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होली में सामूहिक वाइफ स्वैपिंग अदला बदली - Holi mein Biwiyon ki adla badli me chudai
होली में सामूहिक वाइफ स्वैपिंग अदला बदली - Holi mein Biwiyon ki adla badli me chudai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
लण्ड रंगो, चूँची रंगो, रंगो चूत दरबार
हौले से पेल्हड़ रंगो, चूतड़ बारम्बार
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होली में लौड़ा हुआ, पागल मस्त मलंग
सबकी बुर में जायेंगें सबके प्यारे लण्ड
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कहने को तो हम लोग मुसलमान हैं। पर सच्चाई यह है की हम सब हिंदुस्तानी हैं। इसलिए हम हिंदुस्तान के हर त्यौहार का मज़ा लेते हैं। हमारे घर में जितनी शिद्दत से ईद मनाई जाती है उतनी ही शिद्दत से होली और दिवाली भी मनाई जाती है। दिवाली में हम लोग पटाके दगातें हैं तो होली में हम सबकी चूत बजाते हैं। जितनी मस्ती से हम लोग होली खेलते हैं उतनी मस्ती से शायद ही कोई होली खेलता हो ? होली के दिन पहले तो हम सब लोग दिन में रंग से खूब होली खेलते हैं और फिर रात भर लण्ड और चूत से होली खेलते हैं। कोई भी ऐसी चूत नहीं बचती जिसे बजाया न जाता हो ? माँ, बहन, भाभी, नन्द, सास, बहू, जेठानी देवरानी सबकी चूत बजाई जाती है। रात में कोई रिस्ता नाता नहीं देखा जाता। बस चूत देखी जाती है और लण्ड देखा जाता है। इसलिए सब लोग सबकी चूत बजाते हैं। चूत चाहे जिसकी हो पर वह होली के मौके पर बजाई जरूर जाती है. सबके लण्ड सबकी चूत में पेले जातें हैं। सबकी चूत सबके लण्ड पर बैठती है। जब तक सबकी चूत सबके लण्ड से चुद नहीं जाती तब तक यह सिलसिला चलता ही रहता है। इसमें चाहे एक दिन लगे या दो दिन या तीन दिन लगें। आने वाले लोग भी सबकी चूत बजाते हैं और आने वाली चूत भी सबके लण्ड पर बैठती है। दिन रात मस्ती का माहौल रहता है। इस दिन सब बीवियों को बेटियों को, बहुओं को सासों को गाली देने की इज़ाज़त होती हैं। वो सब खूब प्यार भरी गालियां सबको देतीं हैं जिन्हे लोग सुन सुन कर मज़ा लेते हैं लेकिन किसी भी मर्द को गाली देने का हक़ नहीं होता। वह सिर्फ एन्जॉय कर सकता है।
दोस्तों, मैं फरीदा बेगम हूँ, ४४ साल की हूँ, मद मस्त हूँ और बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ। यह बात मैंने अपनी बेटी समीना को बता दिया है। वह जवान है २२ साल की है और मेरी ही तरह लण्ड पकड़ने में बड़ी बेशर्म है। जब वह १९ साल की थी तो मैंने एक दिन उसे लण्ड पीते हुए देख लिया था। मैं बहुत खुश हुई थी और बड़ी देर तक उसे देखती रही। मैंने सोंचा की मेरी बेटी अब जवान है अगर मैं इससे खुल जाऊं तो इसके दोस्तों के लण्ड मुझे मिल सकतें हैं। मैं नये नये जवान लड़कों से चुदवाने लगूंगी. फिर जब इसकी शादी हो जाएगी तो इसकी ससुराल वालों के लण्ड मुझे आसानी से मिल जायेगें। ससुराल वालों के दोस्तपोन के लण्ड उनके नाते रिश्तेदारों के लण्ड मिल जायेंगें तो मुझे सबसे चुदवाने का मौक़ा मिल जायेगा। चुदक्कड़ तो मैं मादर चोद हूँ ही ? मैं समझ गयी की समीना आज पहली बार लण्ड नहीं पी रही है। पहले भी वह कई लण्ड पी चुकी है। मैंने कहा बेटी समीना कितने लण्ड पी चुकी हो, तुम अब तक ? वह थोड़ा सकपका गयी मैंने कहा कोई बात नहीं बेटी लण्ड पियो खूब पियो। यही उम्र है तेरी लण्ड पीने की। मैं भी लण्ड पीती हूँ, बेटी।
वह बोली - अम्मी जान, मैं २/३ लण्ड और पी चुकी हूँ।
मैंने कहा - जब तू लण्ड पी चुकी है तो फिर अब तक अपनी माँ की चूत में लण्ड क्यों नहीं पेला लण्ड ? अपनी माँ क्यों नहीं चुदवाई ? तुम्हे मालूम है बेटी की तेरी हरामजादी माँ बड़ी चुदक्कड़ है। तेरी माँ का भोसड़ा, समीना ? तेरी बुर चोदी माँ की चूत ? अब आगे से यह गलती नहीं करना ? ला मुझे दे दे लण्ड ?
मैंने लण्ड उसके हाथ से लिया और चाटने लगी। उसी दिन से मेरी बेटी मेरी सहेली बन गयी और अपनी माँ चुदवाने लगी।
अब आगे की कहानी मेरी बेटी आपको सुनाएगी :-
दोस्तों मैं समीना हूँ और मुझे लण्ड पीने की लत है। मैं दिन में एक दो लण्ड जरूर लेती हूँ। रात में जब तक २/३ लण्ड लेती नहीं तब तक मुझे नींद नहीं आती। हमारे समाज से चुदाई करना बड़ा आसान होता है। क्योंकि लड़का किसी की भी बुर ले सकता है और लड़की किसी का भी लण्ड ले सकती है। आपको यह मालूम हो गया है की मैं १९ साल की उम्र से अपनी माँ चुदा रही हूँ। हम दोनों माँ बेटी सहेलियों की तरह आपस में चोदा चोदी का खेल खेलतीं हैं। मेरे इस खेल में मेरी खाला भी शामिल हो गयी और फूफी भी। वो दोनों भी मेरी चूत में लण्ड घुसाने लगीं और मैं भी उनकी चूत में। मेरी देखा देखी एक दिन खाला की बेटी भी अपनी माँ चुदवाने लगी और फूफी की बेटी भी।
मैं जब २२ साल की हुई तो मेरी शादी हो गयी। मैंने ससुराल में भी लोगों के लण्ड पकड़ना चालू कर दिया। अब कोई ऐसा मरद नहीं है मेरी ससुराल में जिसका लण्ड मैंने अपने मुंह में और अपनी बुर में न लिया हो ? होली के मौके पर मैं अपनी मायके में थी। मेरा शौहर भी मेरे साथ था। उधर खाला की बेटी हया और फूफी की बेटी शमा भी अपनी ससुराल से आ गयी थी। हम लोग के एक दिन पहले इकठ्ठा हुई और बातें करने लगीं।
अब सवाल यह था की कितने कपल हैं जिनको इस चुदाई में शामिल किया जा सकता है। मैं थी और मेरा शौहर आशिक, शमा और उसका शौहर आरिफ, हया और उसका शौहर माशूक। मेरी नन्द भी इत्तिफाक से आयी हुई थी। तो मेरी नन्द रफ़ा और उसका मियां असद। इतने में पीछे से किसी ने कहा अरे समीना दीदी मैं भी हूँ। मैंने देखा तो वह मेरी पड़ोसन रूही थी। उसका मियां सफीक भी उसके साथ थी। मैंने कहा आप सब लोग शाम को ८ बजे पीछे वाले बड़े कमरे में इकठ्ठा हो जाना। शाम को सब लो आ गये और एक दूसरे से घुल कर मिलने लगे। इस ग्रुप में मियां और बीवियां ? उधर दूसरा ग्रुप भी वहीँ था। उसमे मेरी अम्मी आदिबा बेगम और अब्बू जान अरमान, खाला साजिया और खालू शैफ अली, नज़मा फूफी और फूफा नासिर अली, अब्बू के दोस्त अजमल अंकल और वहीदा आंटी, मेरी सास ताहिरा बेगम और ससुर जी अतीक। इस ग्रुप में भी मियां बीवियां। आज आएगा होली की चुदाई का असली मज़ा। हम लड़कियों ने एक दूसरे के शौहर का लण्ड न कभी पकड़ा था और न कभी देखा था । इसलिए हम सब एक दूसरे के मियां का लण्ड पकड़ने के लिए बड़ी उतावली थीं। सबके शौहरों से चुदवाने के लिए उतावली थीं । उतने ही उतावले हमारे मियां भी थे। उन्हें भी एक दूसरे की बीवी नंगी देखने की जल्दी थी। उनकी चूँचियाँ पकड़ने और उनकी बुर चोदने की जल्दी थी।
दोनों ग्रुप आमने सामने थे। पांच लण्ड पांच चूत इधर और पांच लण्ड पांच चूत उधर। सब कुछ खुल्लम खुल्ला। होली में किससे क्या छुपाना। यहाँ तो सभी बुर चोदी चुदक्कड़ हैं और सभी भोसड़ी वाले मरद बड़े चोदू हैं। ये बीवियां जिसका देखो उसका लण्ड घुसेड़ लेती हैं अपनी बुर में और मरद साले जिसकी देखो उसकी बीवी की बुर चोद डालते हैं. न बीवियों को कोई शर्म और न मियों को ? फिर मैं उठी और एक एक करके अपने कपड़े खोलने लगी। मेरी जब बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियाँ सबके सामने खुलीं तो लोगों में दांतों तले ऊँगली दबा ली। मुझे देख कर मेरी नन्द बुर चोदी उठ खड़ी हुई और वह भी नंगी हो गयी। उसका नंगा बदन देख कर लोगों के लण्ड कुलबुलाने लगे। फिर हया और शमा भी उठ कर अपने कपड़े खोल कर भरी महफ़िल में नंगी हो गयीं। आखिर में मेरी पड़ोसन ने भी कपड़े उतार के फेंक दिया। हम पांचो बीवियां इस तरह नंगी नंगी घूम घूम अपना नंगा बदन लड़कों को दिखाने लगीं।
उधर मेरी अम्मी ने अपने सभी कपड़े उतार दिया उसके बड़े बड़े स्तन छलक कर बाहर आ गये। इतने में खाला और फूफी ने भी अपना नंगा बदन दिखाना शुरू किया। मेरी सास भोसड़ी वाली नंगी हो गयी और आखिर में वहीदा आंटी भी। ये पांचो बीवियां भी हमारी तरह मर्दों के आगे नंगी होने का लुत्फ़ उठाने लगीं। तब तक मैंने म्यूजिक ऑन कर दिया तो हम सब बीवियां अपनी अपनी चूँचियाँ हिला हिला कर, अपनी अपनी गांड हिला हिला कर और कूल्हे मटका मटका कर थिरकने लगीं। बीवियों का न्यूड डांस देख कर मर्दों में लण्ड में आग लग गयी और वो अंदर ही अंदर खड़े होकर कसमसाने लगे। फिर हम पांचो लड़कियों ने मिलाकर इन पांचो लड़कों को नंगा कर दिया, उनके लण्ड पकड़ कर खड़ा कर दिया और पूरे नंगे बदन पर हाथ फिरा फिरा कर उन्हें मस्त कर दिया। मैंने हया के मियां मासूक का लण्ड पकड़ा हुआ था। हया ने शमा के मियां आरिफ का लण्ड पकड़ लिया, शमा ने मेरे नंदोई असद का लौड़ा अपने कब्जे में ले लिया, मेरी नन्द रफ़ा मेरी पड़ोसन रूही के मियां सफीक का लौड़ा पकड़ा और रूही ने मेरे शौहर आसिक का लण्ड धर दबोचा। इस तरह हम पांचो ने एक दूसरे के मियां का लण्ड पकड़ कर मज़ा लेने लगीं।
दूसरी तरफ अम्मी ने खालू का लण्ड पकड़ा, खाला ने फूफा का लण्ड और फूफी ने अजमल अंकल का लण्ड पकड़ लिया। वहीदा आंटी मेरे ससुर अतीक का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं और मेरी सास मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर चूमने लगीं। मैंने देखा की मेरी सास इस चुदाई के कुछ ज्यादा ही इंटरेस्ट ले रहीं है और यही हाल वह ससुर का भी था। वह तो वहीदा आंटी की चूँचियाँ चूम चूम कर मसलने में जुट गया। मेरी नज़र ससुर के लण्ड पर पड़ी। लण्ड साला टन टनाया हुआ था। मेरा दिल उस पर आ गया। मैंने तभी ठान लिया की अबकी बार जब मैं ससुराल जाऊंगी तो जी भर कर अकेले में अपने ससुर से चुदवाऊंगी। ऐसा सोंचते हुए मैंने अपनी चूत फैला दी और हया के मियां का सर अपनी दोनों टांगों के बीच घुसा दिया। / वह अपनी जबान निकाल कर मेरी चूत चाटने लगा। मुझे चूत चटवाने में बड़ा मज़ा आता है। लड़के भी जवान लड़की की चूत चाट कर खूब मज़ा लेते हैं। मुझे देख कर मेरी नन्द भी सफीक से अपनी बुर चटवाने लगी। हया शमा के मियां का लण्ड चूसने लगी और शमा मेरे नंदोई कला लण्ड। पूरा माहौल लण्ड और चूत में तब्दील हो गया।
थोड़ी देर में मैं हया के मियां से चुदवाने लगी. शमा के मियां ने लण्ड हया की चूत में घुसेड़ दिया, असद मेरा नंदोई शमा की बुर लेने लगा। मेरी पड़ोसन मेरे मियां से चुदवाने लगी। मेरी नन्द पड़ोसन के मियां से चुदवाने लगी। चुदाई की आवाज़ चारों तरफ गूंजने लगी। हमारे सामने मेरी सास मेरे अब्बू से चुदवाने लगीं. अजमल अंकल ने लण्ड फूफी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। मेरे फूफा मेरी खाला की बुर चोदने लगा। खालू ने लण्ड मेरी माँ की चूत में पेल दिया। मेरा ससुर वहीदा आंटी की चूत में अपना लण्ड घुसा कर भकाभक चोदने लगा। सब के सब मादर चोद दूसरों की बीवियां चोदने लगे और बीवियां भी बुर चोदी पराये मर्दों से अपनी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं। चुदाने की इतनी मस्ती मैंने पहले कभी नहीं देखी।
मैंने कहा - हया, यार तेरे मिया का लौड़ा बड़ा सॉलिड है। मेरी चूत के छक्के छूट रहें है यार ?
हया - मैं खुश हूँ की तुझे मेरे मियां का लण्ड पसंद आया। मुझे तो शमा के मियां का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। मैं इससे अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाऊंगी।
मैं बोली - मैं तेरी माँ की बहन का भोसड़ा मैं भी चुदवाऊंगी।
मेरी नन्द ने कहा - भाभी जान, तेरी पड़ोसन का मियां तेरी नन्द की बुर धकापेल चोद रहा है। इसका लौड़ा मेरी चूत में अंदर तक घुस कर चोट कर रहा है। इस तरह की सबके साथ खुललाम खुल्ला चुदाई आज मैं पहली बार देख रही हूँ। मैं तो भाभी तेरी माँ का भोसड़ा भी चुदता हुआ देख रही हूँ।
मैंने कहा - तेरी माँ का भोसड़ा भी चुद रहा है नन्द रानी। तेरी माँ को मेरे अब्बू का लौड़ा पसंद आ गया है।
हम सब बेटियां इसी तरह की मस्त मस्त गन्दी गन्दी बाते करती हूँ धकाधक चुदवाने में जुटीं थीं। सबकी चूत बजाई जा रही थी। उधर अम्मियों का भोसड़ा भी बजाय जा रहा था। न इधर चूत कम थी और न उधर का भोसड़ा ? इतने में एक एक करके लण्ड झड़ने लगे और हम सब अपना मुंह फैलाकर झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी। उधर खाला फूफी अम्मी वग़ैरह भी झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगीं।
बीवियों की अदला बदली का दूसरा दौर
एक घंटे के बाद दूसरा दौर शुरू हो गया। तय यह हुआ की सारे मरद जो जहाँ है वो सब वहीँ रहेंगें लेकिन बीवियां अपना स्थान बदल लेगीं। यहाँ की बीवियां वहां चली जायेगीं और वहां की बीवियां यहाँ चली आयेगीं। इस तरह अम्मी, खाला, फूफी, वहीदा आंटी और मेरी सास इस ग्रुप में आ गयीं जहाँ हम सब लोगों के मियां मजूद थे। यहाँ की बीवियां यानी मैं, खाला की बेटी हया, फूफी की बेटी शमा, मेरी नन्द रफ़ा और मेरी पड़ोसन रूही उस ग्रुप में चलीं गयीं। वहां पर मेरा अब्बू, खालू, फूफा, अजमल अंकल और मेरा ससुर था। इधर और उधर की सभी बीवियां नंगी ही थीं। किसी ने कोई कपड़ा नहीं पहना था। इसी तरह मरद भी इधर उधर के सब नंगे थे। सबके लण्ड टन टना रहे थे और किसी ने भी कोई कपड़ा नहीं पहना था। दोनों तरफ की बीवियां इधर उधर हुई तो एक नया जोश आ गया।
मैं खालू की तरफ बढ़ी तो हया मेरे अब्बू की तरफ बढ़ी। उसने हाथ बढाकर मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। मैंने भी उसके अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड हाथ में आते ही बढ़ने लगा और फिर एकदम से तन कर खड़ा हो गया। शमा मेरी फूफी की बेटी ने अजमल का लौड़ा पकड़ लिया और उसे प्यार से हिलाने लगी। लौड़ा बढ़ने लगा। शमा उसके पेल्हड़ भी सहलाने लगी। मेरी नन्द रफा मेरे फूफा का लौड़ा पकड़ा तो फूफा ने उसकी चूँचियाँ मसलना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी चूत का ज़ायज़ा लेने लगा। रूही जो मेरी पड़ोसन है उसने मेरे ससुर का लण्ड अपने कब्जे में लिया। इस तरह ये सब बेटियां अपने बाप के बराबर के मरद का लण्ड पाकर मस्त हो गयीं। कहतें है की लड़कियों को अंकल के उम्र के लोगों के लण्ड से विशेष प्यार होता है। वो अंकल लोगों से चुदवाने में अपने आप को बहुत सुरक्षित महसूस करतीं हैं। अंकल लोगों को भी अपनी बेटी की उम्र की लड़कियां चोदने में ज्यादा मज़ा आता है।
उधर अम्मी ने अपनी बहन के दामाद का लण्ड पकड़ लिया। उसे मुठ्ठी में लेकर चूमा और फिर उसका सुपाड़ा चाटा। खाला ने मेरे मियां का लण्ड पकड़ लिया। उसे मेरे मियां का लण्ड पसंद आ गया और उसने लण्ड की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ लीं। मैं समझ गयी की खाला का भोसड़ा इस समय बड़ा चुदासा है। फूफी ने मेरे नंदोई का लण्ड पकड़ा, उसे हिलाया और फिर जबान निकाल उसे चाटने लगी। उसे अपने बेटे के बराबर लड़के का लण्ड पाकर बड़ा मज़ा आया। वहीदा आंटी शमा के शौहर का लण्ड पकड़ कर चूमने लगीं। वह लण्ड को चारों तरफ से देखने लगी और पेल्हड़ हौले हौले सहलाने लगी। मेरी सास बुर चोदी रूही के मियां का लण्ड पकड़ कर उससे खेलने लगी। मेरी सास उधर लण्ड से है रही थी और उसकी बेटी यानी मेरी नन्द इधर लण्ड से खेल रही थी। . यहाँ एक ग्रुप माँ अपना भोसड़ा चुदवाती है तो बेटी दूसरे ग्रुप ने अपनी बुर चुदवाती है।
यही है होली का मद मस्त मज़ा। होली का नशीला माहौल ? होली के मस्ताने लण्ड और मस्तानी चूत। होली में एक दूसरे की बीवी चोदना, एक दूसरे के मियां से चुदवाना ? होली में चाहे माँ का भोसड़ा हो चाहे बिटिया की बुर, बहू की चूत हो चाहे सास का भोसड़ा ? नन्द की बुर हो चाहे भौजी की चूत, जेठानी की चूत हो चाहे देवरानी की बुर सब बराबर हैं। होली में सबकी चूत में पेले जातें हैं लण्ड और चोदी जाती है बुर ?
बुरा न मानो होली है, गन्दी गन्दी बोली है
माँ का भोसड़ा होली है, बिटिया की बुर होली है
लौड़ा पी लो होली है, गांड मराओ होली है
मिलकर सबकी बीवी चोदो, चूँची चोदो होली है
सभी बीवियां अपने अपने हाथ का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगीं और बीच बीच में लण्ड के पेल्हड़ भी चाटने लगी। जांघों पर हाथ फिराने लगी और कभी कभी हाथ चूतड़ों पर फेरने लगीं।
अम्मी ने कहा - अरी बुर चोदी हया तेरे मरद का लौड़ा तो बड़ा जबरदस्त है बेटी। ये तो मेरा भोसड़ा फाड़ डालेगा बहन चोद ?
हया बोली - अरे खाला जान इसने जब मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डाला तो फिर समीना की माँ का भी भोसड़ा फाड़ डालेगा। अम्मी ने कहा - हाय दईया, तो तू अपने मियां का लण्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़ती है ?
हया ने कहा - खाला जान. चुदाई में कोई किसी का सगा नहीं होता ? सबको सबकी बुर में लण्ड पेलने का हक़ होता है। मैं तो सबकी बुर चोदती हूँ जो चाहे जो भी हो ?
फूफी ने मजाक करते हुए कहा - समीना, तेरी बुर चोदी नन्द की बुर ? उसके मियां का लौड़ा इतना बढ़िया है फिर भी वह पराये मरदों के लण्ड के लिए इधर उधर मुंह मारती फिरती है। देखो न उसके मियां का लण्ड कैसे मेरी चूत की बखिया उधेड़ रहा है।
मेरी नन्द ने जबाब दिया - हाय मेरी भाभी की नज़मा फूफी, देखो इधर तेरे मियां का लौड़ा मेरी चूत में दूत तक घुस गया है। इसका लौड़ा इतना मोटा है की वह मेरी चूत को चारों तरफ से चिपक कर चोद रहा है। फिर भी तुझे अपने मियां का लौड़ा नहीं पसंद है और तू भोसड़ी की मेरे मियां से रंडी की तरह चुदवाये चली जा रही है। तेरी बिटिया की बुर बहन चोद ?
फूफी की बेटी शमा ने कहा - रफ़ा तू समीना की नन्द है। उधर देख तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। रूही का मियां तेरे सामने तेरी माँ की बुर ले रहा है। इसका मतलब यह है की तू अपनी माँ चुदवाती है ?
रफ़ा ने कहा - हां चुदवाती हूँ तो इसके बुरा क्या है ? चुदाई के खेल में सब खिलाड़ी होतें हैं। कोई माँ, बेटी, भाई, बहन, बाप, बेटी, नहीं होते ? खेल में रिस्ता नहीं देखा जाता ? खेल में खिलाड़ी का खेल देखा जाता है की कौन कितनी अच्छी तरह से खेल खेल रहा है ? यहाँ यह देखा जा रहा है की यहाँ कौन भोसड़ी का कितनी अच्छी तरह से चोद रहा है और कौन बुर चोदी कितनी अच्छी तरह से चुदवा रही है ? समझा तू माँ की लौड़ी, शमा ?
इसी तरह की अश्लील और गन्दी गन्दी बाते करती हुई हम सब होली के मौके पर चोदा चोदी का खेल रहीं थीं। अचानक सबने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी। चुदाई की आवाज़ें तेज हो गईं। मज़ा आने लगा मस्ती बढ़ने लगी तो मुंह से तरह तरह की बातें भी निकलने लगीं - हाय दईया फाड़ डालो मेरी चूत,,,,,,,,, चीर डालो मेरी बुर चोदी बुर ,,,,,,,,,पूरा लौड़ा पेल दो यार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, बड़ा बेरहम लौड़ा है तेरा बहन चोद, मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,हां यार इसी तरह चोदो और चोदो, मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो,,,,,,,,,,,, मेरी माँ चोद के आये चोदो ,,,,,,,,,,,,,, हचक हचक के चोदो मेरे राजा ,,,,,,,, तू भोसड़ी का बहुत बड़ा चोदू है यार,,,,,,,,,,, वाओ, तूने मेरी मेरी बिटिया की बुर ली है अब मेरी बुर ले ,,,,,,,,,,,,,,,गांड में भी घुसेड़ दो लण्ड ,,,,,,,,,,, हाय रे बड़ा मोटा है तेरा लण्ड ,,,,,,,,,,,,, इसी तरह चोदे जाओ बेटा, तेरा लौड़ा बड़ा सख्त है ,,,,,,,,,,, बाप रे बाप ८" का लौड़ा तूने एक ही बार में घुसा दिया ,,,,,,,,, तेरी बहन का भोसड़ा साले अब मैं चोदूँगी तेरा लण्ड,,,,,,,,,,,,,, हाय दादिया ये होली रोज़ रोज़ क्यों नहीं आती ? होली में चुदवाने का मज़ा कुछ और ही है ,,,,,,,,,ये तेरा होली का लण्ड यार ,,,,,,,,,,,हां हां पूरा घुसेड़ दो लण्ड ,,,,,,,,,,,मेरी चूत खा जाएगी तेरा पूरा लण्ड,,,,,,,,,,? जिसके जो मन में आता वो वही बोलने लगती। मज़ा सबको आ रहा था और सामूहिक चुदाई का आनंद सबकी सब उठा रही थी। मर्दों को भी खुले आम सबकी बीवियां चोदने मिल रहा था।
यह सब होली का कमाल है दोस्तों।
चूत चुदाओ होली में
लौड़ा चोदो होली में
माँ का भोसड़ा होली में
बिटिया की बुर होली में
लंड ससुर का होली में
चूत बहू की होली में
लण्ड रंगो, चूँची रंगो, रंगो चूत दरबार
हौले से पेल्हड़ रंगो, चूतड़ बारम्बार
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होली में लौड़ा हुआ, पागल मस्त मलंग
सबकी बुर में जायेंगें सबके प्यारे लण्ड
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कहने को तो हम लोग मुसलमान हैं। पर सच्चाई यह है की हम सब हिंदुस्तानी हैं। इसलिए हम हिंदुस्तान के हर त्यौहार का मज़ा लेते हैं। हमारे घर में जितनी शिद्दत से ईद मनाई जाती है उतनी ही शिद्दत से होली और दिवाली भी मनाई जाती है। दिवाली में हम लोग पटाके दगातें हैं तो होली में हम सबकी चूत बजाते हैं। जितनी मस्ती से हम लोग होली खेलते हैं उतनी मस्ती से शायद ही कोई होली खेलता हो ? होली के दिन पहले तो हम सब लोग दिन में रंग से खूब होली खेलते हैं और फिर रात भर लण्ड और चूत से होली खेलते हैं। कोई भी ऐसी चूत नहीं बचती जिसे बजाया न जाता हो ? माँ, बहन, भाभी, नन्द, सास, बहू, जेठानी देवरानी सबकी चूत बजाई जाती है। रात में कोई रिस्ता नाता नहीं देखा जाता। बस चूत देखी जाती है और लण्ड देखा जाता है। इसलिए सब लोग सबकी चूत बजाते हैं। चूत चाहे जिसकी हो पर वह होली के मौके पर बजाई जरूर जाती है. सबके लण्ड सबकी चूत में पेले जातें हैं। सबकी चूत सबके लण्ड पर बैठती है। जब तक सबकी चूत सबके लण्ड से चुद नहीं जाती तब तक यह सिलसिला चलता ही रहता है। इसमें चाहे एक दिन लगे या दो दिन या तीन दिन लगें। आने वाले लोग भी सबकी चूत बजाते हैं और आने वाली चूत भी सबके लण्ड पर बैठती है। दिन रात मस्ती का माहौल रहता है। इस दिन सब बीवियों को बेटियों को, बहुओं को सासों को गाली देने की इज़ाज़त होती हैं। वो सब खूब प्यार भरी गालियां सबको देतीं हैं जिन्हे लोग सुन सुन कर मज़ा लेते हैं लेकिन किसी भी मर्द को गाली देने का हक़ नहीं होता। वह सिर्फ एन्जॉय कर सकता है।
दोस्तों, मैं फरीदा बेगम हूँ, ४४ साल की हूँ, मद मस्त हूँ और बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ। यह बात मैंने अपनी बेटी समीना को बता दिया है। वह जवान है २२ साल की है और मेरी ही तरह लण्ड पकड़ने में बड़ी बेशर्म है। जब वह १९ साल की थी तो मैंने एक दिन उसे लण्ड पीते हुए देख लिया था। मैं बहुत खुश हुई थी और बड़ी देर तक उसे देखती रही। मैंने सोंचा की मेरी बेटी अब जवान है अगर मैं इससे खुल जाऊं तो इसके दोस्तों के लण्ड मुझे मिल सकतें हैं। मैं नये नये जवान लड़कों से चुदवाने लगूंगी. फिर जब इसकी शादी हो जाएगी तो इसकी ससुराल वालों के लण्ड मुझे आसानी से मिल जायेगें। ससुराल वालों के दोस्तपोन के लण्ड उनके नाते रिश्तेदारों के लण्ड मिल जायेंगें तो मुझे सबसे चुदवाने का मौक़ा मिल जायेगा। चुदक्कड़ तो मैं मादर चोद हूँ ही ? मैं समझ गयी की समीना आज पहली बार लण्ड नहीं पी रही है। पहले भी वह कई लण्ड पी चुकी है। मैंने कहा बेटी समीना कितने लण्ड पी चुकी हो, तुम अब तक ? वह थोड़ा सकपका गयी मैंने कहा कोई बात नहीं बेटी लण्ड पियो खूब पियो। यही उम्र है तेरी लण्ड पीने की। मैं भी लण्ड पीती हूँ, बेटी।
वह बोली - अम्मी जान, मैं २/३ लण्ड और पी चुकी हूँ।
मैंने कहा - जब तू लण्ड पी चुकी है तो फिर अब तक अपनी माँ की चूत में लण्ड क्यों नहीं पेला लण्ड ? अपनी माँ क्यों नहीं चुदवाई ? तुम्हे मालूम है बेटी की तेरी हरामजादी माँ बड़ी चुदक्कड़ है। तेरी माँ का भोसड़ा, समीना ? तेरी बुर चोदी माँ की चूत ? अब आगे से यह गलती नहीं करना ? ला मुझे दे दे लण्ड ?
मैंने लण्ड उसके हाथ से लिया और चाटने लगी। उसी दिन से मेरी बेटी मेरी सहेली बन गयी और अपनी माँ चुदवाने लगी।
अब आगे की कहानी मेरी बेटी आपको सुनाएगी :-
दोस्तों मैं समीना हूँ और मुझे लण्ड पीने की लत है। मैं दिन में एक दो लण्ड जरूर लेती हूँ। रात में जब तक २/३ लण्ड लेती नहीं तब तक मुझे नींद नहीं आती। हमारे समाज से चुदाई करना बड़ा आसान होता है। क्योंकि लड़का किसी की भी बुर ले सकता है और लड़की किसी का भी लण्ड ले सकती है। आपको यह मालूम हो गया है की मैं १९ साल की उम्र से अपनी माँ चुदा रही हूँ। हम दोनों माँ बेटी सहेलियों की तरह आपस में चोदा चोदी का खेल खेलतीं हैं। मेरे इस खेल में मेरी खाला भी शामिल हो गयी और फूफी भी। वो दोनों भी मेरी चूत में लण्ड घुसाने लगीं और मैं भी उनकी चूत में। मेरी देखा देखी एक दिन खाला की बेटी भी अपनी माँ चुदवाने लगी और फूफी की बेटी भी।
मैं जब २२ साल की हुई तो मेरी शादी हो गयी। मैंने ससुराल में भी लोगों के लण्ड पकड़ना चालू कर दिया। अब कोई ऐसा मरद नहीं है मेरी ससुराल में जिसका लण्ड मैंने अपने मुंह में और अपनी बुर में न लिया हो ? होली के मौके पर मैं अपनी मायके में थी। मेरा शौहर भी मेरे साथ था। उधर खाला की बेटी हया और फूफी की बेटी शमा भी अपनी ससुराल से आ गयी थी। हम लोग के एक दिन पहले इकठ्ठा हुई और बातें करने लगीं।
- हाय बोली - यार होली में जाने क्या बात है की चूत साली चुपचाप बैठती ही नहीं है। लण्ड पाने के लिए बार बार उचकने लगती है।
- शमा बोली - चूत की माँ का भोसड़ा ? चूत बुर चोदी सबकी एक जैसी होती है यार। मेरी भी चूत लण्ड खाने के लिए होली में कुछ ज्यादा ही उतावली हो जाती है।
- तब तक खाला ने यह बात सुन ली। वह बोली - चूत ही नहीं शमा ये भोसड़ा भी मादर चोद होली में लण्ड के लिए आवाज़ लगाने लगता है। होली का त्यौहार आते ही भोसड़ा साला जबरदस्त चुदासा हो जाता है।
- मैंने कहा खाला जान - बेटियां अपनी माँ चुदवाती है तो आज माँ अपनी बेटियां चुदवा लें न ?
- तब तक फूफी ने कहा - बेटियां बुर चोदी अब हो गयीं है बीवियां ? और बीवियां तो ग़ैर मर्दों से ज्यादा चुदवातीं हैं।
- मैंने कहा - वाओ, फूफी जान तूने सच कहा। तो फिर क्यों न हम सब आज बीवियां एक दूसरे के मियां से आमने सामने चुदवायें ? एक सामूहिक बीवियां की अदला बदली हो जाये ? हमारे मरद तो भोसड़ी वाले दूसरों की बीवियां चोदने के फिराक में रहतें ही हैं।
- शमा ने कहा - यार बात तो सही है। क्यों न हम सब रात को पराये मर्दों के लण्ड के साथ होली खेलें और फिर उनके लण्ड अपनी चूत में पेलें ?
- अम्मी ने कहा - हां ठीक तो है। दिन में रंग के साथ खेलो होली और रात में लण्ड के साथ ?
अब सवाल यह था की कितने कपल हैं जिनको इस चुदाई में शामिल किया जा सकता है। मैं थी और मेरा शौहर आशिक, शमा और उसका शौहर आरिफ, हया और उसका शौहर माशूक। मेरी नन्द भी इत्तिफाक से आयी हुई थी। तो मेरी नन्द रफ़ा और उसका मियां असद। इतने में पीछे से किसी ने कहा अरे समीना दीदी मैं भी हूँ। मैंने देखा तो वह मेरी पड़ोसन रूही थी। उसका मियां सफीक भी उसके साथ थी। मैंने कहा आप सब लोग शाम को ८ बजे पीछे वाले बड़े कमरे में इकठ्ठा हो जाना। शाम को सब लो आ गये और एक दूसरे से घुल कर मिलने लगे। इस ग्रुप में मियां और बीवियां ? उधर दूसरा ग्रुप भी वहीँ था। उसमे मेरी अम्मी आदिबा बेगम और अब्बू जान अरमान, खाला साजिया और खालू शैफ अली, नज़मा फूफी और फूफा नासिर अली, अब्बू के दोस्त अजमल अंकल और वहीदा आंटी, मेरी सास ताहिरा बेगम और ससुर जी अतीक। इस ग्रुप में भी मियां बीवियां। आज आएगा होली की चुदाई का असली मज़ा। हम लड़कियों ने एक दूसरे के शौहर का लण्ड न कभी पकड़ा था और न कभी देखा था । इसलिए हम सब एक दूसरे के मियां का लण्ड पकड़ने के लिए बड़ी उतावली थीं। सबके शौहरों से चुदवाने के लिए उतावली थीं । उतने ही उतावले हमारे मियां भी थे। उन्हें भी एक दूसरे की बीवी नंगी देखने की जल्दी थी। उनकी चूँचियाँ पकड़ने और उनकी बुर चोदने की जल्दी थी।
दोनों ग्रुप आमने सामने थे। पांच लण्ड पांच चूत इधर और पांच लण्ड पांच चूत उधर। सब कुछ खुल्लम खुल्ला। होली में किससे क्या छुपाना। यहाँ तो सभी बुर चोदी चुदक्कड़ हैं और सभी भोसड़ी वाले मरद बड़े चोदू हैं। ये बीवियां जिसका देखो उसका लण्ड घुसेड़ लेती हैं अपनी बुर में और मरद साले जिसकी देखो उसकी बीवी की बुर चोद डालते हैं. न बीवियों को कोई शर्म और न मियों को ? फिर मैं उठी और एक एक करके अपने कपड़े खोलने लगी। मेरी जब बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियाँ सबके सामने खुलीं तो लोगों में दांतों तले ऊँगली दबा ली। मुझे देख कर मेरी नन्द बुर चोदी उठ खड़ी हुई और वह भी नंगी हो गयी। उसका नंगा बदन देख कर लोगों के लण्ड कुलबुलाने लगे। फिर हया और शमा भी उठ कर अपने कपड़े खोल कर भरी महफ़िल में नंगी हो गयीं। आखिर में मेरी पड़ोसन ने भी कपड़े उतार के फेंक दिया। हम पांचो बीवियां इस तरह नंगी नंगी घूम घूम अपना नंगा बदन लड़कों को दिखाने लगीं।
उधर मेरी अम्मी ने अपने सभी कपड़े उतार दिया उसके बड़े बड़े स्तन छलक कर बाहर आ गये। इतने में खाला और फूफी ने भी अपना नंगा बदन दिखाना शुरू किया। मेरी सास भोसड़ी वाली नंगी हो गयी और आखिर में वहीदा आंटी भी। ये पांचो बीवियां भी हमारी तरह मर्दों के आगे नंगी होने का लुत्फ़ उठाने लगीं। तब तक मैंने म्यूजिक ऑन कर दिया तो हम सब बीवियां अपनी अपनी चूँचियाँ हिला हिला कर, अपनी अपनी गांड हिला हिला कर और कूल्हे मटका मटका कर थिरकने लगीं। बीवियों का न्यूड डांस देख कर मर्दों में लण्ड में आग लग गयी और वो अंदर ही अंदर खड़े होकर कसमसाने लगे। फिर हम पांचो लड़कियों ने मिलाकर इन पांचो लड़कों को नंगा कर दिया, उनके लण्ड पकड़ कर खड़ा कर दिया और पूरे नंगे बदन पर हाथ फिरा फिरा कर उन्हें मस्त कर दिया। मैंने हया के मियां मासूक का लण्ड पकड़ा हुआ था। हया ने शमा के मियां आरिफ का लण्ड पकड़ लिया, शमा ने मेरे नंदोई असद का लौड़ा अपने कब्जे में ले लिया, मेरी नन्द रफ़ा मेरी पड़ोसन रूही के मियां सफीक का लौड़ा पकड़ा और रूही ने मेरे शौहर आसिक का लण्ड धर दबोचा। इस तरह हम पांचो ने एक दूसरे के मियां का लण्ड पकड़ कर मज़ा लेने लगीं।
दूसरी तरफ अम्मी ने खालू का लण्ड पकड़ा, खाला ने फूफा का लण्ड और फूफी ने अजमल अंकल का लण्ड पकड़ लिया। वहीदा आंटी मेरे ससुर अतीक का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं और मेरी सास मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर चूमने लगीं। मैंने देखा की मेरी सास इस चुदाई के कुछ ज्यादा ही इंटरेस्ट ले रहीं है और यही हाल वह ससुर का भी था। वह तो वहीदा आंटी की चूँचियाँ चूम चूम कर मसलने में जुट गया। मेरी नज़र ससुर के लण्ड पर पड़ी। लण्ड साला टन टनाया हुआ था। मेरा दिल उस पर आ गया। मैंने तभी ठान लिया की अबकी बार जब मैं ससुराल जाऊंगी तो जी भर कर अकेले में अपने ससुर से चुदवाऊंगी। ऐसा सोंचते हुए मैंने अपनी चूत फैला दी और हया के मियां का सर अपनी दोनों टांगों के बीच घुसा दिया। / वह अपनी जबान निकाल कर मेरी चूत चाटने लगा। मुझे चूत चटवाने में बड़ा मज़ा आता है। लड़के भी जवान लड़की की चूत चाट कर खूब मज़ा लेते हैं। मुझे देख कर मेरी नन्द भी सफीक से अपनी बुर चटवाने लगी। हया शमा के मियां का लण्ड चूसने लगी और शमा मेरे नंदोई कला लण्ड। पूरा माहौल लण्ड और चूत में तब्दील हो गया।
थोड़ी देर में मैं हया के मियां से चुदवाने लगी. शमा के मियां ने लण्ड हया की चूत में घुसेड़ दिया, असद मेरा नंदोई शमा की बुर लेने लगा। मेरी पड़ोसन मेरे मियां से चुदवाने लगी। मेरी नन्द पड़ोसन के मियां से चुदवाने लगी। चुदाई की आवाज़ चारों तरफ गूंजने लगी। हमारे सामने मेरी सास मेरे अब्बू से चुदवाने लगीं. अजमल अंकल ने लण्ड फूफी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। मेरे फूफा मेरी खाला की बुर चोदने लगा। खालू ने लण्ड मेरी माँ की चूत में पेल दिया। मेरा ससुर वहीदा आंटी की चूत में अपना लण्ड घुसा कर भकाभक चोदने लगा। सब के सब मादर चोद दूसरों की बीवियां चोदने लगे और बीवियां भी बुर चोदी पराये मर्दों से अपनी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं। चुदाने की इतनी मस्ती मैंने पहले कभी नहीं देखी।
मैंने कहा - हया, यार तेरे मिया का लौड़ा बड़ा सॉलिड है। मेरी चूत के छक्के छूट रहें है यार ?
हया - मैं खुश हूँ की तुझे मेरे मियां का लण्ड पसंद आया। मुझे तो शमा के मियां का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। मैं इससे अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाऊंगी।
मैं बोली - मैं तेरी माँ की बहन का भोसड़ा मैं भी चुदवाऊंगी।
मेरी नन्द ने कहा - भाभी जान, तेरी पड़ोसन का मियां तेरी नन्द की बुर धकापेल चोद रहा है। इसका लौड़ा मेरी चूत में अंदर तक घुस कर चोट कर रहा है। इस तरह की सबके साथ खुललाम खुल्ला चुदाई आज मैं पहली बार देख रही हूँ। मैं तो भाभी तेरी माँ का भोसड़ा भी चुदता हुआ देख रही हूँ।
मैंने कहा - तेरी माँ का भोसड़ा भी चुद रहा है नन्द रानी। तेरी माँ को मेरे अब्बू का लौड़ा पसंद आ गया है।
हम सब बेटियां इसी तरह की मस्त मस्त गन्दी गन्दी बाते करती हूँ धकाधक चुदवाने में जुटीं थीं। सबकी चूत बजाई जा रही थी। उधर अम्मियों का भोसड़ा भी बजाय जा रहा था। न इधर चूत कम थी और न उधर का भोसड़ा ? इतने में एक एक करके लण्ड झड़ने लगे और हम सब अपना मुंह फैलाकर झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी। उधर खाला फूफी अम्मी वग़ैरह भी झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगीं।
बीवियों की अदला बदली का दूसरा दौर
एक घंटे के बाद दूसरा दौर शुरू हो गया। तय यह हुआ की सारे मरद जो जहाँ है वो सब वहीँ रहेंगें लेकिन बीवियां अपना स्थान बदल लेगीं। यहाँ की बीवियां वहां चली जायेगीं और वहां की बीवियां यहाँ चली आयेगीं। इस तरह अम्मी, खाला, फूफी, वहीदा आंटी और मेरी सास इस ग्रुप में आ गयीं जहाँ हम सब लोगों के मियां मजूद थे। यहाँ की बीवियां यानी मैं, खाला की बेटी हया, फूफी की बेटी शमा, मेरी नन्द रफ़ा और मेरी पड़ोसन रूही उस ग्रुप में चलीं गयीं। वहां पर मेरा अब्बू, खालू, फूफा, अजमल अंकल और मेरा ससुर था। इधर और उधर की सभी बीवियां नंगी ही थीं। किसी ने कोई कपड़ा नहीं पहना था। इसी तरह मरद भी इधर उधर के सब नंगे थे। सबके लण्ड टन टना रहे थे और किसी ने भी कोई कपड़ा नहीं पहना था। दोनों तरफ की बीवियां इधर उधर हुई तो एक नया जोश आ गया।
मैं खालू की तरफ बढ़ी तो हया मेरे अब्बू की तरफ बढ़ी। उसने हाथ बढाकर मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। मैंने भी उसके अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड हाथ में आते ही बढ़ने लगा और फिर एकदम से तन कर खड़ा हो गया। शमा मेरी फूफी की बेटी ने अजमल का लौड़ा पकड़ लिया और उसे प्यार से हिलाने लगी। लौड़ा बढ़ने लगा। शमा उसके पेल्हड़ भी सहलाने लगी। मेरी नन्द रफा मेरे फूफा का लौड़ा पकड़ा तो फूफा ने उसकी चूँचियाँ मसलना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी चूत का ज़ायज़ा लेने लगा। रूही जो मेरी पड़ोसन है उसने मेरे ससुर का लण्ड अपने कब्जे में लिया। इस तरह ये सब बेटियां अपने बाप के बराबर के मरद का लण्ड पाकर मस्त हो गयीं। कहतें है की लड़कियों को अंकल के उम्र के लोगों के लण्ड से विशेष प्यार होता है। वो अंकल लोगों से चुदवाने में अपने आप को बहुत सुरक्षित महसूस करतीं हैं। अंकल लोगों को भी अपनी बेटी की उम्र की लड़कियां चोदने में ज्यादा मज़ा आता है।
उधर अम्मी ने अपनी बहन के दामाद का लण्ड पकड़ लिया। उसे मुठ्ठी में लेकर चूमा और फिर उसका सुपाड़ा चाटा। खाला ने मेरे मियां का लण्ड पकड़ लिया। उसे मेरे मियां का लण्ड पसंद आ गया और उसने लण्ड की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ लीं। मैं समझ गयी की खाला का भोसड़ा इस समय बड़ा चुदासा है। फूफी ने मेरे नंदोई का लण्ड पकड़ा, उसे हिलाया और फिर जबान निकाल उसे चाटने लगी। उसे अपने बेटे के बराबर लड़के का लण्ड पाकर बड़ा मज़ा आया। वहीदा आंटी शमा के शौहर का लण्ड पकड़ कर चूमने लगीं। वह लण्ड को चारों तरफ से देखने लगी और पेल्हड़ हौले हौले सहलाने लगी। मेरी सास बुर चोदी रूही के मियां का लण्ड पकड़ कर उससे खेलने लगी। मेरी सास उधर लण्ड से है रही थी और उसकी बेटी यानी मेरी नन्द इधर लण्ड से खेल रही थी। . यहाँ एक ग्रुप माँ अपना भोसड़ा चुदवाती है तो बेटी दूसरे ग्रुप ने अपनी बुर चुदवाती है।
यही है होली का मद मस्त मज़ा। होली का नशीला माहौल ? होली के मस्ताने लण्ड और मस्तानी चूत। होली में एक दूसरे की बीवी चोदना, एक दूसरे के मियां से चुदवाना ? होली में चाहे माँ का भोसड़ा हो चाहे बिटिया की बुर, बहू की चूत हो चाहे सास का भोसड़ा ? नन्द की बुर हो चाहे भौजी की चूत, जेठानी की चूत हो चाहे देवरानी की बुर सब बराबर हैं। होली में सबकी चूत में पेले जातें हैं लण्ड और चोदी जाती है बुर ?
बुरा न मानो होली है, गन्दी गन्दी बोली है
माँ का भोसड़ा होली है, बिटिया की बुर होली है
लौड़ा पी लो होली है, गांड मराओ होली है
मिलकर सबकी बीवी चोदो, चूँची चोदो होली है
सभी बीवियां अपने अपने हाथ का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगीं और बीच बीच में लण्ड के पेल्हड़ भी चाटने लगी। जांघों पर हाथ फिराने लगी और कभी कभी हाथ चूतड़ों पर फेरने लगीं।
अम्मी ने कहा - अरी बुर चोदी हया तेरे मरद का लौड़ा तो बड़ा जबरदस्त है बेटी। ये तो मेरा भोसड़ा फाड़ डालेगा बहन चोद ?
हया बोली - अरे खाला जान इसने जब मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डाला तो फिर समीना की माँ का भी भोसड़ा फाड़ डालेगा। अम्मी ने कहा - हाय दईया, तो तू अपने मियां का लण्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़ती है ?
हया ने कहा - खाला जान. चुदाई में कोई किसी का सगा नहीं होता ? सबको सबकी बुर में लण्ड पेलने का हक़ होता है। मैं तो सबकी बुर चोदती हूँ जो चाहे जो भी हो ?
फूफी ने मजाक करते हुए कहा - समीना, तेरी बुर चोदी नन्द की बुर ? उसके मियां का लौड़ा इतना बढ़िया है फिर भी वह पराये मरदों के लण्ड के लिए इधर उधर मुंह मारती फिरती है। देखो न उसके मियां का लण्ड कैसे मेरी चूत की बखिया उधेड़ रहा है।
मेरी नन्द ने जबाब दिया - हाय मेरी भाभी की नज़मा फूफी, देखो इधर तेरे मियां का लौड़ा मेरी चूत में दूत तक घुस गया है। इसका लौड़ा इतना मोटा है की वह मेरी चूत को चारों तरफ से चिपक कर चोद रहा है। फिर भी तुझे अपने मियां का लौड़ा नहीं पसंद है और तू भोसड़ी की मेरे मियां से रंडी की तरह चुदवाये चली जा रही है। तेरी बिटिया की बुर बहन चोद ?
फूफी की बेटी शमा ने कहा - रफ़ा तू समीना की नन्द है। उधर देख तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। रूही का मियां तेरे सामने तेरी माँ की बुर ले रहा है। इसका मतलब यह है की तू अपनी माँ चुदवाती है ?
रफ़ा ने कहा - हां चुदवाती हूँ तो इसके बुरा क्या है ? चुदाई के खेल में सब खिलाड़ी होतें हैं। कोई माँ, बेटी, भाई, बहन, बाप, बेटी, नहीं होते ? खेल में रिस्ता नहीं देखा जाता ? खेल में खिलाड़ी का खेल देखा जाता है की कौन कितनी अच्छी तरह से खेल खेल रहा है ? यहाँ यह देखा जा रहा है की यहाँ कौन भोसड़ी का कितनी अच्छी तरह से चोद रहा है और कौन बुर चोदी कितनी अच्छी तरह से चुदवा रही है ? समझा तू माँ की लौड़ी, शमा ?
यह सब होली का कमाल है दोस्तों।
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लंड ससुर का होली में
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