Home
» Holi mein chudai ki hindi stories होली में चुदाई की कहानी हिंदी में Sex stories on holi in hindi
» दिन में रंग की होली, रात में लण्ड की होली - Din mein rang ki holi aur raat me land ki holi
दिन में रंग की होली, रात में लण्ड की होली - Din mein rang ki holi aur raat me land ki holi
होली में चुदाई , दिन में रंग की होली, रात में लण्ड की होली - Din mein rang ki holi aur raat me land ki holi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
तेरी माँ का भोसड़ा होली में - तेरी बिटिया की बुर होली में
तेरी भाभी की बुर होली में - तेरी नन्द की बुर की होली में
तेरी बहू की बुर की होली में - तेरी बहन का लौड़ा होली में..
............................
दिन में रंग की होली - रात में लण्ड की होली
तो आपने देखा दोस्तों, होली के दिन सास बहू और नन्द गालियां भी दे रहीं हैं और एन्जॉय भी कर रही है। सास हो चाहे बहू, चाहे नन्द, चाहे मेरी खाला हों या फिर फूफी सब अपनी अपनी गाली में एक दूसरे की बुर को गाली दे रहीं हैं। यही है प्यार की गालियों का मज़ा ? सब की सब होली के रंग में रंगी हुई हैं। सबकी चूँचियाँ फड़क रही हैं और चूत चुलबुला रही है। अंदर की बात यह है की सब की सब नंगी नंगी होली खेलना चाहती हैं और वह भी नंगे नंगे मर्दों के साथ ?
उस दिन होली थी। बड़ा हर्षोउल्लास का दिन था। चारों तरफ खुशियां ही खुशियां थीं। घर के सब लोग बड़े अच्छे और सेक्सी मूड में थे। बाहर बड़ा शोर गुल हो रहा था। बच्चे अपनी टोली में होली खेल रहे थे। लड़के और लड़कियां अपनी अपनी टोली में होली खेल रहीं थीं। औरतें भी अपनी टोली में और मरद भी अपनी टोली में होली का आनंद उठा रहे थे। रंग तो अधाधुंध चल रहा था। गीला भी और सूखा भी। रंग से कोई अछूता नहीं था। सबके कपड़े और बदन रंगे हुए थे। मेरे घर में उस समय मैं थी, मेरी अम्मी जान, मेरी भाभी जान, मेरी खाला और फूफी जान भी थीं। वो सब भी रंग में सराबोर थीं।
दिन में मुंह में रंग हो, रात को मुंह में लण्ड
चूत गांड में लण्ड हो, चूँची में हो लण्ड
मैं भी थोड़ी देर तक रंग खेल कर आयी थी लेकिन अपने कमरे में चुपचाप अपना लैपटॉप खोल कर "sex" की कहानियां पढ़ रही थी। वास्तव में मैंने कल एक कहानी पढ़ी थी जो बहुत ही हॉट थी लेकिन वह पूरी नहीं पढ़ पायी थी तो आज उसे पूरा कर रही थी। मेरे कपड़े आधे खुले थी। मैं आधी नंगी थी। मुझे हिंदी की सेक्स कहानियां पढ़ने का बड़ा शौक है। मैं "sex" की कहानी रोज़ पढ़ती हूँ और पढ़ते पढ़ते नंगी हो जाती हूँ क्योंकि कहानियां इतनी गरम होतीं हैं। लिखने वाले की माँ का भोसड़ा ? साला जाने क्यों इतनी गरम गरम कहानियां लिखता है की चूत की ऐसी की तैसी हो जाती है। मुझे पोर्न फिल्म देखने का भी बड़ा शौक है। मैं जब तक ३/४ टन टनाते हुए लण्ड लैपटॉप पर देख नहीं लेती तब तक मैं बिस्तर पर नहीं लेटती। अचानक मेरी अम्मी कमरे में आ गईं। उसने मुझे कहानी पढ़ते हुए देख लिया और लैपटॉप पर दो बड़े बड़े लण्ड की फोटो भी देख ली। मैं अध् नंगी थी ही।
वह मुस्कराते हुए बोली - बेटी हसीना, तेरी बुर चोदी माँ की बिटिया की बुर ? तेरी माँ का भोसड़ा आज होली है, बेटी ? आज तो मैं तेरी माँ चोदूँगी ?
मैं भी मूड में आ गई।
मैंने जबाब दिया - अम्मी, तेरी बुर चोदी बेटी की माँ की चूत ? तेरी बिटिया की बुर, हां आज होली है, अम्मी । आज तो मैं भी तेरी बेटी चोदूँगी ?
तब तक किसी ने पीछे से कहा - हसीना तेरी बजुर चोदी माँ की बहन का भोसड़ा ? मैं समझ गयी की मेरी खाला जान आ गयीं हैं। वह रंग से सराबोर थीं। उसके कपड़े भी कुछ फट हुए थे। तब तक मेरी भाभी आयीं और बोली सासू जी, तेरी बुर चोदी बहू की बुर ? आज होली है आज मैं किसी भी बुर में लौड़ा पेल सकती हूँ। न तेरा भोसड़ा बचेगा और न तेरी बिटिया की बुर। तेरी बहन का भोसड़ा तो मैं अभी रंगने जा रही हूँ। वह खाला की तरफ बढ़ी और उसके ब्लाउज़ में हाथ घुसेड़ कर रंग लगा दिया। फिर उसके पेटीकोट में हाथ घुसेड़ दिया और उसकी चूत भी रंग डाली। वह बोली हाय दईया खाला सासू तेरी तो झांटें बड़ी बड़ी हो गयीं हैं। कहो तो उखाड़ लूँ तेरी झांटें। खाला ने जबाब दिया नहीं बहू मेरी झांटें तो तेरा भोसड़ी का अब्बू ही उखाड़ेगा। मैं सब अपने कमरे से सुन रही थी।
इतने में फूफी आ गयी वह बोली अरी बहू तेरी बुर चोदी नन्द कहाँ हैं ? अपनी माँ चुदा रही है क्या ? भाभी ने कहा उसकी माँ तो यहाँ अपनी गांड मराने आयी है। वह तो कहीं किसी का लौड़ा हिला रही होगी भोसड़ी वाली। उधर फूफी ने खाला जान से कहा भाभी ये सब बुर चोदी बेटियां कहाँ हैं ? अब तो सबकी बेटियां बन गईं हैं बीवियां। खाला ने जबाब दिया माँ चुदायें अपनी बुर चोदी बेटियां ? अम्मी ने कहा हां हां बिलकुल होली में माँ चुदायें भोसड़ी वाली सबकी बेटियां ?
तब तक फूफी मेरे कमरे में ही घुस आयीं और बोली हाय हसीना तू क्या बैठी बैठी अपनी झांटें गिन रही है। अरे आज होली है आज तो आ जा सबके सामने और चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा। फूफी की ललकार सुनकर मैं भी उस हुड़दंग में शामिल हो गयी। मैंने देखा की सामने से मेरा जीजा आ रहा है। मुझे मस्ती सूझी तो मैंने उसके मुंह में रंग लगा दिया। वह और मस्ती में आ गया और उसने मेरी ब्रा ही फाड़ डाली। मेरी चूँचियाँ एकदम नंगी हो गयीं। मैंने मजाक में कहा भोसड़ी के जीजा फाड़ना था तो मेरी चूत फाड़ देता ब्रा फाड़ने से क्या फायदा ? सब लोग इसी बार पर हंस पड़े. तब तक मेरी खाला की बेटी ने जीजा के पैजामे का नाड़ा खोल दिया। पैजामा नीचे गिर पड़ा तो उधर खाला ने उसकी चड्ढी दोनों तरफ से खींच ली। वह बहन चोद आँगन में ही सबके सामने नंगा हो गया।
फिर क्या हम सबने मिलकर उसका लौड़ा रंग दिया। इतने में लौड़ा खड़ा भी हो गया। तब मैंने देखा की अम्मी ने मेरे मियां को नंगा कर दिया। उसका लौड़ा फूफी जान पकड़ कर हिलाने लगीं। उधर से भाभी ने आकर लौड़ा ही रंग डाला। खाला ने मेरे अब्बू की लुंगी खोल कर फेंक दी। वह भी नंगा हो गया फूफी की बेटी ने रंग उसके लौड़े पर थोप दिया। अब्बू ने बड़ी बेशर्मी से उसकी सलवार फाड़ डाली और उसकी चूत पर रंग लगा दिया। मेरे मियां ने फूफी के कपड़े फाड़ डाले तो वह भी नंगी हो गयी। अम्मी ने फूफा को नंगा लिया और उसने लण्ड पर रंग लगा दिया। जिसको जो मिला उसके कपड़े पहले फाड़े और फिर उसकी चूत चूँची गांड पर रंग लगाया, उसके लण्ड पर लगाया और खूब मस्ती की। होली का यह माहौल सबको बड़ा अच्छा लग रहा था और सबके चेहरे खिले हुए थे।
होली खेलने के बाद सबने आँगन में खूब जम का नहाया और अपना अपना रंग छुड़ाया। उस समय भी सभी बहू बेटियां और अम्मियाँ लगभग नंगी ही थीं और मरद भी सब बहन चोद अपना अपना लण्ड हिला हिला कर नहाने लगे। फिर सबने लंच लिया और खूब गन्दी गन्दी बातें कीं। एक दूसरे को प्यार से गालियां देती हुई लंच लिया जिससे लंच का स्वाद और बढ़ गया। जिस आँगन में हम सबने नहाया था उसी आँगन में शाम को गद्दे बिछ गये। चांदनी रात थी। पूरे आँगन में चाँद की रौशनी बिखरी हुई थी जो बड़ी मनमोहक लग रही थी। वरांडे की लाइट भी आंगन में रौशनी बिखेर रही थी। सब लोग एक एक करके इकठ्ठा होने लगे। फिर मैंने कहा दिन में तो हम सबने रंग की होली खेली है अब रात में लण्ड से होली खेली जाएगी कोई भी बुर चोदी अपने मियां के लण्ड से हली नहीं खेलेगी। सब पराये मरद के लण्ड से होली खेलेंगीं। मेरे यह बात कहते ही सभी बीवियां उत्तेजित हो गयीं और मरदों के लण्ड भी अंदर ही अंदर कुलबुलाने लगे।
फूफी ने पहल की और मेरे शौहर की तरफ बढ़ कर उसके लण्ड पर हाथ मारती हुई कहा आदम मैंने अभी तक तेरा लण्ड नहीं देखा। तुम मुझे पहले अपना लण्ड दिखाओ। फूफी ने उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। हाथ लण्ड तक पहुँच गया तोई लण्ड बढ़ने लगा। उधर मेरे मियां ने फूफी की चूँचियाँ दबानी शुरू कर दीं। इतने में फूफी ने पाजामे का नाड़ा खोला और उसे नंगा कर दिया। उसका लण्ड पकड़ कर जोर से हिलाया तो लण्ड टन टना उठा। सबने मेरे मियां का लौड़ा बड़े गौर से देखा। तब तक मेरे मियां बे फूफी को पूरी नंगी कर दिया। उसका मस्त भोसड़ा सबकी निगाहों में आ गया। इधर मैंने फूफा को नंगा कर दिया और उसका लण्ड चाटने लगी। फूफा ने मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया। मुझे फूफा का ८" का लण्ड भा गया और मैं लण्ड खेलने लगी। यानि मैंने और फूफी ने एक दूसरे के मियां के लण्ड से चुदवाने का मन बना लिया। फूफी बोली बुर चोदी हसीना तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया की तेरे मरद का लौड़ा इतना बड़ा और सख्त है। ये तो तेरी फूफी का भोसड़ा फाड़ डालेगा। मैंने कहा अरे फूफी जान भोसड़ा तो तेरे मरद का लौड़ा भी मेरा भी फाड़ डालेगा। फूफा का लण्ड बहन चोद देखो ने कैसे मेरी चूत को ललकार रहा है।
तब तक उधर फूफी की बेटी सबा ने हाथ बढाकर खालू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड खड़ा हो गया तो उसने जबान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटा। खालू ने भी सबा को नंगी किया और उसकी चूँचियाँ मसलने लगा। सबा को देख कर खाला ने सबा के मियां हसन का लण्ड पकड़ कर अपने मुंह में घुसेड़ लिया। सबा और खाला इस तरह एक दूसरे के मियां का लण्ड चाटने लगीं। माहौल गरम होने लगा। धीरे धीरे सबके कपड़े अपने आप उतरने लगे। अब किसी को भी कपड़े पहने रहने का मन नहीं था। रात जैसे जैसे गहराती जा रही थी वैसे वैसे चुदाई का माहौल और गरम होता जा रहा था। जहाँ एक तरफ सभी मरद दूसरे की बीवी चोदने के लिए उतावले हो रहे थे वहीँ बीवियां भी ग़ैर मरद का लण्ड अपनी अपनी चूत में घुसाने के लिये बेताब हो रहीं थीं। इसी क्रम ने खाला की बेटी नूरी ने मेरा अब्बू का लण्ड पकड़ लिया ,. उसकी लुंगी खोल कर फेंक दी। सबके सामने नूरी मेरे अब्बू का लण्ड हिलाने लगी और उसकी चुम्मी भी लेने लगी। वह बोली हाय हसीना तेरे अब्बू का लण्ड तो बड़ा मोटा है यार और मुझे मोटा लण्ड बहुत पसंद है। आज मैं तेरे अब्बू के लण्ड का पूरा मज़ा लूंगी। उधर मेरी अम्मी ने उसकेमियां मियां का लौड़ा पैजामे के बाहर निकाल लिया। वह बोली बेटी नूरी तेरी तेरी माँ की चूत, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? आज मैं भी तेरे मियां का लण्ड चोद चोद कर मज़ा लूंगी।
उधर मेरी करीना दीदी मेरी भाभी के भाई जान की तरफ लपकी। भाभी का भाई शमी केवल एक नेकर पहले खड़ा था। वह सबको नंगी नंगी देख कर मस्त हो रहा था। वह सबको लण्ड चूसते हुए भी देख रहा था इसलिए उसका लौड़ा भी नेकर के अंदर उत्पात मचाये हुए था। उसे मेरी दीदी भांप गयी। वह आगे बढ़ी और शमी की नेकर नीचे घसीट दी। वह नंगा हो गया और उसका लण्ड तन कर खड़ा हो गया। दीदी लण्ड हिलाने लगीं और उसके पेल्हड़ भी चूमने लगीं। तभी मेरी शकीला भाभी जीजा की तरफ बढ़ी और उसके लण्ड पर हाथ मारा। लण्ड अंदर से खड़ा था। भाभी ने उकसी लुंगी खींच ली तो वह नंगा हो गया। उसका टन टनाता हुआ लण्ड पकड़ कर भाभी जान की मस्ती बढ़ गयी। जीजा भी भाभी की चूँचियाँ खोल कर चूमने लगा और फिर हौले हौले उन्हें मसलने लगा। भाभी को गैर मरद का लण्ड किला और दीदी को भी गैर मरद का लण्ड मिला तो सबको होली का असली मज़ा आने लगा। इस तरह पूरे घर में अब किसी के भी बदन पर कपड़ा नहीं था। सबकी बीवियां नंगी थीं और सबके मियां नंगे थे।
होली के मौके पर अब सब लोग एक दूसरे की बीवी चोदने के लिए उतावले हो गए। मेरे ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड पूरा का पूरा मेरी चूत में पेल दिया। मैं भी एक मंजी हुई रंडी की तरह सबके सामने चुदवाने लगी। मेरी फूफी जान भी मेरे ही बगल में नंगी लेटी हुई मेरे शौहर से चुदवाने लगीं। मैंने अपने शौहर का लण्ड फूफी की चूत में घुसा हुआ देख कर बड़ी खुश हो रही थी। फूफी भी अपने मियां का लौड़ा मेरी चूत में घुसता हुआ देख कर मज़ा ले रहीं थीं। मेरी दूसरी तरफ फूफी की बेटी सबा मेरे खालू से चुदवाने लगी और खाला उसके शौहर से चुदवाने लगी। खाला ने कहा सबा बेटी तेरे मियां का लौड़ा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। इससे चुदवाते मुझे आज बहुत मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा मुझे शायद ही कभी मिला हो ? मैंने कहा मुझे भी तेरे मियां का लण्ड खूब हचक हचक कर चोद रहा है। एक दूसरे के मियां से चुदवाने में ही ज्यादा मज़ा आता है। खाला की बेटी नूरी ने तो मेरा अब्बू का लौड़ा पूरा अपनी बुर में घुसेड़ लिया। और उसके सामने अम्मी जान ने भी नूरी के मियां का लण्ड अपने भोसड़ा में पेले हुए चुदवाने लगीं।
अब एक ऐसा मुकाम आ गया जहाँ सबकी चूत एक साथ बजायी जा रही थी। और यह पहला मौक़ा था जब की सब एक दूसरे की चूत चुदती हुई देख रहीं थीं। कौन कैसे चुदवाती है यह भी सबको मालूम हो रहा था। यहाँ बेटियां अपनी माँ चुदवा रहीं हैं और माँ अपनी बेटियां चुदवा रहीं हैं , सास अपनी बहू चुदवा रही है और बहू अपनी सास चुदवा रही है। नन्द अपनी भौजाई चुदवा रही है और भैजाई अपनी नन्द चुदवा रही है। ऐसा माहौल होली के मौके पर ही होता है। मैंने मजाक में कहा फूफी जान अपनी बिटिया की बुर चुदवा रहो हो ? वह बोली क्यों नहीं चुदवाऊंगी ? बिटिया की माँ का भोसड़ा ? उधर से खाला की बेटी नूरी बोली - हसीना, तेरी माँ तो अपनी बेटी बहू दोनों की बुर चुदवा रही है। मैंने कहा - हां नूरी तुम सच कह रही है. तेरी बुर चोदी माँ भी अपनी बिटिया की बुर चुदवा रही है ? इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें सुनकर लोगों के लण्ड और सख्त हो रहे थे और ऐसे में खूब धकाधक चोदने में जुटे हुए थे।
मैंने कहा :-
सब मिल सबकी चोदिये, बीवी बारम्बार
सबकी बुर में पेलिये, लण्ड खड़ा खूंखार
चारों तरफ से धच्च धच्च, भच्च भच्च, गच्च गच्च, चपर चपर. हच्च हच्च की आवाज़ें आ रही थीं और साथ ही साथ चीं, पों, पीं, चुर्र, झर्र, भों, चीं, की भी आवाज़ें सुनाई पड़ रहीं थी। अधिकतर ऐसी आवाज़ें लड़कियों की चूत से निकला रहीं थीं क्योंकि उनकी चूत टाइट थी और उनमे लौड़ा चिपक कर घुस रहा था। मुझे इस तरह की सामूहिक चुदाई की आवाज़ बहुत ही मन मोहक लगती है। मैं ऐसी ऐसी आवाज़ें सुनने के लिए सामूहिक चुदाई करवाती हूँ। मैं अपनी कई सहेलियों के घर जाती हूँ और वहां भी लड़कियों को नंगी करके उनमे लौड़ा पेल पेल कर चुदवाती हूँ। कई लड़कियों की इस तरह की चुदाई का चस्का लग गया है। वो सब अपनी माँ, अपनी बहन,अपनी खाला, अपनी फूफी और इन सबकी बेटियों की बुर एक साथ चुदवाने लगीं हैं। जवानी के जोश में सब कुछ संभव है और फिर जब होली हो तो फिर कहना ही क्या ? जिसकी बीवी पाओ उसकी बीवी चोदो ? जिसका लण्ड पाओ उसका लण्ड पेलो अपने चूत में ?
दूसरे दिन मैं अपनी ससुराल आ गयी। मेरी ससुराल इसी शहर में ही है। यहाँ भी मुझे घर में होली का माहौल मिला। मैंने देखा की मेरी सास, मेरी नन्द मेरी जेठानी सब की सब होली के रंग ही रंगी हैं।
बेटी की चूत बहू की बुर होली में
बातें जब खुल कर होने लगीं तो शर्म की माँ चुद गयी। मेरी सास बोली देखो बहू रानी ये दोनों लड़के कमर और अदब तेरे सामने तेरी नन्द की बुर लेंगें फिर यही दोनों मेरे सामने मेरी बहू की बुर चोदेंगें ? तब तक नन्द बोली - भाभी जान ये असलम अंकल तेरे सामने तेरी सास का भोसड़ा चोदेगा। तब मुझसे न रहा गया और मैं भी बोल पड़ी। मैंने कहा - नन्द रानी, आज होली है, आज असलम अंकल तेरे सामने तेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा। मेरी बात सुनकर सब लोग हंस पड़े।
इतने में मेरी नन्द ने अपने ससुर के लण्ड पर हाथ रख दिया। मेरी सास ने असलम के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया और उसका लौड़ा अंदर ही अंदर हिलाने लगी। कमर और अदब दोनों लड़के मेरी तरफ लपके और दोनों मेरी चूँचियाँ मसलने लगे। मैंने भी अपने एक हाथ से कमर का लौड़ा रगड़ा और दूसरे हाथ से अदब का लौड़ा। बस फिर देखते ही देखते हम सब कपड़े उतार कर नंगे होने लगे। कमर और अदब दोनों नंगे हो गए, मैं भी नंगी हो गयी। मेरी नन्द और सास भी नंगी नंगी लण्ड हिलाने लगी और नन्द का ससुर भी नंगा हुआ और असलम अंकल भी। मेरी नज़र सबके लण्ड पर पड़ी। लण्ड बहन चोद किसी का भी ८" से कम नहीं था। मैं तो दोनों लण्ड बड़े मजे से पीने लगी। नन्द अपने ससुर का लण्ड पीने लगी और मेरी सास असलम का लण्ड।
सास बोली बहू, तेरी चूत तेरी नन्द की चूत. दोनों बिलकुल एक जैसी ही लगतीं हैं। मैंने जबाब दिया सासू जी, तेरी चूत तेरी बिटिया की चूत दोनों एक ही जैसी लगतीं हैं। इतने में नन्द बोली - अम्मी तेरी चूत तेरी बहू की बुर। दोनों बिलकुल एक जैसी ही लगतीं हैं। यह सब सुनकर सुनकर सबके लण्ड तन कर और सख्त हो गए। फिर मैं इन दोनों लड़कों से चुदवाने लगी मेरी नन्द अपने ससुर से हमारे सामने चुदवाने लगी और मेरी सास असलम से चुदवाने लगी।
सास बोली - बेटी अज़रा, तेरी माँ की चूत, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ?
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बहू की बुर , तेरी बिटिया की भाभी की चूत ?
नन्द बोली - अम्मी, तेरी बिटिया की बुर ,तेरी बहू की नन्द की बुर ?
हम तीनो ने गाली जरूर दी लेकिन वो सब अपनी अपनी ही चूत पर पड़ी। इसी मस्ती से हम सब भकाभक चुदवाने लगीं।
तेरी माँ का भोसड़ा होली में - तेरी बिटिया की बुर होली में
तेरी भाभी की बुर होली में - तेरी नन्द की बुर की होली में
तेरी बहू की बुर की होली में - तेरी बहन का लौड़ा होली में..
............................
दिन में रंग की होली - रात में लण्ड की होली
तो आपने देखा दोस्तों, होली के दिन सास बहू और नन्द गालियां भी दे रहीं हैं और एन्जॉय भी कर रही है। सास हो चाहे बहू, चाहे नन्द, चाहे मेरी खाला हों या फिर फूफी सब अपनी अपनी गाली में एक दूसरे की बुर को गाली दे रहीं हैं। यही है प्यार की गालियों का मज़ा ? सब की सब होली के रंग में रंगी हुई हैं। सबकी चूँचियाँ फड़क रही हैं और चूत चुलबुला रही है। अंदर की बात यह है की सब की सब नंगी नंगी होली खेलना चाहती हैं और वह भी नंगे नंगे मर्दों के साथ ?
उस दिन होली थी। बड़ा हर्षोउल्लास का दिन था। चारों तरफ खुशियां ही खुशियां थीं। घर के सब लोग बड़े अच्छे और सेक्सी मूड में थे। बाहर बड़ा शोर गुल हो रहा था। बच्चे अपनी टोली में होली खेल रहे थे। लड़के और लड़कियां अपनी अपनी टोली में होली खेल रहीं थीं। औरतें भी अपनी टोली में और मरद भी अपनी टोली में होली का आनंद उठा रहे थे। रंग तो अधाधुंध चल रहा था। गीला भी और सूखा भी। रंग से कोई अछूता नहीं था। सबके कपड़े और बदन रंगे हुए थे। मेरे घर में उस समय मैं थी, मेरी अम्मी जान, मेरी भाभी जान, मेरी खाला और फूफी जान भी थीं। वो सब भी रंग में सराबोर थीं।
दिन में मुंह में रंग हो, रात को मुंह में लण्ड
चूत गांड में लण्ड हो, चूँची में हो लण्ड
मैं भी थोड़ी देर तक रंग खेल कर आयी थी लेकिन अपने कमरे में चुपचाप अपना लैपटॉप खोल कर "sex" की कहानियां पढ़ रही थी। वास्तव में मैंने कल एक कहानी पढ़ी थी जो बहुत ही हॉट थी लेकिन वह पूरी नहीं पढ़ पायी थी तो आज उसे पूरा कर रही थी। मेरे कपड़े आधे खुले थी। मैं आधी नंगी थी। मुझे हिंदी की सेक्स कहानियां पढ़ने का बड़ा शौक है। मैं "sex" की कहानी रोज़ पढ़ती हूँ और पढ़ते पढ़ते नंगी हो जाती हूँ क्योंकि कहानियां इतनी गरम होतीं हैं। लिखने वाले की माँ का भोसड़ा ? साला जाने क्यों इतनी गरम गरम कहानियां लिखता है की चूत की ऐसी की तैसी हो जाती है। मुझे पोर्न फिल्म देखने का भी बड़ा शौक है। मैं जब तक ३/४ टन टनाते हुए लण्ड लैपटॉप पर देख नहीं लेती तब तक मैं बिस्तर पर नहीं लेटती। अचानक मेरी अम्मी कमरे में आ गईं। उसने मुझे कहानी पढ़ते हुए देख लिया और लैपटॉप पर दो बड़े बड़े लण्ड की फोटो भी देख ली। मैं अध् नंगी थी ही।
वह मुस्कराते हुए बोली - बेटी हसीना, तेरी बुर चोदी माँ की बिटिया की बुर ? तेरी माँ का भोसड़ा आज होली है, बेटी ? आज तो मैं तेरी माँ चोदूँगी ?
मैं भी मूड में आ गई।
मैंने जबाब दिया - अम्मी, तेरी बुर चोदी बेटी की माँ की चूत ? तेरी बिटिया की बुर, हां आज होली है, अम्मी । आज तो मैं भी तेरी बेटी चोदूँगी ?
तब तक किसी ने पीछे से कहा - हसीना तेरी बजुर चोदी माँ की बहन का भोसड़ा ? मैं समझ गयी की मेरी खाला जान आ गयीं हैं। वह रंग से सराबोर थीं। उसके कपड़े भी कुछ फट हुए थे। तब तक मेरी भाभी आयीं और बोली सासू जी, तेरी बुर चोदी बहू की बुर ? आज होली है आज मैं किसी भी बुर में लौड़ा पेल सकती हूँ। न तेरा भोसड़ा बचेगा और न तेरी बिटिया की बुर। तेरी बहन का भोसड़ा तो मैं अभी रंगने जा रही हूँ। वह खाला की तरफ बढ़ी और उसके ब्लाउज़ में हाथ घुसेड़ कर रंग लगा दिया। फिर उसके पेटीकोट में हाथ घुसेड़ दिया और उसकी चूत भी रंग डाली। वह बोली हाय दईया खाला सासू तेरी तो झांटें बड़ी बड़ी हो गयीं हैं। कहो तो उखाड़ लूँ तेरी झांटें। खाला ने जबाब दिया नहीं बहू मेरी झांटें तो तेरा भोसड़ी का अब्बू ही उखाड़ेगा। मैं सब अपने कमरे से सुन रही थी।
इतने में फूफी आ गयी वह बोली अरी बहू तेरी बुर चोदी नन्द कहाँ हैं ? अपनी माँ चुदा रही है क्या ? भाभी ने कहा उसकी माँ तो यहाँ अपनी गांड मराने आयी है। वह तो कहीं किसी का लौड़ा हिला रही होगी भोसड़ी वाली। उधर फूफी ने खाला जान से कहा भाभी ये सब बुर चोदी बेटियां कहाँ हैं ? अब तो सबकी बेटियां बन गईं हैं बीवियां। खाला ने जबाब दिया माँ चुदायें अपनी बुर चोदी बेटियां ? अम्मी ने कहा हां हां बिलकुल होली में माँ चुदायें भोसड़ी वाली सबकी बेटियां ?
तब तक फूफी मेरे कमरे में ही घुस आयीं और बोली हाय हसीना तू क्या बैठी बैठी अपनी झांटें गिन रही है। अरे आज होली है आज तो आ जा सबके सामने और चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा। फूफी की ललकार सुनकर मैं भी उस हुड़दंग में शामिल हो गयी। मैंने देखा की सामने से मेरा जीजा आ रहा है। मुझे मस्ती सूझी तो मैंने उसके मुंह में रंग लगा दिया। वह और मस्ती में आ गया और उसने मेरी ब्रा ही फाड़ डाली। मेरी चूँचियाँ एकदम नंगी हो गयीं। मैंने मजाक में कहा भोसड़ी के जीजा फाड़ना था तो मेरी चूत फाड़ देता ब्रा फाड़ने से क्या फायदा ? सब लोग इसी बार पर हंस पड़े. तब तक मेरी खाला की बेटी ने जीजा के पैजामे का नाड़ा खोल दिया। पैजामा नीचे गिर पड़ा तो उधर खाला ने उसकी चड्ढी दोनों तरफ से खींच ली। वह बहन चोद आँगन में ही सबके सामने नंगा हो गया।
फिर क्या हम सबने मिलकर उसका लौड़ा रंग दिया। इतने में लौड़ा खड़ा भी हो गया। तब मैंने देखा की अम्मी ने मेरे मियां को नंगा कर दिया। उसका लौड़ा फूफी जान पकड़ कर हिलाने लगीं। उधर से भाभी ने आकर लौड़ा ही रंग डाला। खाला ने मेरे अब्बू की लुंगी खोल कर फेंक दी। वह भी नंगा हो गया फूफी की बेटी ने रंग उसके लौड़े पर थोप दिया। अब्बू ने बड़ी बेशर्मी से उसकी सलवार फाड़ डाली और उसकी चूत पर रंग लगा दिया। मेरे मियां ने फूफी के कपड़े फाड़ डाले तो वह भी नंगी हो गयी। अम्मी ने फूफा को नंगा लिया और उसने लण्ड पर रंग लगा दिया। जिसको जो मिला उसके कपड़े पहले फाड़े और फिर उसकी चूत चूँची गांड पर रंग लगाया, उसके लण्ड पर लगाया और खूब मस्ती की। होली का यह माहौल सबको बड़ा अच्छा लग रहा था और सबके चेहरे खिले हुए थे।
होली खेलने के बाद सबने आँगन में खूब जम का नहाया और अपना अपना रंग छुड़ाया। उस समय भी सभी बहू बेटियां और अम्मियाँ लगभग नंगी ही थीं और मरद भी सब बहन चोद अपना अपना लण्ड हिला हिला कर नहाने लगे। फिर सबने लंच लिया और खूब गन्दी गन्दी बातें कीं। एक दूसरे को प्यार से गालियां देती हुई लंच लिया जिससे लंच का स्वाद और बढ़ गया। जिस आँगन में हम सबने नहाया था उसी आँगन में शाम को गद्दे बिछ गये। चांदनी रात थी। पूरे आँगन में चाँद की रौशनी बिखरी हुई थी जो बड़ी मनमोहक लग रही थी। वरांडे की लाइट भी आंगन में रौशनी बिखेर रही थी। सब लोग एक एक करके इकठ्ठा होने लगे। फिर मैंने कहा दिन में तो हम सबने रंग की होली खेली है अब रात में लण्ड से होली खेली जाएगी कोई भी बुर चोदी अपने मियां के लण्ड से हली नहीं खेलेगी। सब पराये मरद के लण्ड से होली खेलेंगीं। मेरे यह बात कहते ही सभी बीवियां उत्तेजित हो गयीं और मरदों के लण्ड भी अंदर ही अंदर कुलबुलाने लगे।
फूफी ने पहल की और मेरे शौहर की तरफ बढ़ कर उसके लण्ड पर हाथ मारती हुई कहा आदम मैंने अभी तक तेरा लण्ड नहीं देखा। तुम मुझे पहले अपना लण्ड दिखाओ। फूफी ने उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। हाथ लण्ड तक पहुँच गया तोई लण्ड बढ़ने लगा। उधर मेरे मियां ने फूफी की चूँचियाँ दबानी शुरू कर दीं। इतने में फूफी ने पाजामे का नाड़ा खोला और उसे नंगा कर दिया। उसका लण्ड पकड़ कर जोर से हिलाया तो लण्ड टन टना उठा। सबने मेरे मियां का लौड़ा बड़े गौर से देखा। तब तक मेरे मियां बे फूफी को पूरी नंगी कर दिया। उसका मस्त भोसड़ा सबकी निगाहों में आ गया। इधर मैंने फूफा को नंगा कर दिया और उसका लण्ड चाटने लगी। फूफा ने मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी कर दिया। मुझे फूफा का ८" का लण्ड भा गया और मैं लण्ड खेलने लगी। यानि मैंने और फूफी ने एक दूसरे के मियां के लण्ड से चुदवाने का मन बना लिया। फूफी बोली बुर चोदी हसीना तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया की तेरे मरद का लौड़ा इतना बड़ा और सख्त है। ये तो तेरी फूफी का भोसड़ा फाड़ डालेगा। मैंने कहा अरे फूफी जान भोसड़ा तो तेरे मरद का लौड़ा भी मेरा भी फाड़ डालेगा। फूफा का लण्ड बहन चोद देखो ने कैसे मेरी चूत को ललकार रहा है।
तब तक उधर फूफी की बेटी सबा ने हाथ बढाकर खालू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड खड़ा हो गया तो उसने जबान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटा। खालू ने भी सबा को नंगी किया और उसकी चूँचियाँ मसलने लगा। सबा को देख कर खाला ने सबा के मियां हसन का लण्ड पकड़ कर अपने मुंह में घुसेड़ लिया। सबा और खाला इस तरह एक दूसरे के मियां का लण्ड चाटने लगीं। माहौल गरम होने लगा। धीरे धीरे सबके कपड़े अपने आप उतरने लगे। अब किसी को भी कपड़े पहने रहने का मन नहीं था। रात जैसे जैसे गहराती जा रही थी वैसे वैसे चुदाई का माहौल और गरम होता जा रहा था। जहाँ एक तरफ सभी मरद दूसरे की बीवी चोदने के लिए उतावले हो रहे थे वहीँ बीवियां भी ग़ैर मरद का लण्ड अपनी अपनी चूत में घुसाने के लिये बेताब हो रहीं थीं। इसी क्रम ने खाला की बेटी नूरी ने मेरा अब्बू का लण्ड पकड़ लिया ,. उसकी लुंगी खोल कर फेंक दी। सबके सामने नूरी मेरे अब्बू का लण्ड हिलाने लगी और उसकी चुम्मी भी लेने लगी। वह बोली हाय हसीना तेरे अब्बू का लण्ड तो बड़ा मोटा है यार और मुझे मोटा लण्ड बहुत पसंद है। आज मैं तेरे अब्बू के लण्ड का पूरा मज़ा लूंगी। उधर मेरी अम्मी ने उसकेमियां मियां का लौड़ा पैजामे के बाहर निकाल लिया। वह बोली बेटी नूरी तेरी तेरी माँ की चूत, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? आज मैं भी तेरे मियां का लण्ड चोद चोद कर मज़ा लूंगी।
उधर मेरी करीना दीदी मेरी भाभी के भाई जान की तरफ लपकी। भाभी का भाई शमी केवल एक नेकर पहले खड़ा था। वह सबको नंगी नंगी देख कर मस्त हो रहा था। वह सबको लण्ड चूसते हुए भी देख रहा था इसलिए उसका लौड़ा भी नेकर के अंदर उत्पात मचाये हुए था। उसे मेरी दीदी भांप गयी। वह आगे बढ़ी और शमी की नेकर नीचे घसीट दी। वह नंगा हो गया और उसका लण्ड तन कर खड़ा हो गया। दीदी लण्ड हिलाने लगीं और उसके पेल्हड़ भी चूमने लगीं। तभी मेरी शकीला भाभी जीजा की तरफ बढ़ी और उसके लण्ड पर हाथ मारा। लण्ड अंदर से खड़ा था। भाभी ने उकसी लुंगी खींच ली तो वह नंगा हो गया। उसका टन टनाता हुआ लण्ड पकड़ कर भाभी जान की मस्ती बढ़ गयी। जीजा भी भाभी की चूँचियाँ खोल कर चूमने लगा और फिर हौले हौले उन्हें मसलने लगा। भाभी को गैर मरद का लण्ड किला और दीदी को भी गैर मरद का लण्ड मिला तो सबको होली का असली मज़ा आने लगा। इस तरह पूरे घर में अब किसी के भी बदन पर कपड़ा नहीं था। सबकी बीवियां नंगी थीं और सबके मियां नंगे थे।
होली के मौके पर अब सब लोग एक दूसरे की बीवी चोदने के लिए उतावले हो गए। मेरे ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड पूरा का पूरा मेरी चूत में पेल दिया। मैं भी एक मंजी हुई रंडी की तरह सबके सामने चुदवाने लगी। मेरी फूफी जान भी मेरे ही बगल में नंगी लेटी हुई मेरे शौहर से चुदवाने लगीं। मैंने अपने शौहर का लण्ड फूफी की चूत में घुसा हुआ देख कर बड़ी खुश हो रही थी। फूफी भी अपने मियां का लौड़ा मेरी चूत में घुसता हुआ देख कर मज़ा ले रहीं थीं। मेरी दूसरी तरफ फूफी की बेटी सबा मेरे खालू से चुदवाने लगी और खाला उसके शौहर से चुदवाने लगी। खाला ने कहा सबा बेटी तेरे मियां का लौड़ा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। इससे चुदवाते मुझे आज बहुत मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा मुझे शायद ही कभी मिला हो ? मैंने कहा मुझे भी तेरे मियां का लण्ड खूब हचक हचक कर चोद रहा है। एक दूसरे के मियां से चुदवाने में ही ज्यादा मज़ा आता है। खाला की बेटी नूरी ने तो मेरा अब्बू का लौड़ा पूरा अपनी बुर में घुसेड़ लिया। और उसके सामने अम्मी जान ने भी नूरी के मियां का लण्ड अपने भोसड़ा में पेले हुए चुदवाने लगीं।
अब एक ऐसा मुकाम आ गया जहाँ सबकी चूत एक साथ बजायी जा रही थी। और यह पहला मौक़ा था जब की सब एक दूसरे की चूत चुदती हुई देख रहीं थीं। कौन कैसे चुदवाती है यह भी सबको मालूम हो रहा था। यहाँ बेटियां अपनी माँ चुदवा रहीं हैं और माँ अपनी बेटियां चुदवा रहीं हैं , सास अपनी बहू चुदवा रही है और बहू अपनी सास चुदवा रही है। नन्द अपनी भौजाई चुदवा रही है और भैजाई अपनी नन्द चुदवा रही है। ऐसा माहौल होली के मौके पर ही होता है। मैंने मजाक में कहा फूफी जान अपनी बिटिया की बुर चुदवा रहो हो ? वह बोली क्यों नहीं चुदवाऊंगी ? बिटिया की माँ का भोसड़ा ? उधर से खाला की बेटी नूरी बोली - हसीना, तेरी माँ तो अपनी बेटी बहू दोनों की बुर चुदवा रही है। मैंने कहा - हां नूरी तुम सच कह रही है. तेरी बुर चोदी माँ भी अपनी बिटिया की बुर चुदवा रही है ? इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें सुनकर लोगों के लण्ड और सख्त हो रहे थे और ऐसे में खूब धकाधक चोदने में जुटे हुए थे।
मैंने कहा :-
सब मिल सबकी चोदिये, बीवी बारम्बार
सबकी बुर में पेलिये, लण्ड खड़ा खूंखार
चारों तरफ से धच्च धच्च, भच्च भच्च, गच्च गच्च, चपर चपर. हच्च हच्च की आवाज़ें आ रही थीं और साथ ही साथ चीं, पों, पीं, चुर्र, झर्र, भों, चीं, की भी आवाज़ें सुनाई पड़ रहीं थी। अधिकतर ऐसी आवाज़ें लड़कियों की चूत से निकला रहीं थीं क्योंकि उनकी चूत टाइट थी और उनमे लौड़ा चिपक कर घुस रहा था। मुझे इस तरह की सामूहिक चुदाई की आवाज़ बहुत ही मन मोहक लगती है। मैं ऐसी ऐसी आवाज़ें सुनने के लिए सामूहिक चुदाई करवाती हूँ। मैं अपनी कई सहेलियों के घर जाती हूँ और वहां भी लड़कियों को नंगी करके उनमे लौड़ा पेल पेल कर चुदवाती हूँ। कई लड़कियों की इस तरह की चुदाई का चस्का लग गया है। वो सब अपनी माँ, अपनी बहन,अपनी खाला, अपनी फूफी और इन सबकी बेटियों की बुर एक साथ चुदवाने लगीं हैं। जवानी के जोश में सब कुछ संभव है और फिर जब होली हो तो फिर कहना ही क्या ? जिसकी बीवी पाओ उसकी बीवी चोदो ? जिसका लण्ड पाओ उसका लण्ड पेलो अपने चूत में ?
दूसरे दिन मैं अपनी ससुराल आ गयी। मेरी ससुराल इसी शहर में ही है। यहाँ भी मुझे घर में होली का माहौल मिला। मैंने देखा की मेरी सास, मेरी नन्द मेरी जेठानी सब की सब होली के रंग ही रंगी हैं।
बेटी की चूत बहू की बुर होली में
- मुझे देख कर सास बोली - अरी हसीना बहू आ गयी तू अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा कर ?
- मैंने कहा - हां सासू जी, वहां से अपनी माँ की चूत चुदवाकर आ रही हूँ और यहां अपनी सास का भोसड़ा चुदवाऊंगी।
- अचानक मेरी नन्द बोली - हाय भाभी जान, तो क्या तुम अपनी नन्द की बुर नहीं चुदवाओगी ?
- मैंने हंसकर कहा - अरे नन्द रानी मैं सबसे पहले लण्ड तेरी ही बुर पेलूँगी।
- नन्द ने फिर कहा - भाभी जान तेरी नन्द की माँ की चूत ? तू तो बिलकुल मेरी ही जैसी है। मैं भी तेरी चूत में लण्ड पेलूँगी। होली में मैं सबकी बुर चोदती हूँ और सबके लण्ड भी चोदती हूँ।
- मैंने कहा - वाओ, तब तो तुम बहुत बड़ी हरामजादी हो ?
- वह बोली - भाभी जान, मैं हरामजादी नहीं हूँ। मैं तो बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ। तूने तो मेरी चूत में आग लगा दी है, नन्द रानी ?
- तब तक सास बोली - चूत में आग लगी है तो पकड़ ले अपने नंदोई का लण्ड, बहू रानी।
बातें जब खुल कर होने लगीं तो शर्म की माँ चुद गयी। मेरी सास बोली देखो बहू रानी ये दोनों लड़के कमर और अदब तेरे सामने तेरी नन्द की बुर लेंगें फिर यही दोनों मेरे सामने मेरी बहू की बुर चोदेंगें ? तब तक नन्द बोली - भाभी जान ये असलम अंकल तेरे सामने तेरी सास का भोसड़ा चोदेगा। तब मुझसे न रहा गया और मैं भी बोल पड़ी। मैंने कहा - नन्द रानी, आज होली है, आज असलम अंकल तेरे सामने तेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा। मेरी बात सुनकर सब लोग हंस पड़े।
इतने में मेरी नन्द ने अपने ससुर के लण्ड पर हाथ रख दिया। मेरी सास ने असलम के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया और उसका लौड़ा अंदर ही अंदर हिलाने लगी। कमर और अदब दोनों लड़के मेरी तरफ लपके और दोनों मेरी चूँचियाँ मसलने लगे। मैंने भी अपने एक हाथ से कमर का लौड़ा रगड़ा और दूसरे हाथ से अदब का लौड़ा। बस फिर देखते ही देखते हम सब कपड़े उतार कर नंगे होने लगे। कमर और अदब दोनों नंगे हो गए, मैं भी नंगी हो गयी। मेरी नन्द और सास भी नंगी नंगी लण्ड हिलाने लगी और नन्द का ससुर भी नंगा हुआ और असलम अंकल भी। मेरी नज़र सबके लण्ड पर पड़ी। लण्ड बहन चोद किसी का भी ८" से कम नहीं था। मैं तो दोनों लण्ड बड़े मजे से पीने लगी। नन्द अपने ससुर का लण्ड पीने लगी और मेरी सास असलम का लण्ड।
सास बोली बहू, तेरी चूत तेरी नन्द की चूत. दोनों बिलकुल एक जैसी ही लगतीं हैं। मैंने जबाब दिया सासू जी, तेरी चूत तेरी बिटिया की चूत दोनों एक ही जैसी लगतीं हैं। इतने में नन्द बोली - अम्मी तेरी चूत तेरी बहू की बुर। दोनों बिलकुल एक जैसी ही लगतीं हैं। यह सब सुनकर सुनकर सबके लण्ड तन कर और सख्त हो गए। फिर मैं इन दोनों लड़कों से चुदवाने लगी मेरी नन्द अपने ससुर से हमारे सामने चुदवाने लगी और मेरी सास असलम से चुदवाने लगी।
सास बोली - बेटी अज़रा, तेरी माँ की चूत, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ?
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बहू की बुर , तेरी बिटिया की भाभी की चूत ?
नन्द बोली - अम्मी, तेरी बिटिया की बुर ,तेरी बहू की नन्द की बुर ?
हम तीनो ने गाली जरूर दी लेकिन वो सब अपनी अपनी ही चूत पर पड़ी। इसी मस्ती से हम सब भकाभक चुदवाने लगीं।
Click on Search Button to search more posts.
रोमांटिक लेख
- लड़कियों के नंबर की लिस्ट चाहिए बात करने के लिए - Ladki Ke Mobile Number
- Randi ka mobile whatsapp number - रण्डी मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर
- Sex video download karne ka tarika - सेक्स वीडियो डाउनलोड कैसे करें
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Amir ghar ki ladkiyon ke mobile number
- किन्नर के जननांग या गुप्तांग कैसे दिखते हैं - Kinner ke gupt ang kaise hote hai hindi jankari
- कॉल गर्ल लिस्ट, सेक्सी लड़कियों के नंबर - Call girls mobile whatsapp phone numbers
- लड़कियों के नंबर गर्ल का whatsapp नंबर - Real Girls Mobile Whatsapp Contact Phone List
आपको ये भी पसंद आएंगें
- मामी की वासना ने चोदना सिखाया - मामी की चुदाई चूत को चोदा - Mami ki vasna ne chodna sikhaya
- मुझे ऑटो वाले ने जंगल में ले जाकर चोदा Mujhe auto vale ne jangal me le jakar choda
- अपनी बीवी को दोस्तों से चुदवाया Apni biwi ko doston se chudwaya
- शादी से पहले की चुदाई - विवाह होने से पहले ही लड़की को चोदा - Shadi se pahle ladki ko choda
- झोपडी में बहन की चुदाई - Jhopdi mein bahan ki chudai
- दूसरों की बीवियों को लण्ड दिखा के पटाया - Dusron ki Biwiyon ko lund dikha ke pataya
- रोज़ रात में होती है वाइफ स्वैपिंग - Daily hoti hai Biwiyon ki adla badli me chudai
- चन्दा की गाँड़ की खुशबु ने दीवाना बनाया - Chanda Ki Gaand Ki Khushbu Ne Deewana Bnaya
- मालिश के बाद चुदाई - Malish ke baad chudai
- बाल कटाने पर ब्यूटी पार्लर में चुदाई - Beauty Parlour Mein Massage chudai