, समीरा मेरी चूत चाटने लगी और हबीब अपनी बीवी की चूँचियाँ मसलने लगा। हम तीनो मस्ती से चूर थीं। मेरी चूत बहन चोद बहुत गरम हो चुकी थीऔर गीली भी। तब समीरा ने लण्ड पकड़ कर मेरी चूत में घुसेड़ दिया और वह मजे से लण्ड घुसेड़ कर मुझे चोदने लगा। समीरा लण्ड के पेल्हड़ सहलाने लगी और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स।
समीरा बोली :- रागिनी कैसा लग रहा है तुम्हे मेरे मियां का लण्ड ?
मैंने कहा :- यार बड़ा लाजबाब लौड़ा है तेरे मियां का ? मैं तो इसकी गुलाम हो गयी।
इतने में कमरे में एक जवान लड़का आ गया और बोला अरे समीरा भाभी किसकी बुर चुदवा रही हो तुम अपने मियां से ? समीरा बोली अरे यार सफी यह मेरी सहेली है रागिनी। बिचारी बड़ी चुदासी थी इसकी बुर इसीलिए मैंने अपने मियां का लौड़ा इसमें पेल दिया। वह बोला तो भाभी मेरा भी लौड़ा इसकी बुर में पेल दो न ? समीरा बोली तेरी माँ की चूत साले तेरी बहन की बुर ? अभी अभी तू मेरी खाला जान का भोसड़ा चोद कर आया है और अभी अभी तुझे किसी की बुर चाहिए। वह बोला अरे भाभी तुझे और तेरी सहेली को नंगी देख कर मेरा लौड़ा साला फिर से खड़ा हो गया। अब तो मैं चोद कर ही जाऊंगा ? समीरा बोली अच्छा तो ठीक है ले पहले मेरी बुर चोद ले फिर मेरी सहेली की बुर चोदना। दोनों आमने सामने चुदवाने लगीं। मुझे सफी का लण्ड भी बड़ा मस्त और सॉलिड लगा। मैंने जब हबीब लण्ड बुर से निकाल कर मुंह में लिया तो समीरा ने सफी का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
मैं दोनों लण्ड का मज़ा एक साथ लूटने लगी। दो दो पराये मर्दों के लण्ड ने मेरे अंदर एक अज़ाब तरज्ह का जोश भर दिया। मुझे चुदवाने इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया। मैं मन ही मन समीरा का शुक्रिया अदा करने लगी। समीरा ने मुझे बताय की सफी उसका नंदोई है और उसकी नन्द भी बहन छोड़बहुत बड़ी बुर चोदी है। वह तो ग़ैर से चुदवाने में बड़ी बेजोड़ है।
जाते समय समीरा बोली रागिनी एक बात सुन लो अगर तुम्हे ज़िन्दगी भर पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा लेना है तो इस खेल में अपने पति को भी शामिल करो। उससे अपने सामने किसी की बीवी की बुर चुदवाओ। उसके अंदर परायी बीवियां चोदने का आदत डालो। और ऐसी आदत डालो की उसे परायी बीवियां चोदने का चस्का लग जाए। मैंने कहा यार जैसे तूने मुझे अपने मियां से चुदवाया है वैसे ही मैं अपने मियां से तेरी बुर चुदवाऊंगी ? मैं आज रात को ही अपने पति से बात करूंगी और तुझे कल बताऊंगी।
समीरा मुझसे ज्यादा खूबसूरत है, उसकी चूँचियाँ भी मेरी चूँचियों से बड़ी हैं और वह बोलती भी बड़ी अच्छी तरह है। देखने में बड़ी सेक्सी और हॉट लगती है। मेरा पति उसे देख कर जरूर लार टपकाने लगेगा। रात को जब मैं अपने पति का लण्ड पकड़ कर हिला रही थी तो मेरे मन में समीरा की बातें चल रही थी। मैं लण्ड से और प्यार करने लगी। फिर मैंने आहिस्ते से कहा सुनो जी तुम मेरी सहेली समीरा को जानते हो ? वह बोला हां जानता हूँ। उससे एक ही बार मिला हूँ पर मुझे याद है। मैंने पूंछा ऐसा क्या है उसमे जो तुम्हे यद् है। उसने बताय हां वह एक अच्छी औरत लगी मुझे। खूबसूरत भी है और अदब से बात भी करती है। मैंने कहा जानते हो वह क्या कह रही थी ? वह कह रही थी की रागिनी मैं तेरे पति को नंगा देखना चाहती हूँ। मैंने जैसे ही यह बात कही वैसे ही उसका लण्ड साला उछल पड़ा। मुझे जबाब मिल गया। वह बोला अच्छा ऐसी बात है क्या ? बड़ी मजाकियां है तेरी समीरा ?
मैंने कहा वह मजाक में नहीं कह रही थी सच में कह रही थी। वह बोला तो फिर कर दो मुझे नंगा उसके आगे ? पर एक बात है फिर उसे भी नंगी होना पड़ेगा मेरे आगे ? मैंने उसका लण्ड चूम कर कहा हाय दईया बड़े चालक हो तुम और तुम्हारा यह लण्ड ? तुम उसकी चूँचियाँ, उसकी चूत और उसकी गांड देखना चाहते हो ? पर कोई बात नहीं मैं किसी दिन दिखा दूँगी ? उस दिन मेरे पति से सच में मुझे खूब अच्छी तरह चोदा। दूसरे दिन मैंने दोपहर में समीरा को बुला लिया। थोड़ी गर्मी के दिन थे। वह आयी। उसने जींस और टॉप पहना था। उसके बड़े बड़े चूतड़ बड़े सेक्सी लग रहे थे। उसके बड़े बड़े बूब्स उछल रहे थे क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मेरा पति उस पर लटटू हो गया। तब तक मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर दिया था। हम तीनो शराब का मज़ा लेने लगीं। समीरा बोली यार रागिनी तेरा हसबैंड तो बड़ा स्मार्ट और हॉट है। तू तो बहन चोद बड़ी लकी है यार ? इसे देख कर तो कोई भी लड़की अपना दिल दे बैठेगी ?
मैंने कहा यार समीरा तुम दिल के वजाय 'वो' दे दो जो इसे चाहिए ?
बस इसी बात पर हम सब हंसने लगे। ऐसा बोल कर मैंने समीरा का हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रख दिया और कहा अब क्या तुम खुद ही पकड़ कर देख लो समीरा। फिर मैंने अपने मियां को आँख मारी तो उसने हाथ बढ़ाकर उसकी चूँचियाँ पकड़ लीं। खेल शुरू हो गया। मैंने धीरे से समीरा का टॉप उतार कर फेंक दिया। उसकी नंगी चूँचियाँ देख कर मेरा मियां पागल हो गया। वह तो दोनों हाथों से चूँचियाँ ही दबाने लगा। तब तक समीरा भी उसे नंगा कर चुकी थी। उसका लण्ड पूरी तरह टन्ना उठा था। वह प्यार से लण्ड हिलाने लगी और मैं उसे नंगी करने लगी। उसके बाद मैं भी नंगी हो गयी। तब तक मेरा पति एकदम नंगा हो गया था। समीरा मेरे पति का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। मैं समीरा की चूत चाटने लगी और वह भी एक हाथ से मेरी चूँचियाँ सहलाने लगी। मस्ती हर तरफ छाने लगी।
जब मेरे पति ने अपना लण्ड समीरा की चूत में पेला तब मुझे चैन की सांस आयी। मैंने मन में कहा अब मेरा काम हो गया। मेरा भी मियां मेरे सामने चोदने लगा परायी बीवियों की बुर ?
बीवियां सबके लण्ड पर बैठती हैं
इस तरह समीरा मेरे पति से चुदवाकर चली गयी। रात को जब मैं बिस्तर पर नंगी नंगी लेटी हुई अपने पति का लण्ड हिला रही थी तो वह बोला रागिनी तेरी दोस्त समीरा चुदवाने में बड़ी मस्त है। मैं सोंचता हूँ की उसकी और भी दोस्त होगीं जो इसी तरह चुदवाती होंगीं ? तुम बात करो न उससे रागिनी। अब तो मुझे उसकी बुर की तरह और बुर चाहिए। वाकई बड़ा मज़ा आया मुझे उसे चोद कर। मैं ये सब सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुई। फिर मैंने पूंछा अच्छा यह बताओ अगर तुम्हारी बीवी को भी कोई उसी तरह चोदे जैसे तुमने समीरा को चोदा तो तुम्हे कैसा लगेगा ? वह हंस कर बोला तो क्या मैं अपनी बीवी खुशी ख़ुशी चुदवा लूंगा। जब मैं किसी की बीवी चोदूंगा तो वह भी मेरी बीवी चोदना चाहेगा ? मैं तो तैयार हूँ। अब तुम बताओ क्या तुम उससे चुदवा लोगी रागिनी ? मैं मस्ती में बोली की मैं तो आपको खुश करने के लिए किसी से बुर चुदवाना क्या, अपनी गांड भी मरवा लूंगी ? मैं तैयार हूँ।
दूसरे दिन समीरा का फोन ा गया। वह बोली रागिनी एक मेरी खाला की बेटी है रिदा। वह शादी शुदा है। उसका मियां है नियाज़। चुदवाने में बड़ी बेजोड़ है। वह मुझसे ज्यादा खूबसूरत है और उसकी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी हैं। लण्ड खूब चूसती है और अपनी चूँचियाँ भी चुदवाती है। उसके मियां का लौड़ा बड़ा जबरदस्त है। तुम्हे मज़ा आ जायेगा। मैं इन दोनों को तेरे पास भेज रही हूँ। आज रात को तुम अपने पति के आगे नियाज़ से चुदवाओ और तेरा पति रिदा को चोदे। फिर कल मुझे बताना। बस थोड़ी देर में रिदा और नियाज़ दोनों आ गए। मैं उन लोगों से बात कर ही रही थी की मेरा पति रोहित आ गया। मैंने उन दोनों को रोहित से मिलवाया। रोहित तो बड़ी देर तक रिदा को देखता ही रहा। उसने कहा यार रागिनी आज मेरा दोस्त अंकित अपनी बीवी अंजलि के साथ आ रहा है। मैंने उसे डिनर पर बुलाया है।
अंजलि ने नियाज़ा को देखा तो बोली अरे भोसड़ी के तुम यहाँ ? नियाज़ तू यहां कर कर रहा है ? नियाज़ बोला यार अंजलि तुम यहाँ कर रही हो ? उन दोनों की बातों से हम लोग हैरान हो गये। तब मालूम हुआ वो दोनो कभी एक ही कॉलेज में और एक ही क्लास में पढ़ते थे।
मैंने अंजलि के कान में कहा :- यार अंजलि, तुमने कभी नियाज़ को नंगा देखा ?
वह बोली :- नहीं यार, पहले तो कभी नहीं देखा पर आज जरूर इसे नंगा देखूंगी।
मैंने फिर उसके कान में कहा :- तुमने कभी मरे पति रोहित को नंगा देखा ?
वह मेरे कान में बोली :- नहीं यार, उसे भी कभी नंगा नहीं देखा लेकिन आज उसे नंगा देखने हीआई हूँ।
उसकी इस बात ने मुझे रोमंचित कर दिया।
एक बस हम तीनो कपल बैठ कर ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगे। थोड़ी देर में मैं अंदर किचेन में कुछ नास्ता लेने गयी तो रोहित भी मेरे पीछे पीछे आ गया। वह बोला यार रागिनी आज मैं तेरी रिदा की बुर लेना चाहता हूँ और अंजलि को भी चोदना चाहता हूँ। तुम कुछ करो न प्लीज। इन्हे चुदाई के लिया मना लो। ये दोनों अगर मेरी बीवी चोदना चाहे तो चोद लें। मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है। मैंने मुस्कराकर कहा हां हां मैं देखती हूँ। कुछ करती हूँ। मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी। मैंने कहा तुम चिंता न करो। आज तुम इन दोनों को चोदोगे और आज तुम्हारे सामने तुम्हारी बीवी भी चुदेगी। फिर हम दोनों बाहर आ गए उन सबके पास। थोड़ा नशा चढ़ा तो बाते और खुली खुली होने लगीं, हंसी मजाक खुल कर होने लगी और फिर अश्लील भी होने लगीं। मैं थोड़ा और बेशर्म हो गयी।
मैंने पूंछा - अंजलि तुम बताओ तुमने कॉलेज में कितने लोगों के लण्ड पकड़े ?
अंजलि - ३ लड़कों के लण्ड पकड़े पर चुदवाया किसी से भी नहीं ?
क्यों क्या तुम्हारी गांड फटती थी।
नहीं ऐसी बात नहीं पर प्रेग्नेंट होने का डर था। पर तुम बताओ रागिनी तूने क्या किया ?
मैंने तो बस सबको गालियां सुनाई और दो लड़कों के लण्ड मुठ्ठ मार कर पिया।
रिदा - तो फिर रागिनी आज तुम मेरे मियां का लण्ड पियो ?
मैंने कहा - हां पी लूंगी पर तुम भी मेरे मियां का लण्ड पियो।
अंजलि - तो हम लोग एक दूसरे के मियां का लण्ड क्यों न पिये ? हम सब राज़ी है तो फिर संकोच क्यों ? क्यों न खुल कर मज़ा लें और एन्जॉय करें ?
नियाज़ - यार मैं सच कहूँ ? मैं तो तुम लोगों से अपनी बीवी चुदवाने के लिए तैयार हूँ।
अंकित - तो फिर तुम लोग भी मेरी बीवी चोद लो।
रोहित - तुम भी चोदो मेरी बीवी, अंकित ?
अब तो मामला बिलकुल साफ़ हो चुका था। मैंने नियाज़ के लण्ड पर हाथ रख दिया। रिदा अंकित का लण्ड दबाने लगी और अंजलि मेरे मियां के लण्ड पर अपना हाथ रगड़ने लगी। मैं तो बेशर्मी से नियाज़ की पैंट खोलने लगी। उसकी शर्ट उतार दी और बनियाइन भी। पैंट जब पैंट उतरी तो वह चड्ढी में आ गया। मैंने उस समय भी देर नहीं लगाई। उसे अपने आमने खड़ा किया और मैं घुटनो के बल बैठ कर इसकी चड्ढी नीचे घसीट दी । चड्ढी गिरते ही उसका लण्ड टन्न से मेरे गाल पर लगा। जैसे किसी ने थप्पड मारा हो। मैं मुस्करा पड़ी और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी. ऐसा ही कुछ रिदा ने भी किया और उसने अंकित का लण्ड चूम चूम कर प्यार करने लगी। अंजलि ने मेरे पति का लण्ड खोला और उसका सुपाड़ा ही चाटने लगी। उसके बाद उसने उसे बिलकुल नंगा कर दिया। अब हमारे सामने तीनो मरद बहन चोद नंगे हो चुके थे। मजे की बात यह थी की किसी भी लण्ड की झांटें नहीं थीं। सब के सब चिकने लण्ड ?
फिर मैं उठी और नियाज़ के सामने अपने कपड़े उतारने लगी। आखिर में जब उसने मेरी चोंचियाँ देखीं। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत देखी और मेरे बड़े बड़े मस्त चूतड़ देखे तो उसके मुंह में पानी आ गया। अंकित तो उधर रिदा को नंगी देख कर पागल सा हो गया। मेरा पति अंजलि को नंगी देख कर मस्त हो गया। उसकी चूँचियाँ वाकई बड़ी सेक्सी और सुडौल थी. देखते ही देखते हम ६ लोग एकदम नंगे हो गये पूरे कमरे में। मरद भोसड़ी के सबकी नंगी बीवियां देखने लगे और बीवियां बुर चोदी पराये मरदों को नंगा देखने लगीं । मैं मन में सोंचने लगी की जब पराये मर्दों को नंगा देखने में इतना मज़ा आ रहा है तो इनसे चुदवाने में कितना मज़ा आएगा ? और इनका लण्ड पीने में कितना मज़ा आएगा ?
मरद भोसड़ी के कुछ जल्दी ही ताव में आ गए। मेरा मियां रोहित ने लण्ड अंकित की बीवी अंजलि की चूत में घुसेड़ दिया। उसकी तमन्ना पूरी हुई तो वह मस्ती से अंकित की बीवी चोदने लगा। अंकित यह देख कर रिदा के ऊपर चढ़ बैठा और वह भी मजे से नियाज़ की बीवी चोदने लगा। नियाज़ रोहित की बीवी चोदने लगा। मतलब की नियाज़ ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और उछल उछल कर मेरी बुर चोदने लगा। आज मैं पहली बार एक मुस्लिम लण्ड से चुदवा रही थी। मुझे सच में मज़ा आने लगा।
ये तीनो भोसड़ी के अपनी बीवी चुदवा भी रहे थे और दूसरे की बीवी चोद भी रहे थे। इस तरह की सामूहिक चुदाई का मज़ा ही कुछ और होता है। अपनी बीवी को किसी और से चुदवाते हुए देखो और दूसरे की बीवी चोदो ? यही तो है असली मज़ा ? किसी पराये मरद से चुदवाओ और अपने मरद को किसी की बीवी चोदते हुए देखो यही तो असली मज़ा ?
दूसरी पारी मे नियाज़ की बीवी रोहित के लण्ड पर बैठ गयी। अंकित की बीवी नियाज़ के लण्ड पर बैठ गयी और और रोहित की बीवी अंकित लण्ड पर बैठ गयी। इस तरह बीवियों ने पराये मरद के लण्ड पर बैठना शुरू कर दिया।
रिदा बोली :- हाय रागिनी यह खेल तो हमारे घर में खूब होता है। मेरी अम्मी मेरे मियां के लण्ड बैठ जाती हैं. मैं नन्दोई के लण्ड पर बैठ जाती हूँ, दीदी खालू के लण्ड पर बैठ जाती हैं, खाला जीजू के लण्ड पर बैठ जातीं हैं. फूफी चाचू के लण्ड पर बैठ जाती हैं। चची जान फूफा के लण्ड पर बैठ जाती हैं। मैं ससुर के लण्ड पर बैठ जाती हूँ, मेरी नन्द मेरे भाई जान के लण्ड पर बैठ जाती है और मेरी सास मेरे अब्बू के लण्ड पर ? एक दूसरे के मरद के लण्ड पर बैठने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने कहा :- यार रिदा अब आज से मैं एक ग्रुप बनाने जा रही हूँ। जहाँ बीवियां सबके लण्ड पर बैठेगीं।
एक साल के अंदर ही मैंने एक "wife swapping group" बना लिया और आज मेरे ग्रुप में १५ कपल्स हैं। हर शनिवार को मैं "wife swapping" की पार्टी रखती हूँ जहाँ सब की सब बीवियां सबके लण्ड पर बैठ बैठ कर चुदवाती हैं। एक बार नहीं कई बार चुदवाती हैं।
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