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भोसड़ी के आज चोद ले मेरी बेटी की बुर - Maa ne Beti ko chudwaya
मेरी अम्मी जान को गालियां देने का बड़ा शौक है और अब तो यह शौक उसकी आदत बन चुकी है। वह बिना गाली दिए एक बात भी मुंह से नहीं निकालती ? मादर चोद, बहन चोद, भोसड़ी वाली, बुर चोदी, माँ की लौड़ी, गांडू, तेरी माँ की चूत, बहन का लण्ड जैसी गालियां उसके मुंहे से दनादन निकलती हैं। गालियों के कारण उसका एक जबरदस्त तकिया कलाम बन गया है ?"तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने" वह हर बात बोलने के साथ साथ बोल देतीं हैं "तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने" " तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने" मैं जब ५ साल की थी तबसे अम्मी की गालियां सुनती आ रही हूँ। उसकी गालियां और "तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने" सुनते सुनते मेरे कान पक गये। उसका नतीजा यह हुआ की मैं भी गाली देने लगी।
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मेरा नाम मदीहा है मैं २४ साल की हूँ और बेहद खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ. मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही बोल्ड और बदचलन भी हूँ। मैं १५ साल की उम्र में ही लण्ड पकड़ना सीख लिया था और फिर उसे मुंह में लेकर चूमना, चूसना और चाटना सब सीख लिया था। मुझे लण्ड बहुत अच्छे लगने लगे थे। मैं जिस लड़के को देखती तो उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती, लण्ड के साइज और लण्ड की हुलिया के बारे में मन ही मन अंदाजा लगाने लगती। मेरी अम्मी जान हर बात पर 'लण्ड' बोलती थीं। एक दिन मैं थोड़ा पहले आ गयी। मैंने अम्मी से कहा मैं थोड़ा पहले आ गयी हूँ अम्मी जान। वह बोली तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने पहले आकर ? दूसरे दिन थोड़ा देर से आयी तो वह बोली तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने देर से आकर ? एक दिन मेरी खाला जान की बेटी आयी और बोली आज मैं भीड़ में फंस गयी थी। तो अम्मी बोली तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने भीड़ में फंस कर ? मेरी पड़ोसन बोली मदीहा की अम्मी जान कल मैंने अपने शौहर से चुदवा लिया यार। तो अम्मी ने तुरंत कहा तो क्या लण्ड उखाड़ लिए तूने उससे चुदवाकर। उसकी बेटी बोली आंटी जान मैं पास हो गयी हूँ। तो अम्मी बोली तो क्या लण्ड उखाड़ किया तूने पास होकर ?
कहने का मतलब मेरी अम्मी जान का तकिया कलाम है "तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ?" इसलिए मुझे भी लण्ड से एक अजीब तरह का लगाव हो गया था।
धीरे धीरे मैं लण्ड अपनी चूत में घुसाने लगी।पहली बार थोड़ा दर्द जरूर हुआ था पर कुछ देर बाद ज़न्नत का मज़ा आने लगा। १५ साल की ही उम्र में मुझे रात में जग कर सबकी चुदाई देखने की आदत पड़ चुकी थी। रात में जगने के लिए मैं दिन में सो जाती और रात को सबकी चुदाई का मज़ा लूटती। मुझे एहसास हो गया की जो औरत बाहर से बड़ी भोली भाली सीधी साधी और चुदाई में अनजान सी दिखती है वह बुर चोदी रंडी की तरह बड़ी बेशरमी में रात में एक से नहीं कई मर्दों से चुदवाती है। एक मरद का लण्ड नहीं सब मर्दों के लण्ड पकड़ती है और उन्हें अपनी चूत में पेलती है। मेरी सबसे ज्यादा नज़र अम्मी जान पर थी और उसके भोसड़ा पर थी।
एक दिन मैंने उसे खालू से चुदवाते हुए देखा तो दूसरे ही दिन फूफा जान से चुदवाते हुए। मैं इतने में ही समझ गयी की मेरी अम्मी भले ही बोलने चालने में बड़ी अच्छी हों, भले ही प्यार से सबको गालियां देती हों और भले ही सबका खूब ख्याल रखती हों पर चुदवाने में वह एक छिनार से कम नहीं है। अम्मी बुर चोदी सबके लण्ड गपागप पेल लेती है अपनी चूत में ? एक दिन तो मैंने उसे कहते हुए सुना की मेरे देवर राजा आज तू मुझे चोद ले। किसी दिन मैं तेरी तमन्ना पूरी कर दूँगी। तेरा लण्ड मैं अपनी बेटी मदीहा की बुर में घुसा दूँगी। तब तू मेरे सामने ही मेरी बेटी की बुर चोद लेना। पर उसे अभी अच्छी तरह जवान हो जाने दे। जवानी में वह खुद भोसड़ी वाली अपनी माँ चुदवायेगी। इस बात ने मेरी चूत की आग बुरी तरह भड़का दी थी । मैं समझ गयी की मेरी अम्मी जान किसी दिन मेरी बुर किसी से चुदवा जरूर लेगी। इस बात से मुझे चचा जान का लण्ड बड़ा प्यारा लगने लगा जो मेरी अम्मी का भोसड़ा चोद रहा था। मुझे खालू का लण्ड पहले ही भा गया था। मैं फिर अगले दिन अम्मी जान को पड़ोसी का लण्ड पीते हुए देखा। मैंने इसी तरह खाला जान को और फूफी को भी ग़ैर मर्दों से चुदवाते हुए देखा। मैं जान गयी की ये सब भोसड़ी वाली रात में रंडियों की तरह चुदवाती हैं।
एक दिन तो हद ही गयी जब मैंने रात में फूफी के बेटे को खाला का भोसड़ा चोदते हुए देखा और खाला के बेटे को फूफी का भोसड़ा चोदते हुए देखा। दोनों मादर चोद आमने सामने एक दूसरे की माँ चोद रहे थे। माँ भी एक दूसरे के बेटे से ऐसे चुदवा रहीं थीं जैसे की वह उसका शौहर हो। दोनों साले मजे से अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदते हुए बड़े प्यार से देख भी रहे थे। बस तब मेरा सब्र का बाँध टूट गया। उस समय मैं जवान भी हो चुकी थी। १८ + की हो गयी थी मैं ? एक दिन मैं अम्मी के साथ बैठी हुई थी। सवेरे का समय था। अचानक मेरी पड़ोसन सायरा आंटी आ गयी और बोली अरी ताहिरा (मेरी अम्मी जान का नाम) आज मैं अपनी बहन के बेटे से भोसड़ा फड़वा कर आ रही हूँ। अम्मी बोली तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ? भोसड़ा तो सभी फड़वाती हैं। मैं भी फड़वाती हूँ अपना भोसड़ा। फिर पीछे से मेरी फूफी की बेटी आ गयी वह बोली मामी जान आज मैं अपनी माँ चुदवाकर आ रही हूँ। तो इसी बात पर मेरे मुंह से निकला तो क्या लण्ड उखाड़ लिए तूने ? माँ का भोसड़ा तो सभी चुदवाती हैं। मैं भी चुदवाती हूँ अपनी माँ का भोसड़ा ?
बस अम्मी ने मेरी तरफ मुझ करके कहा - तू बुर चोदी कबसे चुदवाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ? आज तक कोई भी लण्ड नहीं पेला तूने अपनी माँ के भोसड़ा में मदीहा ?
मैंने कहा - अम्मी जान कॉलेज में सारी लड़कियां एक दूसरे की माँ चोदती हैं। खूब गालियां बकतीं हैं और टीचरों को भी खुले आम कभी कभी गालियां दे देतीं हैं। ये सब आजकल खूब होता है। मैं भी सबकी माँ चोदती हूँ ?
वह बोली - तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने सबकी माँ चोद कर ? अपनी माँ चोद के दिखाओ तो कोई बात भी है। मैंने जबाब दिया - कहो तो आज ही चोद के दिखा दूँ अपनी माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ?
वह बोली - हां हां तो फिर चोद ले न अपनी माँ का भोसड़ा बुर चोदी मदीहा ? तेरी माँ की चूत ? तू भी उखाड़ ले किसी का लण्ड ?
मैंने भी प्यार से जबाब दिया - तेरी बिटिया की बुर अम्मी जान. मैं आज ही तेरे सामने ही उखाडूँगी लण्ड और पेल दूँगी उसे तेरे भोसड़ा में ? कल मैं फूफी जान के घर भी गयी थी अम्मी जान।
वह बोली - तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने वहां जाकर ?
मैंने कहा - लण्ड तो कोई था ही नहीं वहां अम्मी जान। न तो फूफा जान का लण्ड था और न उसका बेटे का लण्ड। अगर होता तो मैं जरूर उखाड़ लेती लण्ड ?
अम्मी जान ने मेरे गाल चूमा लिया और मुझे गले से लगा लिया। कॉलेज के दो लड़कों को बुला लिया। अम्मी उन्हें देख कर खुश हो गईं। लड़के बड़े स्मार्ट और हैंडसम थे। रफीक और सफी दोनों मेरे बॉय फ्रैंड्स थे , मैं इन दोनों के लण्ड पकड़ती थी और दोनों से चुदवाती भी थी। मैंने सोंच लिया की आज मैं इनके लण्ड अपनी अम्मी की बुर में घुसेड़ दूँगी। मुझे शर्म तो कोई थी नहीं। मैं अम्मी को कई लोगोंसे चुदवाते हुए देख चुकी थी। अम्मी के मन में भी मेरी बुर चुदवाने का ख्याल था। मैं यह भी सोचने लगी की क्या अम्मी जान आज मेरी बुर चुदवायेगी की नहीं। गर्मी के दिन थे और दोपहर का समय था। मैं दोनों को लेकर पीछे वाले ये सी वाले कमरे में चली गई। मेरे बाद मेरे दोनों दोस्त भी आ गए और अम्मी जान भी। मैं दोनों के कपड़े उतारने लगी. उन्हें अम्मी जान के सामने नंगा करने लगी। मुझे लड़कों को नंगा करने में बड़ा मज़ा आता है और उनके सामने नंगी होने में भी खूब मज़ा आता है। मुझे लोगों के लण्ड देखने का और अपनी चूत और चूँचियाँ दिखाने में बड़ा शौक है। दोनों नंगे हुए हुए तो अम्मी जान के मुंह से निकला हाय अल्ला क्या मस्त लौड़े हैं दोनों, बहन चोद ? अब तो बहुत अच्छी तरह से चुदेगा तेरी माँ का भोसड़ा। सुन रही हो न बुर चोदी, मदीहा ?
अम्मी ने खुद अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया एक एक लण्ड और बड़े प्यार से उन्हें सहलाने लगीं। ऊपर नीचे करने लगीं और मैं उधर उसके कपड़े उतार कर उसे नंगी करने लगी। जैसे ही अम्मी नंगी हुई तो उसका नंगा जिस्म देख कर दोनों लण्ड एकदम से टन्ना उठे। दोनों लण्ड के साइज 8" x 5.5 " थे। झांटें बिलकुल साफ़ थीं और पेल्हड़ भी चिकने थे। अम्मी जान दोनों लण्ड का सुपाड़ा बारी बारी से चूमने और चाटने लगीं। अम्मी जान को दोनों ही लण्ड पसंद आ गए यह उसके चेहरे से मालूम पड़ रहा था। वह सुपाड़े के साथ साथ पेल्हड़ भी चाटने लगीं और मस्त होने लगीं।
इतने में किसी ने पीछे से कहा - अरे भाभी जान यह क्या हो रहा है ? मैंने भी पीछे मुड़ कर देखा और अम्मी जान ने भी। अम्मी बोली अरे मजीद तू सही मौके पर आ गया। मैं तेरा ही मन ही मन इंतज़ार कर रही थी। तू देख रहा है न की तेरी भाभी का भोसड़ा चुदने जा रहा है। और हां तूने उस दिन मेरी बेटी की बुर चोदने की इच्छा ज़ाहिर की थी न ? तो ले भोसड़ी के आज चोद ले मेरी बेटी की बुर। ये मदीहा है मेरी बेटी इसके कपड़े उतार कर इसे नंगी कर दे और पेल दे अपना लण्ड इसकी चूत में। आज तू मेरे सामने ही मेरी बेटी की बुर चोद कर दिखा। अम्मी जान की बात सुनकर वह जोश में आ गया और इधर मेरी भी चूत एकदम से गरमा उठी। वह मेरी तरफ बढ़ा तो मैंने कहा अरे चचा जान पहले अपना लण्ड दिखाओ मुझे ? मैं भी देखूं की वह कौन सा लौड़ा है जो मेरी माँ का भोसड़ा चोदता है ?
ऐसा कह कर मैंने उसका पजामा खोल डाला तो वह एकदम नंगा हो गया। उसका लौड़ा साला बड़ा मोटा था और वह तन कर खड़ा भी हो गया। मैंने उसे पहले देखा जरूर था लेकिन दूर से। आज मैं इसे नजदीक से देख रही हूँ और पकड़ कर देख रही हूँ तो मुझे बड़ा अच्छा भी लग रहा है और मस्त मज़ा भी आ रहा है। फिर मैं भी अपने कपड़े खोल कर नंगी नंगी लण्ड चूमने चाटने लगी और मज़ा करने लगी। मैंने प्यार से लण्ड पर एक थप्पड़ मारा और कहा तुम भोसड़ी के मेरी माँ के भोसड़ा में घुसते हो। मेरी माँ चोदते हो ? आज तुम मेरी माँ की बिटिया की बुर चोद कर दिखाओ तो जानू ? तुम्हे तो मेरी चूत अंदर घुसा कर भून डालेगी लण्ड मियां ? मैं मन में सोंचने लगी की अब मैं जल्दी ही खालू का लण्ड भी पेलूगी अपनी चूत में और फूफा से भी भकाभक चुदवाऊंगी। अब मुझे कोई रोक नहीं सकता ?
मैं चचा जान का लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा। उधर अम्मी जान रफीक का लण्ड चाटते हुए सफी से चुदवाने लगी। सफी उछल उछल कर मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा। अम्मी जान भी बड़ी मस्ती से मेरे आमने चुदवाने लगीं। थोड़ी देर में चचाजान ने भी लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैं भी एमी की ही तरह अपनी गांड से उचक उचक कर चुदवाने लगी। अम्मी को समझ में आ गया की मैं पहली बार नहीं चुदवा रही हूँ। उसने पूंछ भी लिया अरी भोसड़ी की फ़िरोज़ा तू पहले भी कई बार चुदवा चुकी है ऐसा मुझे मालूम हो रहा है. मैंने कहा हां अम्मी जान मैं पिछले कई साल से चुदवा रही हूँ पर तुम्हे बताया नहीं। मैंने जब तुझे कई लोगों से चुदवाते हुए देखा तो मेरी शर्म ख़तम हो गयी। फिर मैं भी चुदवाने लगी। इन दोनों से मैं कई बार चुदवा चुकी हूँ। अम्मी जान ने मस्ती में कहा अरे वाह तू बुर चोदी लण्ड की इतनी दीवानी है. तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ? मेरे सामने पकड़ती सबके लण्ड तो मुझे भी मज़ा आता। मेरी सभी सहेलियां आज भी अपनी बेटियों के साथ लण्ड पकड़तीं हैं लण्ड पीती हैं और चोदा चोदी करतीं हैं। उनकी बेटियां अपनी माँ के भोसड़ा में दनादन लण्ड पेलती हैं।
अम्मी बोली - तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तू तो बहन चोद चुदाई में मेरे से भी आगे निकल गयी। लगता है की तू बहुत दिनों से लण्ड उखाड़ रही है।
मैं बोली - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान। तू तो सबसे रंडी की तरह चुदवाती है हरामजादी अम्मी जान ? मैंने कई लण्ड तेरा भोसड़ा में घुसते हुए देखा है।
अम्मी बोली - तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ? तू क्यों नहीं आ गयी मेरे सामने ? मैं वही लण्ड खुदा कसम तेरी चूत में पेल देती।
अम्मी ने ऐसा कहते हुए सफी का लण्ड अपने भोसड़ा में पेल लिया और रफीक का लण्ड अपने मुंह में। यह मेरी और अम्मी की चुदाई करीब करीब ३/४ घंटे तक चलती रही। उस दिन मुझे सच में बड़ा ामज़ा आया। मैंने ठान लिया की अब जल्दी जल्दी इस तरह की चुदाई करूगी और खूब ऐय्यासी करूंगी।
दूसरे दिन मेरी मुलाक़ात चचा जान की बेटी सबा से हो गयी। हम दोनों बातें करने लगी। वह बोली मैं कल बाज़ार गयी थी। मेरे मुंह से फ़ौरन निकला तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने वहाँ जाकर ? वह हंस कर बोली यार मैं लण्ड उखाड़ने नहीं गयी थी अगर जाती तो लण्ड जरूर उखाड़ लाती ? धीरे धीरे बातें गहरी होती गई और
फिर लण्ड बुर चूत भोसड़ा और गांड तक पहुँच गईं। हम खुल कर बातें करने लगी। अपनी अपनी माँ चुदाने की भी बातें और रात में घर में सामूहिक चुदाई की भी बातें भी होने लगी।
सबा ने बताया - यार फ़िरोज़ा कल तू यहाँ मेरे अब्बू जान से चुदवा रही थी तो मैं भी तेरे अब्बू जान के पास पहुँच गयी। मैंने बड़ी बेशर्मी से उसके लण्ड पर हाथ रख दिया और कहा तेरी बेटी मेरे अब्बू का लण्ड चूस रही है तो मैं उसके अब्बू का लण्ड चूसूंगी यानी तेरा लण्ड चूसूंगी। मेरे मुंहे से लण्ड सुनकर उसका लण्ड साला तन कर खड़ा हो गया। मैंने पजामा खोला और लण्ड बाहर निकाल लिया। मैंने कल पहली बार देखा तेरे अब्बू का लण्ड। लण्ड देखते ही मेरी चूत गर्मी के मारे खौलने लगी। मेरी अम्मी जान में तेरे अब्बू के लण्ड की तारीफ की थी तब से मैं तेरे अब्बू का लण्ड पकड़ने की कोशिश कर रही थी। कल जब मैंने तुझे देखा तो मुझे जोश आ गया और मेरी हिम्मत बढ़ गयी। फिर क्या ? मैं भी नंगी हो गयी और उससे अपनी बुर चटवाने लगी। मैं उसका लण्ड चाटने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने सच में खूब जम कर चुदवाया। वह बोला सबा तेरी अम्मी जाना भी इसी तरह चुदवाती है। मैंने कहा हाय दईया तू मेरी माँ चोदता है तो फिर उसी तरह उसकी बिटिया की बुर चोद ले ? फिर तो फ़िरोज़ा तेरे अब्बू जान ने मेरी चूत का बाजा खूब बजाया।
मैंने कहा - वाओ, तब तो तू भी मेरी ही तरह चुदवाने की बड़ी शौक़ीन है।
वह बोली - अरे यार हमारे घर में चोदा चोदी का जबरदस्त माहौल रहता है। मैं जब जवान हुई तो मेरी अम्मी ने मुझसे कहा की सबा अब तुम हम सब लोगों के साथ फर्श पर ही लेटा करो। अब तुम बड़ी हो गयी हो और मस्त जवान भी। अब तुम्हे बच्चों के बीच रहने की कोई जरुरत नहीं है। अब तुम हम लोगों के साथ जवानी का मज़ा लूटो और खूब एन्जॉय करो। मैं अम्मी जान की बात समझ तो गई पर पूरी तरह नहीं समझ पाई। रात को सब लोग ज़मीन पर लेट गए। मैं अम्मी जान, अब्बू जान, भाभी जान भाभी जान, मेरी आपा और मेरे जीजू भी। थोड़ी देर में मेरी फूफी का बेटा असद भी आ गया। वह मुझसे दो साल बड़ा है। वह भी हमारे साथ लेट गया। मैंने देखा की सब लोग बहुत कम कपड़े पहने हुए हैं। करीब एक घंटे के बाद मैंने देखा की मेरी भाभी जान मेरे अब्बू का पजामा खोल डाला और उसका लण्ड पकड़ कर हिला रहीं हैं। मैंने मन में कहा बाप रे भाई जान के होते हुए और अम्मी जान के सामने ही भाभी जान बड़ी बेशर्मी से अब्बू का लण्ड हिला रहीं हैं ? यानी अपने शौहर का लण्ड नहीं अम्मी के शौहर का लण्ड हिला रहीं हैं ?
मुझे और हैरानी तब हुई जब मैंने देखा की भाई जान का लण्ड मेरी आपा यानी बड़ी बहन हिला रही है। दोनों एकदम नंगे हैं। मैं दोनों मोटे तगड़े लण्ड देख कर एकदम मस्त हो गयी और मेरी चूत बहन चोद गनगना उठी। तब तक अम्मी जान जीजू को नंगा करके उसका लौड़ा अपने मुंह में भर कर चूसने लगीं। वह मुझसे बोली अरी बुर चोदी फ़िरोज़ा तू भी असद का लण्ड पकड़ कर मज़ा ले ले। लौड़ा मेरी तरह मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दे। शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। यहाँ रात में हम सब रंडिया है और सबसे चुदवाती हैं। चल शुरू हो जा बहन की लौड़ी ? मुझसे फिर रहा न गया और मैंने भी असद का लौड़ा उसको नंगा करके निकाल लिया । लण्ड मेरे हाथ में आते ही तन कर खड़ा हो गया और मैं भी अम्मी जान की तरह लण्ड पूरा मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगी। कुछ देर बाद चुदाई शुरू हो गयी। अब्बू अपनी बहू की बुर चोदने लगा। भाई जान ने अपनी बहन की बुर में लण्ड पेल दिया। जीजू मादर चोद अपनी सास का भोसड़ा चोदने लगा और मुझे मेरी फूफी का बेटा असद चोदने लगा।
हम सबकी बुर चुदने लगी तो पहली बार मुझे सबके साथ चुदवाने का मज़ा मिला। उसके बाद हम सबने सबसे चुदवाया। मैंने भाई जान से भी चुदवाया और फिर अब्बू जान ने भी मुझे चोदा। जीजू ने भी मेरी बुर में लण्ड पेला। फिर तो हर रोज़ मैं कई लोगों से चुदवाने लगी।
दूसरे दिन मेरी खाला की बेटी बोली यार मैं तो अपनी ससुराल गयी थी नहीं हो ,,,,,,,,,,,, ?
मैंने कहा - तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ससुराल जाकर ?
वह बोली - यार मैं लण्ड उखाड़ कर ही आ रही हूँ। पहले अपने देवर का लण्ड उखाड़ा। फिर अपने जेठ का लण्ड और नंदोई का लण्ड उखाड़ा। बाद में अपने ससुर का लण्ड उखाड़ कर आ रही हूँ मैं।
मैंने कहा - तो फिर आज मैं तेरे शौहर का लण्ड उखाडूँगी।
०=०=०=०=०= समाप्त
Tags: भोसड़ी के आज चोद ले मेरी बेटी की बुर - Maa ne Beti ko chudwaya , एक साथ कई लंडो से चुदाई , लंड खाने की शौकीन , एक लंड मुंह में चूसा , एक लंड चूत में और एक लंड गांड में , दो लंड हाथों में , अपनी बेटी को अपने सामने चुदवाने वाली माँ.
मेरा नाम मदीहा है मैं २४ साल की हूँ और बेहद खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ. मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही बोल्ड और बदचलन भी हूँ। मैं १५ साल की उम्र में ही लण्ड पकड़ना सीख लिया था और फिर उसे मुंह में लेकर चूमना, चूसना और चाटना सब सीख लिया था। मुझे लण्ड बहुत अच्छे लगने लगे थे। मैं जिस लड़के को देखती तो उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती, लण्ड के साइज और लण्ड की हुलिया के बारे में मन ही मन अंदाजा लगाने लगती। मेरी अम्मी जान हर बात पर 'लण्ड' बोलती थीं। एक दिन मैं थोड़ा पहले आ गयी। मैंने अम्मी से कहा मैं थोड़ा पहले आ गयी हूँ अम्मी जान। वह बोली तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने पहले आकर ? दूसरे दिन थोड़ा देर से आयी तो वह बोली तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने देर से आकर ? एक दिन मेरी खाला जान की बेटी आयी और बोली आज मैं भीड़ में फंस गयी थी। तो अम्मी बोली तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने भीड़ में फंस कर ? मेरी पड़ोसन बोली मदीहा की अम्मी जान कल मैंने अपने शौहर से चुदवा लिया यार। तो अम्मी ने तुरंत कहा तो क्या लण्ड उखाड़ लिए तूने उससे चुदवाकर। उसकी बेटी बोली आंटी जान मैं पास हो गयी हूँ। तो अम्मी बोली तो क्या लण्ड उखाड़ किया तूने पास होकर ?
कहने का मतलब मेरी अम्मी जान का तकिया कलाम है "तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ?" इसलिए मुझे भी लण्ड से एक अजीब तरह का लगाव हो गया था।
धीरे धीरे मैं लण्ड अपनी चूत में घुसाने लगी।पहली बार थोड़ा दर्द जरूर हुआ था पर कुछ देर बाद ज़न्नत का मज़ा आने लगा। १५ साल की ही उम्र में मुझे रात में जग कर सबकी चुदाई देखने की आदत पड़ चुकी थी। रात में जगने के लिए मैं दिन में सो जाती और रात को सबकी चुदाई का मज़ा लूटती। मुझे एहसास हो गया की जो औरत बाहर से बड़ी भोली भाली सीधी साधी और चुदाई में अनजान सी दिखती है वह बुर चोदी रंडी की तरह बड़ी बेशरमी में रात में एक से नहीं कई मर्दों से चुदवाती है। एक मरद का लण्ड नहीं सब मर्दों के लण्ड पकड़ती है और उन्हें अपनी चूत में पेलती है। मेरी सबसे ज्यादा नज़र अम्मी जान पर थी और उसके भोसड़ा पर थी।
एक दिन मैंने उसे खालू से चुदवाते हुए देखा तो दूसरे ही दिन फूफा जान से चुदवाते हुए। मैं इतने में ही समझ गयी की मेरी अम्मी भले ही बोलने चालने में बड़ी अच्छी हों, भले ही प्यार से सबको गालियां देती हों और भले ही सबका खूब ख्याल रखती हों पर चुदवाने में वह एक छिनार से कम नहीं है। अम्मी बुर चोदी सबके लण्ड गपागप पेल लेती है अपनी चूत में ? एक दिन तो मैंने उसे कहते हुए सुना की मेरे देवर राजा आज तू मुझे चोद ले। किसी दिन मैं तेरी तमन्ना पूरी कर दूँगी। तेरा लण्ड मैं अपनी बेटी मदीहा की बुर में घुसा दूँगी। तब तू मेरे सामने ही मेरी बेटी की बुर चोद लेना। पर उसे अभी अच्छी तरह जवान हो जाने दे। जवानी में वह खुद भोसड़ी वाली अपनी माँ चुदवायेगी। इस बात ने मेरी चूत की आग बुरी तरह भड़का दी थी । मैं समझ गयी की मेरी अम्मी जान किसी दिन मेरी बुर किसी से चुदवा जरूर लेगी। इस बात से मुझे चचा जान का लण्ड बड़ा प्यारा लगने लगा जो मेरी अम्मी का भोसड़ा चोद रहा था। मुझे खालू का लण्ड पहले ही भा गया था। मैं फिर अगले दिन अम्मी जान को पड़ोसी का लण्ड पीते हुए देखा। मैंने इसी तरह खाला जान को और फूफी को भी ग़ैर मर्दों से चुदवाते हुए देखा। मैं जान गयी की ये सब भोसड़ी वाली रात में रंडियों की तरह चुदवाती हैं।
एक दिन तो हद ही गयी जब मैंने रात में फूफी के बेटे को खाला का भोसड़ा चोदते हुए देखा और खाला के बेटे को फूफी का भोसड़ा चोदते हुए देखा। दोनों मादर चोद आमने सामने एक दूसरे की माँ चोद रहे थे। माँ भी एक दूसरे के बेटे से ऐसे चुदवा रहीं थीं जैसे की वह उसका शौहर हो। दोनों साले मजे से अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदते हुए बड़े प्यार से देख भी रहे थे। बस तब मेरा सब्र का बाँध टूट गया। उस समय मैं जवान भी हो चुकी थी। १८ + की हो गयी थी मैं ? एक दिन मैं अम्मी के साथ बैठी हुई थी। सवेरे का समय था। अचानक मेरी पड़ोसन सायरा आंटी आ गयी और बोली अरी ताहिरा (मेरी अम्मी जान का नाम) आज मैं अपनी बहन के बेटे से भोसड़ा फड़वा कर आ रही हूँ। अम्मी बोली तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ? भोसड़ा तो सभी फड़वाती हैं। मैं भी फड़वाती हूँ अपना भोसड़ा। फिर पीछे से मेरी फूफी की बेटी आ गयी वह बोली मामी जान आज मैं अपनी माँ चुदवाकर आ रही हूँ। तो इसी बात पर मेरे मुंह से निकला तो क्या लण्ड उखाड़ लिए तूने ? माँ का भोसड़ा तो सभी चुदवाती हैं। मैं भी चुदवाती हूँ अपनी माँ का भोसड़ा ?
बस अम्मी ने मेरी तरफ मुझ करके कहा - तू बुर चोदी कबसे चुदवाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ? आज तक कोई भी लण्ड नहीं पेला तूने अपनी माँ के भोसड़ा में मदीहा ?
मैंने कहा - अम्मी जान कॉलेज में सारी लड़कियां एक दूसरे की माँ चोदती हैं। खूब गालियां बकतीं हैं और टीचरों को भी खुले आम कभी कभी गालियां दे देतीं हैं। ये सब आजकल खूब होता है। मैं भी सबकी माँ चोदती हूँ ?
वह बोली - तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने सबकी माँ चोद कर ? अपनी माँ चोद के दिखाओ तो कोई बात भी है। मैंने जबाब दिया - कहो तो आज ही चोद के दिखा दूँ अपनी माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ?
वह बोली - हां हां तो फिर चोद ले न अपनी माँ का भोसड़ा बुर चोदी मदीहा ? तेरी माँ की चूत ? तू भी उखाड़ ले किसी का लण्ड ?
मैंने भी प्यार से जबाब दिया - तेरी बिटिया की बुर अम्मी जान. मैं आज ही तेरे सामने ही उखाडूँगी लण्ड और पेल दूँगी उसे तेरे भोसड़ा में ? कल मैं फूफी जान के घर भी गयी थी अम्मी जान।
वह बोली - तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने वहां जाकर ?
मैंने कहा - लण्ड तो कोई था ही नहीं वहां अम्मी जान। न तो फूफा जान का लण्ड था और न उसका बेटे का लण्ड। अगर होता तो मैं जरूर उखाड़ लेती लण्ड ?
अम्मी जान ने मेरे गाल चूमा लिया और मुझे गले से लगा लिया। कॉलेज के दो लड़कों को बुला लिया। अम्मी उन्हें देख कर खुश हो गईं। लड़के बड़े स्मार्ट और हैंडसम थे। रफीक और सफी दोनों मेरे बॉय फ्रैंड्स थे , मैं इन दोनों के लण्ड पकड़ती थी और दोनों से चुदवाती भी थी। मैंने सोंच लिया की आज मैं इनके लण्ड अपनी अम्मी की बुर में घुसेड़ दूँगी। मुझे शर्म तो कोई थी नहीं। मैं अम्मी को कई लोगोंसे चुदवाते हुए देख चुकी थी। अम्मी के मन में भी मेरी बुर चुदवाने का ख्याल था। मैं यह भी सोचने लगी की क्या अम्मी जान आज मेरी बुर चुदवायेगी की नहीं। गर्मी के दिन थे और दोपहर का समय था। मैं दोनों को लेकर पीछे वाले ये सी वाले कमरे में चली गई। मेरे बाद मेरे दोनों दोस्त भी आ गए और अम्मी जान भी। मैं दोनों के कपड़े उतारने लगी. उन्हें अम्मी जान के सामने नंगा करने लगी। मुझे लड़कों को नंगा करने में बड़ा मज़ा आता है और उनके सामने नंगी होने में भी खूब मज़ा आता है। मुझे लोगों के लण्ड देखने का और अपनी चूत और चूँचियाँ दिखाने में बड़ा शौक है। दोनों नंगे हुए हुए तो अम्मी जान के मुंह से निकला हाय अल्ला क्या मस्त लौड़े हैं दोनों, बहन चोद ? अब तो बहुत अच्छी तरह से चुदेगा तेरी माँ का भोसड़ा। सुन रही हो न बुर चोदी, मदीहा ?
अम्मी ने खुद अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया एक एक लण्ड और बड़े प्यार से उन्हें सहलाने लगीं। ऊपर नीचे करने लगीं और मैं उधर उसके कपड़े उतार कर उसे नंगी करने लगी। जैसे ही अम्मी नंगी हुई तो उसका नंगा जिस्म देख कर दोनों लण्ड एकदम से टन्ना उठे। दोनों लण्ड के साइज 8" x 5.5 " थे। झांटें बिलकुल साफ़ थीं और पेल्हड़ भी चिकने थे। अम्मी जान दोनों लण्ड का सुपाड़ा बारी बारी से चूमने और चाटने लगीं। अम्मी जान को दोनों ही लण्ड पसंद आ गए यह उसके चेहरे से मालूम पड़ रहा था। वह सुपाड़े के साथ साथ पेल्हड़ भी चाटने लगीं और मस्त होने लगीं।
इतने में किसी ने पीछे से कहा - अरे भाभी जान यह क्या हो रहा है ? मैंने भी पीछे मुड़ कर देखा और अम्मी जान ने भी। अम्मी बोली अरे मजीद तू सही मौके पर आ गया। मैं तेरा ही मन ही मन इंतज़ार कर रही थी। तू देख रहा है न की तेरी भाभी का भोसड़ा चुदने जा रहा है। और हां तूने उस दिन मेरी बेटी की बुर चोदने की इच्छा ज़ाहिर की थी न ? तो ले भोसड़ी के आज चोद ले मेरी बेटी की बुर। ये मदीहा है मेरी बेटी इसके कपड़े उतार कर इसे नंगी कर दे और पेल दे अपना लण्ड इसकी चूत में। आज तू मेरे सामने ही मेरी बेटी की बुर चोद कर दिखा। अम्मी जान की बात सुनकर वह जोश में आ गया और इधर मेरी भी चूत एकदम से गरमा उठी। वह मेरी तरफ बढ़ा तो मैंने कहा अरे चचा जान पहले अपना लण्ड दिखाओ मुझे ? मैं भी देखूं की वह कौन सा लौड़ा है जो मेरी माँ का भोसड़ा चोदता है ?
ऐसा कह कर मैंने उसका पजामा खोल डाला तो वह एकदम नंगा हो गया। उसका लौड़ा साला बड़ा मोटा था और वह तन कर खड़ा भी हो गया। मैंने उसे पहले देखा जरूर था लेकिन दूर से। आज मैं इसे नजदीक से देख रही हूँ और पकड़ कर देख रही हूँ तो मुझे बड़ा अच्छा भी लग रहा है और मस्त मज़ा भी आ रहा है। फिर मैं भी अपने कपड़े खोल कर नंगी नंगी लण्ड चूमने चाटने लगी और मज़ा करने लगी। मैंने प्यार से लण्ड पर एक थप्पड़ मारा और कहा तुम भोसड़ी के मेरी माँ के भोसड़ा में घुसते हो। मेरी माँ चोदते हो ? आज तुम मेरी माँ की बिटिया की बुर चोद कर दिखाओ तो जानू ? तुम्हे तो मेरी चूत अंदर घुसा कर भून डालेगी लण्ड मियां ? मैं मन में सोंचने लगी की अब मैं जल्दी ही खालू का लण्ड भी पेलूगी अपनी चूत में और फूफा से भी भकाभक चुदवाऊंगी। अब मुझे कोई रोक नहीं सकता ?
मैं चचा जान का लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा। उधर अम्मी जान रफीक का लण्ड चाटते हुए सफी से चुदवाने लगी। सफी उछल उछल कर मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा। अम्मी जान भी बड़ी मस्ती से मेरे आमने चुदवाने लगीं। थोड़ी देर में चचाजान ने भी लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैं भी एमी की ही तरह अपनी गांड से उचक उचक कर चुदवाने लगी। अम्मी को समझ में आ गया की मैं पहली बार नहीं चुदवा रही हूँ। उसने पूंछ भी लिया अरी भोसड़ी की फ़िरोज़ा तू पहले भी कई बार चुदवा चुकी है ऐसा मुझे मालूम हो रहा है. मैंने कहा हां अम्मी जान मैं पिछले कई साल से चुदवा रही हूँ पर तुम्हे बताया नहीं। मैंने जब तुझे कई लोगों से चुदवाते हुए देखा तो मेरी शर्म ख़तम हो गयी। फिर मैं भी चुदवाने लगी। इन दोनों से मैं कई बार चुदवा चुकी हूँ। अम्मी जान ने मस्ती में कहा अरे वाह तू बुर चोदी लण्ड की इतनी दीवानी है. तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ? मेरे सामने पकड़ती सबके लण्ड तो मुझे भी मज़ा आता। मेरी सभी सहेलियां आज भी अपनी बेटियों के साथ लण्ड पकड़तीं हैं लण्ड पीती हैं और चोदा चोदी करतीं हैं। उनकी बेटियां अपनी माँ के भोसड़ा में दनादन लण्ड पेलती हैं।
अम्मी बोली - तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तू तो बहन चोद चुदाई में मेरे से भी आगे निकल गयी। लगता है की तू बहुत दिनों से लण्ड उखाड़ रही है।
मैं बोली - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान। तू तो सबसे रंडी की तरह चुदवाती है हरामजादी अम्मी जान ? मैंने कई लण्ड तेरा भोसड़ा में घुसते हुए देखा है।
अम्मी बोली - तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ? तू क्यों नहीं आ गयी मेरे सामने ? मैं वही लण्ड खुदा कसम तेरी चूत में पेल देती।
अम्मी ने ऐसा कहते हुए सफी का लण्ड अपने भोसड़ा में पेल लिया और रफीक का लण्ड अपने मुंह में। यह मेरी और अम्मी की चुदाई करीब करीब ३/४ घंटे तक चलती रही। उस दिन मुझे सच में बड़ा ामज़ा आया। मैंने ठान लिया की अब जल्दी जल्दी इस तरह की चुदाई करूगी और खूब ऐय्यासी करूंगी।
दूसरे दिन मेरी मुलाक़ात चचा जान की बेटी सबा से हो गयी। हम दोनों बातें करने लगी। वह बोली मैं कल बाज़ार गयी थी। मेरे मुंह से फ़ौरन निकला तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने वहाँ जाकर ? वह हंस कर बोली यार मैं लण्ड उखाड़ने नहीं गयी थी अगर जाती तो लण्ड जरूर उखाड़ लाती ? धीरे धीरे बातें गहरी होती गई और
सबा ने बताया - यार फ़िरोज़ा कल तू यहाँ मेरे अब्बू जान से चुदवा रही थी तो मैं भी तेरे अब्बू जान के पास पहुँच गयी। मैंने बड़ी बेशर्मी से उसके लण्ड पर हाथ रख दिया और कहा तेरी बेटी मेरे अब्बू का लण्ड चूस रही है तो मैं उसके अब्बू का लण्ड चूसूंगी यानी तेरा लण्ड चूसूंगी। मेरे मुंहे से लण्ड सुनकर उसका लण्ड साला तन कर खड़ा हो गया। मैंने पजामा खोला और लण्ड बाहर निकाल लिया। मैंने कल पहली बार देखा तेरे अब्बू का लण्ड। लण्ड देखते ही मेरी चूत गर्मी के मारे खौलने लगी। मेरी अम्मी जान में तेरे अब्बू के लण्ड की तारीफ की थी तब से मैं तेरे अब्बू का लण्ड पकड़ने की कोशिश कर रही थी। कल जब मैंने तुझे देखा तो मुझे जोश आ गया और मेरी हिम्मत बढ़ गयी। फिर क्या ? मैं भी नंगी हो गयी और उससे अपनी बुर चटवाने लगी। मैं उसका लण्ड चाटने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने सच में खूब जम कर चुदवाया। वह बोला सबा तेरी अम्मी जाना भी इसी तरह चुदवाती है। मैंने कहा हाय दईया तू मेरी माँ चोदता है तो फिर उसी तरह उसकी बिटिया की बुर चोद ले ? फिर तो फ़िरोज़ा तेरे अब्बू जान ने मेरी चूत का बाजा खूब बजाया।
मैंने कहा - वाओ, तब तो तू भी मेरी ही तरह चुदवाने की बड़ी शौक़ीन है।
वह बोली - अरे यार हमारे घर में चोदा चोदी का जबरदस्त माहौल रहता है। मैं जब जवान हुई तो मेरी अम्मी ने मुझसे कहा की सबा अब तुम हम सब लोगों के साथ फर्श पर ही लेटा करो। अब तुम बड़ी हो गयी हो और मस्त जवान भी। अब तुम्हे बच्चों के बीच रहने की कोई जरुरत नहीं है। अब तुम हम लोगों के साथ जवानी का मज़ा लूटो और खूब एन्जॉय करो। मैं अम्मी जान की बात समझ तो गई पर पूरी तरह नहीं समझ पाई। रात को सब लोग ज़मीन पर लेट गए। मैं अम्मी जान, अब्बू जान, भाभी जान भाभी जान, मेरी आपा और मेरे जीजू भी। थोड़ी देर में मेरी फूफी का बेटा असद भी आ गया। वह मुझसे दो साल बड़ा है। वह भी हमारे साथ लेट गया। मैंने देखा की सब लोग बहुत कम कपड़े पहने हुए हैं। करीब एक घंटे के बाद मैंने देखा की मेरी भाभी जान मेरे अब्बू का पजामा खोल डाला और उसका लण्ड पकड़ कर हिला रहीं हैं। मैंने मन में कहा बाप रे भाई जान के होते हुए और अम्मी जान के सामने ही भाभी जान बड़ी बेशर्मी से अब्बू का लण्ड हिला रहीं हैं ? यानी अपने शौहर का लण्ड नहीं अम्मी के शौहर का लण्ड हिला रहीं हैं ?
मुझे और हैरानी तब हुई जब मैंने देखा की भाई जान का लण्ड मेरी आपा यानी बड़ी बहन हिला रही है। दोनों एकदम नंगे हैं। मैं दोनों मोटे तगड़े लण्ड देख कर एकदम मस्त हो गयी और मेरी चूत बहन चोद गनगना उठी। तब तक अम्मी जान जीजू को नंगा करके उसका लौड़ा अपने मुंह में भर कर चूसने लगीं। वह मुझसे बोली अरी बुर चोदी फ़िरोज़ा तू भी असद का लण्ड पकड़ कर मज़ा ले ले। लौड़ा मेरी तरह मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दे। शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। यहाँ रात में हम सब रंडिया है और सबसे चुदवाती हैं। चल शुरू हो जा बहन की लौड़ी ? मुझसे फिर रहा न गया और मैंने भी असद का लौड़ा उसको नंगा करके निकाल लिया । लण्ड मेरे हाथ में आते ही तन कर खड़ा हो गया और मैं भी अम्मी जान की तरह लण्ड पूरा मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगी। कुछ देर बाद चुदाई शुरू हो गयी। अब्बू अपनी बहू की बुर चोदने लगा। भाई जान ने अपनी बहन की बुर में लण्ड पेल दिया। जीजू मादर चोद अपनी सास का भोसड़ा चोदने लगा और मुझे मेरी फूफी का बेटा असद चोदने लगा।
हम सबकी बुर चुदने लगी तो पहली बार मुझे सबके साथ चुदवाने का मज़ा मिला। उसके बाद हम सबने सबसे चुदवाया। मैंने भाई जान से भी चुदवाया और फिर अब्बू जान ने भी मुझे चोदा। जीजू ने भी मेरी बुर में लण्ड पेला। फिर तो हर रोज़ मैं कई लोगों से चुदवाने लगी।
दूसरे दिन मेरी खाला की बेटी बोली यार मैं तो अपनी ससुराल गयी थी नहीं हो ,,,,,,,,,,,, ?
मैंने कहा - तो क्या लण्ड उखाड़ लिया तूने ससुराल जाकर ?
वह बोली - यार मैं लण्ड उखाड़ कर ही आ रही हूँ। पहले अपने देवर का लण्ड उखाड़ा। फिर अपने जेठ का लण्ड और नंदोई का लण्ड उखाड़ा। बाद में अपने ससुर का लण्ड उखाड़ कर आ रही हूँ मैं।
मैंने कहा - तो फिर आज मैं तेरे शौहर का लण्ड उखाडूँगी।
०=०=०=०=०= समाप्त
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