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दो लड़कों ने खेत में एक दुसरे की गांड मारी Do ladko ne khet me ek dusre ki gand mari
लड़के ने लड़के की गांड मारी ; ladke ne ladke ki gand mari ; ladkon ki gand ki chudai वीडियो ; लड़कों ने लड़कों की गांड मारी , एक लड़के ने दुसरे लड़के को चोदा , लड़के का लंड लड़के की गांड में , लड़कों की आपसी चुदाई , लड़का खेल में चुद गया , लड़कों ने एक दुसरे को चोदकर निकाला पानी किया टाइम पास, Ladkon ki chudai , Ek dusre ladke ko choda. चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हैलो दोस्तो, मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी उम्र इस वक़्त 35 साल की है और दिल्ली में मेरा अपना घर बार है, व्यापार है, एक बेटी हैं, एक बेटा है, एक खूबसूरत बीवी है, पैसे की भी कोई कमी नहीं। इसी वजह से बीवी के अलावा भी जब जी करता है तो बाहर भी प्रोग्राम फिट कर लेता हूँ। अभी कुछ ही दिन पहले किसी मित्र ने मेरे व्हाट्सप पर एक वीडियो भेजी जिसमें स्कूल के बाथरूम में एक लड़का तेल लगा कर दूसरे लड़के की गाँड मार रहा था। वीडियो देख के मेरे दिमाग में एक पुरानी बात याद आ गई। सोचा आपके मनोरंजन के लिए इसे कहानी के रूप में पेश करूँ. इसे सिर्फ एक कहानी की तरह ही लीजिये।
कई साल पहले की बात है मैं खेत से आ रहा था. कपास के पौधे काफी बड़े हो चुके थे, मैं प्रकृति का नजारा लेता हुआ चला आ रहा था. अचानक ही मुझे किसी के फुसफुसाने की आवाज सुनाई दी. मैं एकदम से रुक गया और आवाज को ध्यान से सुनने लगा. आवाज कपास के खेत से आ रही थी मैं समझ गया कि मामला गड़बड़ है, मैं चुपके - चुपके कपास के खेत के अंदर गया. मैंने देखा दो लड़के बैठे है और दोनों ही एक गन्दी किताब देख रहें है, उस किताब में कई तरह की तस्वीरें थी, जिसमें मर्द औरत आपस में सेक्स कर रहे थे। मैं चुपचाप छिपकर बैठ गया और उनकी हरकते देखने लगा. उनमे से एक का नाम राजू और दुसरे का नाम दीपू था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
दीपू ने अपनी पेंट की ज़िप खोली और अपनी लुल्ली बाहर निकाल ली, ‘तू भी निकाल…’ वो बोला। राजू को थोड़ा अजीब लगा, मगर राजू ने भी अपनी लुल्ली बाहर निकाली। दोनों के छोटे छोटे लंड एकदम से ऊपर को मुँह उठाए तने हुए थे। ‘देख इसको ऐसे कर…’ उसने अपने लंड के ऊपर की चमड़ी को आगे पीछे करके दिखाया। राजू ने भी वैसा किया तो राजू को मज़ा आया, उस दिन दोनों ने अपनी ज़िंदगी में पहली बार हस्तमैथुन किया। वो दोनों तब तक करते रहे जब उन दोनों को एक अजीब सा एहसास न हो गया, जिसमें राजू को लगा जैसे राजू के तो जिस्म से जान ही निकल जाएगी। खैर उनका यह तजुरबा बढ़िया रहा। थोड़ी देर हिलाने के बाद दोनों चले गए. मैं भी उनके जाने के बाद अपने घर आ गया.
फिर अगले दिन भी मुझे वो दोनों आते हुए दिखाई दिए, मैं उन्हें देखते ही छिप गया. वो भी पहले वाली ही जगह जाकर बैठ गए और हस्तमैथुन करने लगे. इस तरह पांच - छह दिन चलता रहा. मैं भी उन्हें हर रोज छिपकर देखने लगा. अब तक तो वो केवल हिलाते और चले जाते लेकिन एक दिन जोश जोश में राजू की लुल्ली की चमड़ी इतनी ज़ोर से पीछे को खींच गई के उसके ऊपर की चमड़ी छिल गई और उसमें से खून बहने लगा। राजू डर गया मगर दीपू जल्दी से गया और थोड़ा पानी लेकर आया राजू की लुल्ली पर डाल दिया और खून बंद हो गया। दीपू बोला - ले आज तेरी सील टूट गई, अब तू बच्चा नहीं रहा, मर्द बन गया है, अब तो अगर तुझसे कोई लौंडिया पट जाए तो तू उसे चोद भी सकता है।
फिर दो दिन वो नहीं आए, अगले दिन वो फिर आए और वहीँ बैठकर हस्तमैथुन करने लगे आज उनके लंड से गाढ़ा सफ़ेद वीर्य भी निकलने लगा, जिसके छूटने पर उन्हें बड़ा आनन्द भी आया। वो अब इस काम में ज्यादा इंटरेस्ट लेने लगे. वक़्त बीतता गया और उनकी मुट्ठबाजी भी चलती रही। वो अपनी पसंद की हर औरत और लड़की को अपनी बातों में चोद चुके थे। यहाँ तक के एक दूसरे की माँ बहन को भी, और यह बात दोनों एक दूसरे को बता देते थे कि आज तेरी माँ या बहन के ना से मुट्ठ मारी है।
तीन - चार दिन के अंतर में फिर एक दिन वो वहीँ आ गए. दीपू बोला- यार अपने हाथ से अपनी मुट्ठ मारने में कोई मज़ा नहीं आता, मज़ा तो तब है जब बंदा लेटा रहे और कोई और उसकी मुट्ठ मारे! तो राजू ने पूछा- अब तेरी मुट्ठ मारने के लिए किसे लाया जाए? ‘क्यों न हम एक दूसरे की मुट्ठ मार दिया करें, दोनों को मज़ा आएगा।’ दीपू ने विचार सुझाया। ‘आइडिया बुरा नहीं है, ट्राई करके देखें?’ राजू ने कहा. तो उन दोनों ने अपनी अपनी पेंट खोली और अगल बगल बैठ कर एक दूसरे के लंड पकड़ कर सहलाने लगे, मज़ा तो आया, मगर वो वाला नहीं आ रहा था जो वो चाहते थे। तो वो दोनों एक दूसरे की उलट दिशा में लेट गए और दोनों ने एक दूसरे के लंड को पकड़ा और फेंटना शुरू किया, वाकई यह तो बढ़िया रहा और दूसरे के हाथ से मुट्ठ मरवाने का तो मज़ा ही कुछ और था। उस दिन भी इतना करके वो चले गए. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
अगले दिन फिर बिलकुल उसी समय आए. जब वो दोनों लेटे हुए एक दूसरे के लंड सहला रहे थे, तब दीपू ने राजू का लंड अपने मुँह में ले लिया! वाओ… क्या नज़ारा आया राजू को, सच में लंड चुसवाने का तो मज़ा ही कुछ और था। दीपू ने राजू का लंड चूसते चूसते राजू के सिर के पीछे हाथ रखा और राजू का सिर आगे को धकेला, मतलब दीपू चाहता था कि अगर वो राजू का लंड चूस रहा है तो राजू को भी उसका लंड चूसना पड़ेगा। राजू को भी कोई ऐतराज नहीं था, राजू ने भी दीपू का लंड अपने मुँह में लिया और वैसे ही चूसने लगे। उन दोनों को तो काम का वो नशा सवार हुआ कि दोनों अपनी अपनी कमर चला कर एक दूसरे का मुँह ही चोदने लगे। पहले दीपू झड़ा और राजू के मुँह में ही उसने अपना पानी निकाल दिया। उसके बाद उसने राजू का लंड चूस चूस के राजू का पानी अपने मुंह में निकलवाया। अब हस्तमैथुन के साथ चुस्का-चुस्की का काम भी चल पड़ा.
अगले दिन फिर दोनों उसी समय आए. आज उनके पास मोबिल्र भी था, उन्होंने एक ब्लू फिल्म देखी जिसमें दो लड़के आपस में सेक्स कर रहे थे। उन्होंने देखा के बारी बारी दोनों ने एक दूसरे की गाँड मारी। राजू ने दीपू से कहा- ये भी ट्राई करके देखें! वो बोला- चल, करते हैं। मगर समस्या यह कि पहले गाँड कौन मरवाएगा। सो फैसला यह किया गया कि क्योंकि लंड हैं मोटे और गाँड के छेद हैं छोटे, पहले ऊँगली डाल कर देखा जाएगा, जिसके दर्द कम होगा, वही पहले पूरा लंड लेगा। तो कपड़े उतारकर दोनों जमीन पर लेट गए, दोनों ने एक दूसरे के लंड अपने अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किए। उसके बाद दोनों ने अपनी अपनी एक एक उंगली को मुंह में लेकर गिला किया और एक दूसरे की गाँड में घुसेड़ने की कोशिश करने लगे। उँगलियाँ जब आराम से चली गई तो अंगूठे डालकर देखे गए, जब अंगूठे भी घुस गए तो दो दो उँगलियाँ एक साथ डाली गई, ये कुछ तकलीफ़देह था। मगर जब काम दिमाग में चढ़ता है तो दर्द में भी मज़ा आता है।
राजू की दोनों उंगलिया दीपू के गाँड में अंदर तक घुसी पड़ी थी और दीपू अपने हाथ की दो उँगलियों से राजू की गाँड को चोद रहा था। फिर राजू ने दीपू से कहा- दीपू, ये तमाशा बहुत हुआ, चल ऐसा कर तू ही ऊपर आ जा। राजू घोड़ी के पोज़ में अपने घुटने मोड़ कर खड़ा हो गया। दीपू ने अपने लंड पे ढेर सारा थूक लगाया और राजू की गाँड पे रख दिया। ‘ले मादरचोद, आज तू चुदने जा रहा है, अपनी गाँड खोल कर अपने यार का लंड ले, मादरचोद, साले…’ कहते हुए उसने थोड़ा सा ज़ोर लगाया, राजू को दर्द तो हुआ, मगर थूक के गीलेपन की वजह से उसके लंड का टोपा राजू की गाँड में घुस गया। ‘अरे घुस गया रे घुस गया, मादरचोद, मार दिया तूने तो, बहुत दर्द हो रहा है।” राजू ने दर्द से तड़पते हुये कहा- थोड़ा रुक, फिर और डालना।
दीपू थोड़ी देर तक राजू के बदन को सहलाता रहा और फिर अपने लंड पे और थूक लगा कर अंदर को ठेलता रहा और आधे से ज़्यादा लंड उसने राजू की गाँड में घुसेड़ दिया। इतना बहुत था चुदाई के लिए। उसके बाद शुरू हुई असली परीक्षा। बेशक दीपू को मज़ा आ रहा था मगर राजू को दर्द हो रहा था। आज राजू को एहसास हुआ था कि औरत को पहली बार चुदवाते हुये कितना दर्द होता होगा। इतना दर्द तो तब नहीं होता जब इंसान को कब्ज़ हो रखी हो। मगर एक टाईट सुराख में चोदने का दीपू भरपूर मज़ा ले रहा था। खैर, 3-4 मिनट की चुदाई के बाद दीपू ने राजू की गाँड के अंदर ही अपना माल छोड़ दिया। अब गाँड मरवाने के बाद राजू की हालत पतली हो गई थी इसलिए दीपू को चोदने का प्लान नैक्सट मीटिंग पे रखा गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
अगले दिन राजू ऊपर था और दीपू नीचे, सच में चुदाई का तो मज़ा आ गया! अब तो यह अक्सर होने लगा। चोदते वक़्त वो दोनों एक दूसरे को बहुत गलियाँ देते, एक दूसरे की माँ बहन तक चोदने की बातें कहते। ‘दीपू आज तेरे घर गया था, साले तेरी माँ के मम्मे देखे, साली की गाँड बहुत मस्त है मादरचोद, एक बार दिलवा दे उसकी, सच कहता हूँ, ऐसे ही चोदूँगा उसे, एक बार दिलवा दे यार… तेरी माँ को चोदना चाहता हूँ।’ जब राजू दीपू को चोदता तो राजू भी ऐसे ही अनाप शनाप बोलता- दीपू तेरी दीदी की जवानी बहुत कातिल है रे, उसके चूचे देखे, तू तो उसी घर में रहता है, मादरचोद, रोज़ देखता होगा, उसको नहीं छोड़ूंगा, एक दिन पटा कर ज़रूर चोदूँगा, तू बुरा तो नहीं मानेगा अगर मैं अपना लंड तेरी बहन की कुँवारी गांड में डाल कर उसको पेल दूँ, उसके छोटे छोटे कच्चे आम के जैसे चुचे चूस लूँ, सोच के देख कि तू सामने खड़ा है और राजू के नीचे तेरी जगह तेरी कुँवारी बहन लेटी दर्द से तड़प रही है, राजू का लंड उसकी गांड में घुसा है और उसकी कुँवारी गांड से खून टपक रहा है, बोल चोदने देगा अपनी बहन को? ऐसी ही न जाने क्या क्या बकवास करते रहते मगर जब पानी निकल जाता तो चुपचाप अपने घर की तरफ चल देते।
हैलो दोस्तो, मैं दिल्ली में रहता हूँ। मेरी उम्र इस वक़्त 35 साल की है और दिल्ली में मेरा अपना घर बार है, व्यापार है, एक बेटी हैं, एक बेटा है, एक खूबसूरत बीवी है, पैसे की भी कोई कमी नहीं। इसी वजह से बीवी के अलावा भी जब जी करता है तो बाहर भी प्रोग्राम फिट कर लेता हूँ। अभी कुछ ही दिन पहले किसी मित्र ने मेरे व्हाट्सप पर एक वीडियो भेजी जिसमें स्कूल के बाथरूम में एक लड़का तेल लगा कर दूसरे लड़के की गाँड मार रहा था। वीडियो देख के मेरे दिमाग में एक पुरानी बात याद आ गई। सोचा आपके मनोरंजन के लिए इसे कहानी के रूप में पेश करूँ. इसे सिर्फ एक कहानी की तरह ही लीजिये।
कई साल पहले की बात है मैं खेत से आ रहा था. कपास के पौधे काफी बड़े हो चुके थे, मैं प्रकृति का नजारा लेता हुआ चला आ रहा था. अचानक ही मुझे किसी के फुसफुसाने की आवाज सुनाई दी. मैं एकदम से रुक गया और आवाज को ध्यान से सुनने लगा. आवाज कपास के खेत से आ रही थी मैं समझ गया कि मामला गड़बड़ है, मैं चुपके - चुपके कपास के खेत के अंदर गया. मैंने देखा दो लड़के बैठे है और दोनों ही एक गन्दी किताब देख रहें है, उस किताब में कई तरह की तस्वीरें थी, जिसमें मर्द औरत आपस में सेक्स कर रहे थे। मैं चुपचाप छिपकर बैठ गया और उनकी हरकते देखने लगा. उनमे से एक का नाम राजू और दुसरे का नाम दीपू था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
दीपू ने अपनी पेंट की ज़िप खोली और अपनी लुल्ली बाहर निकाल ली, ‘तू भी निकाल…’ वो बोला। राजू को थोड़ा अजीब लगा, मगर राजू ने भी अपनी लुल्ली बाहर निकाली। दोनों के छोटे छोटे लंड एकदम से ऊपर को मुँह उठाए तने हुए थे। ‘देख इसको ऐसे कर…’ उसने अपने लंड के ऊपर की चमड़ी को आगे पीछे करके दिखाया। राजू ने भी वैसा किया तो राजू को मज़ा आया, उस दिन दोनों ने अपनी ज़िंदगी में पहली बार हस्तमैथुन किया। वो दोनों तब तक करते रहे जब उन दोनों को एक अजीब सा एहसास न हो गया, जिसमें राजू को लगा जैसे राजू के तो जिस्म से जान ही निकल जाएगी। खैर उनका यह तजुरबा बढ़िया रहा। थोड़ी देर हिलाने के बाद दोनों चले गए. मैं भी उनके जाने के बाद अपने घर आ गया.
फिर अगले दिन भी मुझे वो दोनों आते हुए दिखाई दिए, मैं उन्हें देखते ही छिप गया. वो भी पहले वाली ही जगह जाकर बैठ गए और हस्तमैथुन करने लगे. इस तरह पांच - छह दिन चलता रहा. मैं भी उन्हें हर रोज छिपकर देखने लगा. अब तक तो वो केवल हिलाते और चले जाते लेकिन एक दिन जोश जोश में राजू की लुल्ली की चमड़ी इतनी ज़ोर से पीछे को खींच गई के उसके ऊपर की चमड़ी छिल गई और उसमें से खून बहने लगा। राजू डर गया मगर दीपू जल्दी से गया और थोड़ा पानी लेकर आया राजू की लुल्ली पर डाल दिया और खून बंद हो गया। दीपू बोला - ले आज तेरी सील टूट गई, अब तू बच्चा नहीं रहा, मर्द बन गया है, अब तो अगर तुझसे कोई लौंडिया पट जाए तो तू उसे चोद भी सकता है।
फिर दो दिन वो नहीं आए, अगले दिन वो फिर आए और वहीँ बैठकर हस्तमैथुन करने लगे आज उनके लंड से गाढ़ा सफ़ेद वीर्य भी निकलने लगा, जिसके छूटने पर उन्हें बड़ा आनन्द भी आया। वो अब इस काम में ज्यादा इंटरेस्ट लेने लगे. वक़्त बीतता गया और उनकी मुट्ठबाजी भी चलती रही। वो अपनी पसंद की हर औरत और लड़की को अपनी बातों में चोद चुके थे। यहाँ तक के एक दूसरे की माँ बहन को भी, और यह बात दोनों एक दूसरे को बता देते थे कि आज तेरी माँ या बहन के ना से मुट्ठ मारी है।
तीन - चार दिन के अंतर में फिर एक दिन वो वहीँ आ गए. दीपू बोला- यार अपने हाथ से अपनी मुट्ठ मारने में कोई मज़ा नहीं आता, मज़ा तो तब है जब बंदा लेटा रहे और कोई और उसकी मुट्ठ मारे! तो राजू ने पूछा- अब तेरी मुट्ठ मारने के लिए किसे लाया जाए? ‘क्यों न हम एक दूसरे की मुट्ठ मार दिया करें, दोनों को मज़ा आएगा।’ दीपू ने विचार सुझाया। ‘आइडिया बुरा नहीं है, ट्राई करके देखें?’ राजू ने कहा. तो उन दोनों ने अपनी अपनी पेंट खोली और अगल बगल बैठ कर एक दूसरे के लंड पकड़ कर सहलाने लगे, मज़ा तो आया, मगर वो वाला नहीं आ रहा था जो वो चाहते थे। तो वो दोनों एक दूसरे की उलट दिशा में लेट गए और दोनों ने एक दूसरे के लंड को पकड़ा और फेंटना शुरू किया, वाकई यह तो बढ़िया रहा और दूसरे के हाथ से मुट्ठ मरवाने का तो मज़ा ही कुछ और था। उस दिन भी इतना करके वो चले गए. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
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राजू की दोनों उंगलिया दीपू के गाँड में अंदर तक घुसी पड़ी थी और दीपू अपने हाथ की दो उँगलियों से राजू की गाँड को चोद रहा था। फिर राजू ने दीपू से कहा- दीपू, ये तमाशा बहुत हुआ, चल ऐसा कर तू ही ऊपर आ जा। राजू घोड़ी के पोज़ में अपने घुटने मोड़ कर खड़ा हो गया। दीपू ने अपने लंड पे ढेर सारा थूक लगाया और राजू की गाँड पे रख दिया। ‘ले मादरचोद, आज तू चुदने जा रहा है, अपनी गाँड खोल कर अपने यार का लंड ले, मादरचोद, साले…’ कहते हुए उसने थोड़ा सा ज़ोर लगाया, राजू को दर्द तो हुआ, मगर थूक के गीलेपन की वजह से उसके लंड का टोपा राजू की गाँड में घुस गया। ‘अरे घुस गया रे घुस गया, मादरचोद, मार दिया तूने तो, बहुत दर्द हो रहा है।” राजू ने दर्द से तड़पते हुये कहा- थोड़ा रुक, फिर और डालना।
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