Home
» HIndi Sex Stories हिंदी में चुदाई की कहानियां Adult kahani in hindi चोदा चादी चोदन के किस्से देशी भाषा में
» घर चुदाई की आवाज़ से गूंजने लगा - Ghar chudai ki aavaj se gunjane lagaa
घर चुदाई की आवाज़ से गूंजने लगा - Ghar chudai ki aavaj se gunjane lagaa
अब तो मैं चोदूँगी अब्बू का लण्ड - Abbu ke lund ki pyas , घर चुदाई की आवाज़ से गूंजने लगा - Ghar chudai ki aavaj se gunjane lagaa , एक कमरे में कई लोगों की चुदाई , सामूहिक चुदाई , चूत गांड फाड़ चुदाई का मजा.
अभी तक तुम लोग चोदती आई हो मेरे अब्बू का लण्ड लेकिन अब मैं चोदूंगी अब्बू का लण्ड।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
उस दिन मैं अपने कुनबे की लड़कियों के साथ बैठ कर बातें कर रही थी। बातें बड़ी मसालेदार और लच्छेदार हो रहीं थीं । लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा और चोदा चोदी की बातें हो रहीं थीं। मेरी शादी की और मेरी सुहागरात की भी बातें होने लगीं. बातों ही बातों में मैंने कहा - एक बात सुन लो तुम लोग की मेरी शादी मेरे सबसे छोटे मामू जान से हुई है। इसलिए अब मैं हूँ अब्बू के साले की बीवी। मेरी अम्मी जान अब हो गयी है मेरी बुर चोदी नन्द और अब्बू भोसड़ी का हो गया है मेरा नंदोई। अब तो मैं चोदूँगी अब्बू का लण्ड और अम्मी का भोसड़ा ? चबा डालूंगी अब्बू का लण्ड और फाड़ डालूंगी अम्मी का भोसड़ा। भून डालूंगी अब्बू का लण्ड और चीर डालूंगी अम्मी की बुर ? अब न बच पायेगा अब्बू का लण्ड और न बच पायेगी अम्मी का चूत। मुझे मालूम है की अभी तक तुम लोगों ने मेरे अब्बू के लण्ड का मज़ा खूब लूटा है। अब मैं लूटूँगी अब्बू के लण्ड का मज़ा।
मेरा नाम है दोस्तों, फरहा। मैं 25 साल की हूँ। मेरी शादी अभी 2 महीने पहले ही हुई है। मैं जितनी खूबसूरत चुदाई में बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ। मेरी अम्मी जान है मुमताज़ बेगम। वह भी बहुत हरामजादी खूबसूरत है और ग़ैर मर्दों के लण्ड की जबरदस्त दीवानी है। मेरी भाभी जान समीना और भाई जान जासिर हैं। इसके अलावा हमारे घर में खाला जान और उसकी फॅमिली का आना जाना होता है. फूफी जान, उसकी बेटियों और बेटों का आना जाना भी लगा रहता है। और भी कई नाते रिश्ते दार आतें हैं. कुछ रुकते हैं और कुछ चले जातें हैं। हम सब एक साथ रहतें हैं, एक साथ खातें हैं और एक साथ रात में सोते भी हैं। मैं भी उस दिन सबके साथ लेट गई थी।
पहले तो सब लोग आपस में बातें करते रहे लेकिन फिर धीरे धीरे सन्नाटा होने लगा। तब तक रात के 11 बज चुके थे। मैं समझी की एक एक करके सब सोने लगीं होंगीं। मरद भी सब अभी खर्राटा भरने ही वाले होंगें। लेकिन मैं गलत थी। ऐसा कुछ नहीं हुआ। हां कुछ लोग करवटें जरूर बदलने लगे। गर्मी के दिन थे। औरत हो या मरद सबने या तो कम कपड़े पहने थे या फिर ढीले कपड़े। इतने में मैंने देखा की मेरी भाभी जान का हाथ मेरी खाला के बेटे के पैजामे में घुसा हुआ है। पजामा का नाड़ा खुला था और साफ़ ज़ाहिर हो रहा था की वह अंदर उसका लण्ड सहला रहीं हैं। उधर फूफी की बेटी का हाथ भाई जान के लण्ड पर टहल रहा था। उसने भी धीरे से हाथ उसकी लुंगी में घुसा दिया। वह लण्ड अंदर ही अंदर हिलाने लगी। इधर चचा जान का हाथ अम्मी की चूँचियों पर चल रहा था और चची जान अब्बू जान के लण्ड की तलाश में लगीं थीं। मैं उसे बड़े गौर से देख रही थी। कुछ देर में चची जान ने अब्बू का लण्ड पकड़ ही लिया।
मैंने पहली बार अब्बू के लण्ड का दीदार किया तो मेरी चूत की आग बुरी तरह भड़क गयी। मैंने मन में कहा अब्बू का लण्ड तो मैं पकड़ना चाहती थी पर इस बुर चोदी चची ने पहल कर दी और लौड़ा इसने पकड़ लिया। मैं मन मसोस कर रह गयी। इतने में किसी ने अपना लण्ड मेरे हाथ में रख दिया। मैंने मुड़ कर देखा तो वह मेरा सबसे बड़ा खालू था। मेरे तीन खालू हैं। उसका लण्ड देख कर मैं सहम गई। मैंने मन में कहा हाय अल्लाह क्या लौड़ा इतना बड़ा भी होता है ? इतना मोटा भी होता है ? मैं पहले थोड़ा निराश हो गयी थी लेकिन खालू का लण्ड पकड़ कर मेरे चेहरे पर रौनक आ गई। धीरे धीरे एक एक करके सबके लण्ड बाहर आ गए। सभी मरद एकदम नंगे हो गए। मैंने सबके लण्ड पर नज़र डाली तो मेरी मस्ती का ठिकाना न रहा। मैं तो बहुत ही खुश हो गयी। रात में अगर किसी नई नवेली बीवी को इतने नंगे नंगे लण्ड वह भी टन टनाते हुए दिखाई पड़े तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। वही हाल मेरा था। मैं अपने आपको बड़ी नसीब वाली मानने लगी और मन में ठान लिया की आज रात को मैं सबके लण्ड का मज़ा लूंगी।
तब तक उधर मेरी अम्मी जान, भाभी जान,चची जान, फूफी की बेटी सब की सब बुर चोदी नंगी हो चुकीं थीं। फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े खोल कर फेंक दिया और खालू का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। मैंने देखा की भाभी जान खाला के बेटे रज्जाक का लंडूस रही है, फूफी की बेटी रिया भाई जान का लण्ड चूस रही है, अम्मी चचा का लण्ड पी रही है और चची मेरे अब्बू का लण्ड मजे से सुपाड़े से पेल्हड़ तक चाट रही है। मैं सबको देह भी रही थी और कहलू का लण्ड चूस भी रही थी। खालू मेरी बुर सहला रहा था मेरी चूँचियाँ दाब रहा था। वह बोला फरहा लगता है की तेरी चूँचियाँ पहले से बड़ी हो। तूने मेरी चूँचियाँ पहले कहाँ से देख लीं। वह बोला हां देखीं है एक दिन जब तू कपड़े बदल रही थी। मेरे मुंह से निकला बेटी चोद तू बड़ा हरामी है। पर मैं तेरा लण्ड आज पहली बार देख रही हूँ। उसने गच गचा के मुझे चिपका लिया और फिर लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं थोड़ा चिल्लाई तो मगर फिर मस्ती से चुदवाने लगी। मेरे बगल में मेरी भाभी जान रज्जाक से चुदवाने लगी और दूसरी तरफ मेरी अम्मी भी अपना भोसड़ा खोल कर चचा जान से चुदवाने लगी। फिर मैंने बड़े गौर से अब्बू को देखा। वह चचाई का भोसड़ा बड़े मजे से चोद रहा था।
आपको दोस्तों, ये यकीन नहीं हो रहा होगा की क्या ऐसा हकीकत में होता भी है की सिर्फ कोरी कल्पना ही है। मन गढंत बातें हैं। मैं आपको बताना चाहता हूँ की इस समाज में अक्सर घरों में इसी तरह सामूहिक चुदाई होती है। उनका यह मानना है की हमारे घर के मरद दिन भर कड़ी मेहनत करतें हैं तब पैसा पैदा करके घर लातें हैं ऐसे में हमारी यह ड्यूटी है की रात में हम उन्हें चुदाई का पूरा पूरा मज़ा दें। उनका पूरा मनोरंजन करें ताकि उनकी थकावट दूर हो सके । ऐसे में मरद किसी की भी बुर में लण्ड पेल सकता है और पूरा मज़ा ले सकता है। चाहे वह बहन हो, किसी की बीवी हो, बेटी हो, किसी की सास हो, नन्द हो, बहू हो, इससे कोई फरक नहीं पड़ता। उन्हें तो बस चोदने से मतलब ? ऐसे में चुदवाने वाली औरत कोई भी चुदवाने से मना नहीं करती।
इस तरह पूरे कमरे में सबकी चूत का बाजा बजने लगा। पूरा घर चुदाई की आवाज़ से गूंजने लगा। मुझे तो इस तरह की चुदाई की आवाज़ बड़ी अच्छी लगती है। चुदाई में जब मज़ा आने लगता है तो फिर मुंह से कुछ न कुछ अपने आप निकलने लगता है , जैसे की :- हाय अल्लाह बड़ा मज़ा आ रहा है -- बड़ा मोटा है तेरा लण्ड मेरे राजा -- मुझे और कस कस के चोदो -- पूरा लण्ड पेल के चोदो यार -- हाय रे फटी जा रही है मेरी बुर -- हां ऊँ हो ओ आ हां हो, क्या मस्त लौड़ा है तेरा -- अपनी बीवी समझ के चोदो मुझे -- तेरा लण्ड तो मेरी माँ का भोसड़ा भी चोद डालेगा -- मैं तेरे लण्ड पे बैठूंगी यार -- मुझे पीछे से भी चोदो -- हां यार आज पहली बार कोई चोदने वाला मरद मिला है मुझे -- फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर -- चाहो तो मेरी गांड भी चोद लो -- हां बिलकुल चोदो खूब चोदो -- मैं बड़ी बेशरम हूँ -- मैं तो किसी से भी चुदवा लेती हूँ -- ,,,,,,,,,,,,,,,,?
अब मुझे शरारत सूझी तो मैंने खालू का लण्ड अपनी बुर से निकाल कर अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया और कहा खालू अब तू मेरी नन्द की बुर चोद के दिखा ? अब ये मेरी अम्मी नहीं है अब ये हो गयी है मेरी बुर चोदी नन्द। आज मैं अपनी नन्द का भोसड़ा चोदूगी। खालू का लण्ड गप्प से उसकी चूत में घुस गया। तब मैं लपक कर अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और उससे प्यार से दो थप्पड़ मार कर कहा लण्ड राजा अब तू मेरा अब्बू नहीं मेरा नंदोई है। हां भोसड़ी के अब तू मेरे नंदोई का लण्ड है। मैंने थोड़ी देर तक तो लण्ड से बातें कीं, लण्ड से प्यार किया मुंह में लिया और फिर कूद के बैठ गयी लण्ड पर। मैंने कहा अब मैं चोदूँगी अपने नंदोई का लण्ड ? मैं सच में लण्ड पे कूदने लगी। अपने चूतड़ उठा उठा के पटकने लगी लण्ड पे। मैं मन ही मन बड़ी खुश थी की आज मैं अपनी नन्द का भोसड़ा चुदवा रही हूँ और नंदोई का लण्ड चोद रही हूँ।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
उस दिन मैं अपने कुनबे की लड़कियों के साथ बैठ कर बातें कर रही थी। बातें बड़ी मसालेदार और लच्छेदार हो रहीं थीं । लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा और चोदा चोदी की बातें हो रहीं थीं। मेरी शादी की और मेरी सुहागरात की भी बातें होने लगीं. बातों ही बातों में मैंने कहा - एक बात सुन लो तुम लोग की मेरी शादी मेरे सबसे छोटे मामू जान से हुई है। इसलिए अब मैं हूँ अब्बू के साले की बीवी। मेरी अम्मी जान अब हो गयी है मेरी बुर चोदी नन्द और अब्बू भोसड़ी का हो गया है मेरा नंदोई। अब तो मैं चोदूँगी अब्बू का लण्ड और अम्मी का भोसड़ा ? चबा डालूंगी अब्बू का लण्ड और फाड़ डालूंगी अम्मी का भोसड़ा। भून डालूंगी अब्बू का लण्ड और चीर डालूंगी अम्मी की बुर ? अब न बच पायेगा अब्बू का लण्ड और न बच पायेगी अम्मी का चूत। मुझे मालूम है की अभी तक तुम लोगों ने मेरे अब्बू के लण्ड का मज़ा खूब लूटा है। अब मैं लूटूँगी अब्बू के लण्ड का मज़ा।
मेरा नाम है दोस्तों, फरहा। मैं 25 साल की हूँ। मेरी शादी अभी 2 महीने पहले ही हुई है। मैं जितनी खूबसूरत चुदाई में बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ। मेरी अम्मी जान है मुमताज़ बेगम। वह भी बहुत हरामजादी खूबसूरत है और ग़ैर मर्दों के लण्ड की जबरदस्त दीवानी है। मेरी भाभी जान समीना और भाई जान जासिर हैं। इसके अलावा हमारे घर में खाला जान और उसकी फॅमिली का आना जाना होता है. फूफी जान, उसकी बेटियों और बेटों का आना जाना भी लगा रहता है। और भी कई नाते रिश्ते दार आतें हैं. कुछ रुकते हैं और कुछ चले जातें हैं। हम सब एक साथ रहतें हैं, एक साथ खातें हैं और एक साथ रात में सोते भी हैं। मैं भी उस दिन सबके साथ लेट गई थी।
पहले तो सब लोग आपस में बातें करते रहे लेकिन फिर धीरे धीरे सन्नाटा होने लगा। तब तक रात के 11 बज चुके थे। मैं समझी की एक एक करके सब सोने लगीं होंगीं। मरद भी सब अभी खर्राटा भरने ही वाले होंगें। लेकिन मैं गलत थी। ऐसा कुछ नहीं हुआ। हां कुछ लोग करवटें जरूर बदलने लगे। गर्मी के दिन थे। औरत हो या मरद सबने या तो कम कपड़े पहने थे या फिर ढीले कपड़े। इतने में मैंने देखा की मेरी भाभी जान का हाथ मेरी खाला के बेटे के पैजामे में घुसा हुआ है। पजामा का नाड़ा खुला था और साफ़ ज़ाहिर हो रहा था की वह अंदर उसका लण्ड सहला रहीं हैं। उधर फूफी की बेटी का हाथ भाई जान के लण्ड पर टहल रहा था। उसने भी धीरे से हाथ उसकी लुंगी में घुसा दिया। वह लण्ड अंदर ही अंदर हिलाने लगी। इधर चचा जान का हाथ अम्मी की चूँचियों पर चल रहा था और चची जान अब्बू जान के लण्ड की तलाश में लगीं थीं। मैं उसे बड़े गौर से देख रही थी। कुछ देर में चची जान ने अब्बू का लण्ड पकड़ ही लिया।
मैंने पहली बार अब्बू के लण्ड का दीदार किया तो मेरी चूत की आग बुरी तरह भड़क गयी। मैंने मन में कहा अब्बू का लण्ड तो मैं पकड़ना चाहती थी पर इस बुर चोदी चची ने पहल कर दी और लौड़ा इसने पकड़ लिया। मैं मन मसोस कर रह गयी। इतने में किसी ने अपना लण्ड मेरे हाथ में रख दिया। मैंने मुड़ कर देखा तो वह मेरा सबसे बड़ा खालू था। मेरे तीन खालू हैं। उसका लण्ड देख कर मैं सहम गई। मैंने मन में कहा हाय अल्लाह क्या लौड़ा इतना बड़ा भी होता है ? इतना मोटा भी होता है ? मैं पहले थोड़ा निराश हो गयी थी लेकिन खालू का लण्ड पकड़ कर मेरे चेहरे पर रौनक आ गई। धीरे धीरे एक एक करके सबके लण्ड बाहर आ गए। सभी मरद एकदम नंगे हो गए। मैंने सबके लण्ड पर नज़र डाली तो मेरी मस्ती का ठिकाना न रहा। मैं तो बहुत ही खुश हो गयी। रात में अगर किसी नई नवेली बीवी को इतने नंगे नंगे लण्ड वह भी टन टनाते हुए दिखाई पड़े तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। वही हाल मेरा था। मैं अपने आपको बड़ी नसीब वाली मानने लगी और मन में ठान लिया की आज रात को मैं सबके लण्ड का मज़ा लूंगी।
तब तक उधर मेरी अम्मी जान, भाभी जान,चची जान, फूफी की बेटी सब की सब बुर चोदी नंगी हो चुकीं थीं। फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े खोल कर फेंक दिया और खालू का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। मैंने देखा की भाभी जान खाला के बेटे रज्जाक का लंडूस रही है, फूफी की बेटी रिया भाई जान का लण्ड चूस रही है, अम्मी चचा का लण्ड पी रही है और चची मेरे अब्बू का लण्ड मजे से सुपाड़े से पेल्हड़ तक चाट रही है। मैं सबको देह भी रही थी और कहलू का लण्ड चूस भी रही थी। खालू मेरी बुर सहला रहा था मेरी चूँचियाँ दाब रहा था। वह बोला फरहा लगता है की तेरी चूँचियाँ पहले से बड़ी हो। तूने मेरी चूँचियाँ पहले कहाँ से देख लीं। वह बोला हां देखीं है एक दिन जब तू कपड़े बदल रही थी। मेरे मुंह से निकला बेटी चोद तू बड़ा हरामी है। पर मैं तेरा लण्ड आज पहली बार देख रही हूँ। उसने गच गचा के मुझे चिपका लिया और फिर लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं थोड़ा चिल्लाई तो मगर फिर मस्ती से चुदवाने लगी। मेरे बगल में मेरी भाभी जान रज्जाक से चुदवाने लगी और दूसरी तरफ मेरी अम्मी भी अपना भोसड़ा खोल कर चचा जान से चुदवाने लगी। फिर मैंने बड़े गौर से अब्बू को देखा। वह चचाई का भोसड़ा बड़े मजे से चोद रहा था।
आपको दोस्तों, ये यकीन नहीं हो रहा होगा की क्या ऐसा हकीकत में होता भी है की सिर्फ कोरी कल्पना ही है। मन गढंत बातें हैं। मैं आपको बताना चाहता हूँ की इस समाज में अक्सर घरों में इसी तरह सामूहिक चुदाई होती है। उनका यह मानना है की हमारे घर के मरद दिन भर कड़ी मेहनत करतें हैं तब पैसा पैदा करके घर लातें हैं ऐसे में हमारी यह ड्यूटी है की रात में हम उन्हें चुदाई का पूरा पूरा मज़ा दें। उनका पूरा मनोरंजन करें ताकि उनकी थकावट दूर हो सके । ऐसे में मरद किसी की भी बुर में लण्ड पेल सकता है और पूरा मज़ा ले सकता है। चाहे वह बहन हो, किसी की बीवी हो, बेटी हो, किसी की सास हो, नन्द हो, बहू हो, इससे कोई फरक नहीं पड़ता। उन्हें तो बस चोदने से मतलब ? ऐसे में चुदवाने वाली औरत कोई भी चुदवाने से मना नहीं करती।
इस तरह पूरे कमरे में सबकी चूत का बाजा बजने लगा। पूरा घर चुदाई की आवाज़ से गूंजने लगा। मुझे तो इस तरह की चुदाई की आवाज़ बड़ी अच्छी लगती है। चुदाई में जब मज़ा आने लगता है तो फिर मुंह से कुछ न कुछ अपने आप निकलने लगता है , जैसे की :- हाय अल्लाह बड़ा मज़ा आ रहा है -- बड़ा मोटा है तेरा लण्ड मेरे राजा -- मुझे और कस कस के चोदो -- पूरा लण्ड पेल के चोदो यार -- हाय रे फटी जा रही है मेरी बुर -- हां ऊँ हो ओ आ हां हो, क्या मस्त लौड़ा है तेरा -- अपनी बीवी समझ के चोदो मुझे -- तेरा लण्ड तो मेरी माँ का भोसड़ा भी चोद डालेगा -- मैं तेरे लण्ड पे बैठूंगी यार -- मुझे पीछे से भी चोदो -- हां यार आज पहली बार कोई चोदने वाला मरद मिला है मुझे -- फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर -- चाहो तो मेरी गांड भी चोद लो -- हां बिलकुल चोदो खूब चोदो -- मैं बड़ी बेशरम हूँ -- मैं तो किसी से भी चुदवा लेती हूँ -- ,,,,,,,,,,,,,,,,?
अब मुझे शरारत सूझी तो मैंने खालू का लण्ड अपनी बुर से निकाल कर अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया और कहा खालू अब तू मेरी नन्द की बुर चोद के दिखा ? अब ये मेरी अम्मी नहीं है अब ये हो गयी है मेरी बुर चोदी नन्द। आज मैं अपनी नन्द का भोसड़ा चोदूगी। खालू का लण्ड गप्प से उसकी चूत में घुस गया। तब मैं लपक कर अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और उससे प्यार से दो थप्पड़ मार कर कहा लण्ड राजा अब तू मेरा अब्बू नहीं मेरा नंदोई है। हां भोसड़ी के अब तू मेरे नंदोई का लण्ड है। मैंने थोड़ी देर तक तो लण्ड से बातें कीं, लण्ड से प्यार किया मुंह में लिया और फिर कूद के बैठ गयी लण्ड पर। मैंने कहा अब मैं चोदूँगी अपने नंदोई का लण्ड ? मैं सच में लण्ड पे कूदने लगी। अपने चूतड़ उठा उठा के पटकने लगी लण्ड पे। मैं मन ही मन बड़ी खुश थी की आज मैं अपनी नन्द का भोसड़ा चुदवा रही हूँ और नंदोई का लण्ड चोद रही हूँ।
Click on Search Button to search more posts.